Kolkata News: विरोध प्रदर्शन के नाम पर बुधवार की रात को अस्पताल के अंदर तोड़फोड़ मचा दी गई..वो भी तब..जब अस्पताल के बाहर डॉक्टर..धरने पर बैठे हुए थे..डॉक्टरों का आरोप है कि बुधवार रात लाठी डंडों से लैस भीड़ के अटैक से पहले तक वहां भारी पुलिसबल तैनात था.
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Doctor rape and murder case: कोलकाता के RGK अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर में साजिश वाली थ्योरी का DNA टेस्ट जरूरी है. इसमें रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं...और हर नया खुलासा एक ही सवाल को जन्म दे रहा है - क्या ट्रेनी डॉक्टर के रेप मर्डर के असली गुनहगार को बचाने की कोशिश हो रही है ? क्या अस्पताल में सबूत मिटने की साजिश हो रही है ?
असल में Zee News को एक Exclusive Video मिला है..जो उस रात का है..जब RGK अस्पताल में तोड़-फोड़ हुई थी. ये Exclusive Video आप इस वक्त अपनी टीवी स्क्रीन पर देख रहे हैं...जिसमें हमलावर भीड़...रॉड और डंडों से अस्पताल में तोड़-फोड़ कर रही है...इस वीडियो में हमलावरों को निर्देश दिया जा रहा है कि...इमरजेंसी हो गया, अब सेमिनार हॉल चलो..
RGK अस्पताल में साजिश का 'वीडियो सबूत' रेप-मर्डर के सबूत मिटाने की साजिश थी
RGK अस्पताल के अंदर ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के सबूत मिटाने की साजिश का पुख्ता सबूत है...क्योंकि वीडियो में साफ सुना जा सकता है कि हमलावरों का असली टारगेट वो सेमिनार हॉल था..जहां ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था. और अब तो कोलकाता हाईकोर्ट ने माना है कि अस्पताल में तोड़-फोड़ पूर्व नियोजित थी...और इसका एक नहीं..कई सबूत हैं...
पहला सबूत - प्रदर्शनकारियों की भीड़ लाठी-डंडे और लोहे की रॉड लेकर पहुंची थी..यानी तोड़-फोड़ करने की पूरी प्लानिंग बनाई गई थी...
दूसरा सबूत - अस्पताल के अंदर घुसते ही हमलावरों ने सबसे पहले वहां लगे CCTV कैमरों को तोड़ा..ताकि तोड़-फोड़ के दौरान उनके चेहरे रिकॉर्ड ना हो पाएं...
ये वो सबूत हैं..जिनको नकारा नहीं जा सकता...ऐसे में ये शक तो बनता है कि अस्पताल में क्राइम स्पॉट को नष्ट करने की साजिश हुई थी..लेकिन आखिर इस साजिश के पीछे कौन है..जिसने भीड़ को अस्पताल में तोड़फोड़ करने का आदेश दिया ? अब CBI को इन सवालों के जवाब भी तलाशने हैं...
इसलिए अब रेप-मर्डर के दोषी संजय रॉय के बाद..सीबीआई ने अपनी जांच को RGK अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर फोकस कर दिया है...सीबीआई ने शुक्रवार को संदीप घोष से 12 घंटे पूछताछ की थी..और आज भी संदीप घोष से सीबीआई दफ्तर में पूछताछ चल रही है...इस पूरे केस में अब प्रिंसिपल संदीप घोष की भूमिका भी संदेह के घेरे में है...क्यों है..आपको सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं..
संदेह की वजह नंबर एक -
प्रिंसिपल संदीप घोष ने अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के रेप मर्डर की सूचना पुलिस को नहीं दी.
संदेह की वजह नंबर दो -
प्रिंसिपल संदीप घोष ने मृतक डॉक्टर के परिवार से रेप-मर्डर की बात छिपाई और बताया कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है.
संदेह की वजह नंबर तीन -
परिवार का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें तीन घंटे तक बेटी का शव देखने की अनुमति नहीं दी.
कमाल की बात देखिये...RGK अस्पताल के प्रिंसिपल संदीप घोष..घटना के तुरंत बाद प्रिंसिपल पद से इस्तीफा दे देते हैं और चार घंटे के भीतर ही उन्हें नेशनल मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल बना दिया जाता है. ये बात तो कलकत्ता हाईकोर्ट के Judges के गले भी नहीं उतरी...कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा CBI जांच का आदेश देने का एक बड़ा आधार प्रिंसिपल संदीप घोष की संदिग्ध भूमिका भी है...कलकत्ता हाईकोर्ट का Observation भी आपको नोट करना चाहिए...
