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गाजियाबाद: शिया वक्फ बोर्ड (Shia Waqf Board) के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) आज (सोमवार को) इस्लाम (Islam) धर्म छोड़कर हिंदू (Hindu) बन गए. कुरान की आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देने वाले वसीम रिजवी ने हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया है. उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर शिव शक्ति धाम के महंत यति नरसिंहानंद गिरि महाराज ने वसीम रिजवी को सनातन धर्म ग्रहण करवाया. हिंदू धर्म स्वीकार करने के बाद वसीम रिजवी का नाम जितेन्द्र नारायण सिंह त्यागी हो गया है.
बता दें कि वसीम रिजवी उस समय चर्चा में आए थे जब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कुरान की आयतों को हटाने के लिए अर्जी दी थी. जिसके बाद कई अल्पसंख्यक संगठनों ने उनका विरोध किया था. इसके बाद वसीम रिजवी की किताब को लेकर भी काफी विवाद हुआ था. बड़ी संख्या में हिंदू धर्मगुरुओं ने वसीम रिजवी के हिंदू बनने का स्वागत किया है.
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कुछ समय पहले वसीम रिजवी ने अपनी वसीयत में भी लिख दिया था कि मरने के बाद उन्हें दफनाने की बजाय हिंदू रीति रिवाज से उनका अंतिम संस्कार किया जाए. हालांकि मुस्लिम समुदाय का कहना है कि इस्लाम और शियाओं से इसका कुछ लेना-देना नहीं है.
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले वसीम रिजवी ने एक वीडियो भी जारी किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है. कट्टरपंथी उनकी गर्दन काटना चाहते हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कुरान की 26 आयतों के खिलाफ याचिका दायर की है इसीलिए ऐसा किया जा रहा है. उन्हें मारने का ऐलान किया गया है. वो लोग कहते हैं कि कब्रिस्तान में उन्हें दफन करने की जगह नहीं देंगे. इसीलिए उन्होंने कहा है कि मरने के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाए. उनकी चिता को आग महंत यति नरसिंहानंद गिरि महाराज ही दें.
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जान लें वसीम रिजवी काफी समय से कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं. वो कट्टरपंथ के खिलाफ खुलकर आवाज उठाते रहते हैं. उनको कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं.
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