Akhilesh Mamata Meeting: तृणमूल कांग्रेस (TMC) हर साल शहीद दिवस कार्यक्रम का आयोजन करती है. इस दौरान 21 जुलाई 1993 को टीएमसी द्वारा आयोजित प्रदर्शन में मारे गए 13 लोगों को श्रद्धांजलि दी जाती है. इसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पश्चिम बंगाल पहुंचे.
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Akhilesh Mamata Meeting: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं. वह तृणमूल कांग्रेस की ओर से आयोजित धर्मतला रैली में भाग लिए. इस दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक साथ मंच साझा किया. इस दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि देश में ऐसी ताकते हैं, जो देश में बंटवारे की राजनीति करते हैं. कुछ समय के लिए वो जीत जाते हैं लेकिन बार-बार ऐसा नहीं होता है. उनका मकसद लोगों के भलाई का भी होता है, गिरकर भी वो लोग सत्ता में रहने की कोशिश करते हैं. बंगाल और यूपी ने बीजेपी को पीछे छोड़ दिया.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि दिल्ली की बीजेपी सरकार गिरने वाली है और हमारी आपकी सरकार बनेगी. यह लोग दूसरों के महापुरुषों को भी छीन लेने की कोशिश करते हैं. उनके पास गुरुदेव भी नहीं हैं, नेताजी भी नहीं है. अखिलेश यादव ने कहा कि जब जब जनता जगरूप होती है, यह हताश होते हैं, आज देश जग उठा है. संविधान बचाने के लिए देश को बचाने के लिए सब को एकजुट रहना चाहिए. मुंबई के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के पश्चिम बंगाल दौरे को लेकर कई सियासी मायने लगाए जा रहे हैं.
वहीं, ममता बनर्जी ने अखिलेश की खुलकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में आपने जो खेल किया वह काबिले तारीफ है. यह (BJP) बेशर्म सरकार है जो एजेंसियों और अन्य साधनों का दुरुपयोग करके सत्ता में आई है. यह एक स्थिर सरकार नहीं है और जल्द ही गिर जाएगी.
यह है अखिलेश यादव का पूरा कार्यक्रम
दरअसल, तृणमूल कांग्रेस (TMC) हर साल शहीद दिवस कार्यक्रम का आयोजन करती है. इस दौरान 21 जुलाई 1993 को टीएमसी द्वारा आयोजित प्रदर्शन में मारे गए 13 लोगों को श्रद्धांजलि दी जाती है. इसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पश्चिम बंगाल पहुंचे. अखिलेश यादव नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरकर कोलकाता के एस्प्लेनेट स्थित रैलीस्थल के लिए रवाना हुए.
ममता ने क्या लिखा?
अखिलेश के आगमन से पूर्व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "21 जुलाई बंगाल के इतिहास में रक्तरंजित दिन है. 1993 में इसी दिन माकपा के दमनकारी शासन द्वारा 13 लोगों की बेरहमी से जान ले ली गई थी. इस दिन दमन के खिलाफ अपनी लड़ाई में मैंने अपने 13 साथियों को खो दिया था. इसलिए 21 जुलाई हमारे लिए एक भावनात्मक मील का पत्थर है. 21 जुलाई आज बंगाल की सार्वजनिक संस्कृति का एक अभिन्न अंग है"
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