पिछड़ों को साधने में दारा सिंह की थी अहम भूमिका, इस्तीफे से पूर्वांचल में बढ़ेगी BJP की टेंशन
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पिछड़ों को साधने में दारा सिंह की थी अहम भूमिका, इस्तीफे से पूर्वांचल में बढ़ेगी BJP की टेंशन

. सत्तारूढ़ दल भाजपा को चुनाव से पहले बैक टू बैक कई झटके लगे हैं. कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद अब योगी सरकार में मंत्री दारा सिंह चौहान (Dara Singh Chauhan) ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. 

पिछड़ों को साधने में दारा सिंह की थी अहम भूमिका, इस्तीफे से पूर्वांचल में बढ़ेगी BJP की टेंशन

नई दिल्ली: यूपी विधानसभा चुनाव (UP Electio 2022) नजदीक आते ही सूबे में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. सत्तारूढ़ दल भाजपा को चुनाव से पहले बैक टू बैक कई झटके लगे हैं. कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद अब योगी सरकार में मंत्री दारा सिंह चौहान (Dara Singh Chauhan) ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. 

दारा सिंह की गिनती पूर्वांचल में पिछड़ा वर्ग के बड़े नेता के तौर पर होती है. भाजपा में शामिल होने से पहले वह बहुजन समाज पार्टी के नेता थे. वह दो बार राज्यसभा के सदस्य (1996, 2000) भी रह चुके हैं. इसके बाद साल 2009 में वह बसपा के टिकट पर घोसी से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे. जहां वह बसपा की ओर से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे. हालांकि, साल 2014 में वह घोसी सीट से भाजपा प्रत्याशी हरिनारायण राजभर से चुनाव हार गए थे. 

स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद अब दारा सिंह चौहान का भी योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा

साल 2015 में दारा सिंह चौहान ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया. बीजेपी के उस समय राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उनको पार्टी की सदस्यता दिलाई थी. इसके बाद साल 2017 में वह भाजपा के टिकट पर मधुबन से चुनाव जीतकर विधायक बने. साथ ही योगी कैबिनेट में उनको वन और जन्तु उद्यान  मंत्री बनाया गया.  इसके अलावा ओबसी वोटरों को साधने के लिए बीजेपी की तरफ से दारा सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई थी. बीजेपी ने उनको पिछड़ा मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था. 

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यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद दारा सिंह चौहान का इस्तीफा देना भाजपा के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. देखना होगा कि बीजेपी इन नेताओं के पाला बदलने बाद किस तरह की रणनीति अपनाती है. दारा सिंह ने राज्यपाल को भेजे इस्तीफे में लिखा, 'मैंने पूरे मनोयोग से अपने विभाग की बेहतरी के लिए काम किया, लेकिन योगी सरकार की पिछड़ों, वंचितों, दलितों, किसानों और बेरोजगार नौजवानों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के साथ-साथ पिछड़ों और दलितों के आरक्षण के साथ जो खिलवाड़ हो रहा है, उससे आहत होकर मैं उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे रहा हूं.'

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