फ्लाइट में पेशाब कांडः आरोपी शंकर मिश्रा को दूर-दूर तक राहत के आसार नहीं, जानें कोर्ट ने क्या कहा
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फ्लाइट में पेशाब कांडः आरोपी शंकर मिश्रा को दूर-दूर तक राहत के आसार नहीं, जानें कोर्ट ने क्या कहा

Air India Urine Case: एयर इंडिया की फ्लाइट में महिला सहयात्री पर पेशाब करने के आरोपी शंकर मिश्रा की जमानत अर्जी पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज कर दी है. कोर्ट ने शंकर मिश्रा की ज़मानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि एक अजनबी महिला के साथ शंकर मिश्रा की हरकत बेहद  घिनौनी,घृणास्पद है और महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली है.

फ्लाइट में पेशाब कांडः आरोपी शंकर मिश्रा को दूर-दूर तक राहत के आसार नहीं, जानें कोर्ट ने क्या कहा

Air India Urine Case: एयर इंडिया की फ्लाइट में महिला सहयात्री पर पेशाब करने के आरोपी शंकर मिश्रा की जमानत अर्जी पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज कर दी है. कोर्ट ने शंकर मिश्रा की ज़मानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि एक अजनबी महिला के साथ शंकर मिश्रा की हरकत बेहद  घिनौनी,घृणास्पद है और महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली है. ये हरकत नागरिक चेतना को झकझोर देने वाली है, निंदनीय है. कोर्ट ने कहा कि घटना के वक़्त आरोपी शराब के नशे में था,ये उसने ख़ुद कबूला है. उसकी इस हरकत से मंशा जाहिर होती है.

यक़ीन के लायक नहीं आरोपी

कोर्ट ने कहा कि पूछताछ के लिए नोटिस दिए जाने पर भी शंकर मिश्रा जांच में शामिल नहीं हुआ, केवल गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद ही जांच में शामिल हुआ. ऐसे में उसका आचरण यक़ीन करने के लायक नहीं है. 

गवाहों को प्रभावित कर सकता है

कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने शिकायतकर्ता को सम्पर्क करने की कोशिश की. जांच अभी शुरुआती स्टेज पर है, अभी गवाहों के बयान दर्ज होने है. ऐसी  सूरत में ज़मानत पर रहते हुए उसके द्वारा गवाहो को प्रभावित करने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. लिहाजा कोर्ट ज़मानत अर्जी खारिज करता है.

सरकारी वकील, पीड़ित ने ज़मानत अर्जी का विरोध किया

सुनवाई के दौरान सरकार और शिकायतकर्ता के वकील ने आरोपी को ज़मानत दिए जाने का विरोध किया. सरकारी वकील  ने कहा कि आरोपी बेहद प्रभावशाली व्यक्ति है. जमानत मिलने की सूरत में वो जांच और गवाहों को प्रभावित कर सकता है. वहीं दूसरी ओर शिकायतकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया की घटना के बाद आरोपी के पिता ने पीड़ित को व्हाट्सएप मैसेज कर कहा कि उसे अपने कर्मों का फल भुगतना होगा. हालांकि बाद में यह मैसेज डिलीट कर दिया. वहीं शंकर मिश्रा की तरफ से उनके वकील ने दलील दी कि उनका मुवक्किल जांच में शामिल हुआ हैं और इस मामले में गैर जमानती वारंट जारी करने की कोई जरूरत नहीं थी. वकील ने यह भी कहा जो कुछ हुआ वह शराब के नशे में हुआ और आरोपी का मकसद महिला के यौन शोषण का नहीं था.

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