UP Politics: 'अखिलेश यादव गांधी परिवार का दरबारी, मुलायम ने कभी…' सपा अध्यक्ष पर केशव प्रसाद का तीखा तंज
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UP Politics: 'अखिलेश यादव गांधी परिवार का दरबारी, मुलायम ने कभी…' सपा अध्यक्ष पर केशव प्रसाद का तीखा तंज

UP Politics: केशव प्रसाद मौर्य ने इस बार सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर ऐसा निशाना साधा कि खुद सपा भी हैरान हो गई होगी. समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का नाम लेकर उन्होंने कहा है कि अखिलेश यादव गांधी परिवार के दरबारी बन चुके हैं. उन्होंने एक पोस्ट के जरिए ये सब कहा.

Akhilesh Yadav, Keshav Prasad Maurya

Akhilesh Yadav: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच खुलकर जुबानी जंग चल रही है. दोनों नेता एक-दूसरे पर लगातार तीखे हमले कर रहे हैं. अखिलेश यादव पर इस केशव प्रसाद मौर्य ने तीखा तंज कसा है. उप मुख्यमंत्री ने इस बार समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का नाम तक ले लिया.

अखिलेश यादव पर तीखा सियासी हमला
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि अखिलेश यादव गांधी परिवार के दरबारी बन चुके हैं और ऐसा नेताजी मुलायम सिंह यादव ने कभी सोचा भी नहीं होगा. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को लेकर केशव प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया X पर एक पोस्ट लिखा जिसमें उन्होंने कहा कि ‘धरती पुत्र दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनके बाद उनका पुत्र अखिलेश यादव गांधी परिवार का दरबारी बन जाएगा. उनका समाज भी इससे आहत है कि नेताजी का बेटा किसी और की चाकरी करे.’

पहले कर चुके हैं सीएम योगी की तारीफ
आपको बता दें कि बीते रविवार को ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का एक बयान सुर्खियों में रहा था. दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उन्होंने तारीफ की. मिर्जापुर के मझवा में कार्यकर्ताओं को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य संबोधित कर रहे थे. तभी उन्होंने कहा कि दुनिया में प्रधानमंत्री मोदी जैसा कोई प्रधानमंत्री नहीं व देश में योगी जैसा कोई मुख्यमंत्री नहीं. 

अखिलेश यादव का पलटवार
डिप्टी सीएम ने जैसे ही सीएम योगी की तारीफ की, अखिलेश यादव ने उन पर तंज कस दिया. उन्होंने कहा था कि 'कोई ‘उप’ डबल हार के ‘उपहार’ के बाद भी डबल इंजन का प्रशंसा-प्रमाणपत्र बांट रहे हैं. माननीय अगर सही काम कर रहे होते तो दो ‘उप मुख्यमंत्री’ की क्या जरूरत थी. इसका ये मतलब है कि या तो वो सही काम नहीं कर रहे हैं या तो बाकी दो बेकाम हैं, नाकाम हैं. अखिलेश ने ये तक कह दिया था कि उनका काम केवल दरबारी चारण की तरह बस स्तुतिगान करना है.' अगर उप सच में उपयोगी हो तो दिल्ली के मंडल में भी होने चाहिए थे, लेकिन हीं है. इसका जवाब ‘उप’ देंगे या ‘चुप’रहेंगे ?”

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