सर्गुजा जिले के कदनई गांव में एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा हुई. उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए परिवार वालों ने एंबुलेंस को फोन किया. लेकिन गांव में सड़क नहीं होने के कारण एंबुलेंस महिला को लेने नहीं पहुंच सकी.
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रायपुर: देश में एक तरफ कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर जारी है तो वहीं दूसरी तरफ कई राज्यों में बारिश ने तकबाही मचा रखी है. भारी बारिश के चलते असम और बिहार के कई जिले जलमग्न हैं. साथ ही कई राज्यों में नदियां उफान पर हैं और बाढ़ की स्थिति लगातार बनी हुई है.
कोरोना का कहर औप प्रकृति की मार झेल रहे गांव कस्बे के लोगों के लिए समस्या तब और भी विकट हो जाती है जब गांव में कोई बीमार पड़ जाता है और उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाना जरूरी होता है. लेकिन सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में गांवों तक एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती. ऐसे में कई बार गांव के लोग ही कंधों पर उठाकर मरीज को अस्पताल तक पहुंचाते हैं. कई बार या तो बीमार व्यक्ति की जान भी चली जाती है.
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ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के सर्गुजा जिले में सामने आया है. कदनई गांव में एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा हुई. उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए परिवार वालों ने एंबुलेंस को फोन किया. लेकिन गांव में सड़क नहीं होने के कारण एंबुलेंस महिला को लेने नहीं पहुंच सकी.
ऐसे में महिला के परिवार वालों ने गांव के कुछ लोगों की मदद से महिला को मछली की टोकरी में बैठाकर अस्पताल तक पहुंचाने का इंतजाम किया. समाचार एजेंसी ANI ने घटना का एक मार्मिक वीडियो साझा किया है. जिसमें चार लोग महिला को कंधों पर उठाकर उफनती नदी पार करते हुए ले जा रहे हैं.
#WATCH: A pregnant woman from Kadnai village of Surguja was carried on a makeshift basket through a river, as ambulance couldn't reach the village due to lack of proper road connectivity. The woman was later taken to the nearby govt hospital. #Chhattisgarh (1/8) pic.twitter.com/eenlZaWLOJ
— ANI (@ANI) August 1, 2020
गांव वालों ने महिला को नजदीक के सरकारी अस्पताल पहुंचा.