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नई दिल्ली: अगले साल यूपी (UP) समेत देश के पांच राज्यों में चुनाव हैं. इससे पहले धर्मांतरण (Conversion) और घर वापसी (Ghar Wapsi) का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है. इस बीच विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने ऐलान किया है कि वो 20 दिसंबर से देश में धर्मांतरण के खिलाफ घर वापसी (Ghar Wapsi) अभियान चलाएगी. अपने अभियान में VHP के नेता अलग-अलग पार्टियों के सांसदों से मुलाकात करेंगे और धर्मांतरण के खिलाफ कानून (Law Against Conversion) बनाने को लेकर चर्चा करेंगे.
बता दें कि हाल ही में शिया वक्फ बोर्ड (Shia Waqf Board) के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) ने घर वापसी की थी. वसीम रिजवी ने हिंदू धर्म अपना लिया है. वसीम रिजवी का नाम अब जिंतेंद्र नारायण सिंह त्यागी हो गया है. वसीम रिजवी ने गाजियाबाद के डासना मंदिर (Dasna Temple) में हिंदू धर्म अपनाया. यति नरसिंहानंद सरस्वती (Yati Narsinghanand) ने उनकी घर वापसी कराई.
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पांच राज्यों में चुनाव से पहले एक बार फिर धर्मांतरण के मुद्दे ने जोर पकड़ लिया है. विश्व हिंदू परिषद ने ऐलान किया है कि घर वापसी अभियान चलाया जाएगा ताकि धर्मांतरण के खिलाफ कठोर कानून बने. शनिवार को विश्व हिंदू परिषद ने इसी मुद्दे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें संगठन ने ऐलान किया कि 20 दिसंबर से देश में धर्मांतरण के खिलाफ घर वापसी अभियान शुरू होगा.
इस अभियान को लेकर VHP के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने ज़ी न्यूज़ से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने कहा कि वो उन लोगों की घर वापसी कराना चाहते हैं जो हाल ही में या फिर कुछ पीढ़ियों पहले दूसरा धर्म अपना चुके हैं.
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ज़ी न्यूज़ के साथ खास बातचीत में आलोक कुमार ने धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाए जाने की मांग की. इस बीच उन्होंने ये भी कहा कि अगर कोई आदिवासी अपनी परंपराओं को छोड़कर कोई और धर्म अपनाता है तो उसे आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए.
अपने इस अभियान को सफल बनाने के लिए VHP लगातार कई सांसदों से मिल रही है. उनका दावा है कि वो अब 329 सांसदों से मिल चुके और आने वाले समय में वो और सांसदों से मुलाकात करेंगे.
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