दूसरी जिम्मेदारी कैसे दे दी गई ?
जब मृतका उसी अस्पताल में डॉक्टर थी तो यह आश्चर्यजनक है कि प्रिंसिपल ने शिकायत क्यों नहीं दर्ज करवाई ? अगर प्रिंसिपल ने घटना की शिकायत दर्ज नहीं करवाई तो क्या आप उसे पुरस्कृत करेंगे. अगर प्रिंसिपल ने नैतिक आधार पर पद छोड़ा तो फिर उन्हें दूसरी जिम्मेदारी कैसे दे दी गई ? प्रिंसिपल वहां काम करने वाले सभी डॉक्टरों के अभिभावक हैं, अगर वो सहानुभूति नहीं दिखाते तो कौन दिखाएगा ? कोलकाता हाईकोर्ट ने ममता सरकार के वकील से कहा का हमने सुना है कि आप उसे बचा रहे हैं, ये अस्वीकार्य है.
हैरानी की बात ये है कि जिस अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर का रेप करके बेरहमी से हत्या कर दी गई...उस अस्पताल के प्रिंसिपल का बयान लेना तक बंगाल पुलिस को जरूरी नहीं लगा...लेकिन अब प्रिंसिपल संदीप घोष..CBI की रडार पर आ चुके हैं..जो सवाल बंगाल पुलिस को पूछने चाहिए थे..वो अब CBI..प्रिंसिपल से पूछ रही है...
CBI सूत्रों से हमें उन सवालों की Exclusive List मिली है जिनके जवाब CBI के अफसर...प्रिंसिपल संदीप घोष से जानना चाहते हैं...
सवाल नंबर 1
8 और 9 अगस्त की रात को हुई इस घटना के बारे में आपको कब और कैसे पता चला ?
सवाल नंबर 2
घटना की जानकारी मिलने के बाद आपने क्या-क्या किया ?
सवाल नंबर 3
आप इतने सालों से मेडिकल प्रोफेशन में है, डॉक्टर की बॉडी को देखने के बाद आपको क्या लगा ?
सवाल नंबर 4
पुलिस को किसने और कब कॉल किया था ? पुलिस को क्या बताया गया था ?
सवाल नंबर 5
मृतक डॉक्टर के परिवार वालों को कब और किसने जानकारी दी थी ?
सवाल नंबर 6
मृतक डॉक्टर के परिवार को क्या बताया गया था ?
सवाल नंबर 7
आपको किसने बताया था कि ये सुसाइड का केस है ?
सवाल नंबर 8
मृतक डॉक्टर के परिवार को गलत जानकारियां किसके कहने पर दी गई ?
इस्तीफा देने वाले संदीप घोष के कनेक्शन
इसके अलावा भी CBI ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से कई सवाल पूछे...जिनके संदीप घोष के पास कोई जवाब नहीं थे...और यही बात पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ जाती है.. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि खुद ही नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने वाले संदीप घोष के कनेक्शन इतने पावरफुल हैं कि उनके ऊपर भ्रष्टाचार से लेकर कदाचार तक के तमाम आरोप लगते रहे हैं..लेकिन ना तो कोई उनका इस्तीफा ले पाया..और ना उनका ट्रांसफर कर पाया...rgk मेडिकल कॉलेज के पूर्व डिप्टी सुपरिटेंडेंट अख्तर अली...ने डॉक्टर संदीप घोष की पूरी कुंडली खोली है...और संदीप घोष के चाल चरित्र पर कई खुलासे किये हैं...
सवाल सिर्फ RGK अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की भूमिका पर नहीं उठ रहे. CBI की रडार पर कोलकाता पुलिस भी है..और CBI के पास कोलकाता पुलिस को रडार पर लेने की वजह भी है...
सबसे पहली वजह तो ये है कि
कोलकाता पुलिस ने इस केस में अप्राकृतिक मौत या Unnatural Death का मामला दर्ज किया.
दूसरी वजह ये है कि
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गैंगरेप की आशंका के बाजवूद बाद में रेप-मर्डर का केस बनाया.
तीसरी वजह ये है कि
कोलकाता पुलिस ने इस केस में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का बयान ही दर्ज नहीं किया.
चौथी वजह ये है कि
कोलकाता पुलिस पर आरोप है कि उसने एक आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार करने के बाद जांच आगे नहीं बढ़ाई
पांचवीं वजह ये है कि
पुलिस ने घटनास्थल के बेहद नजदीक दूसरे कमरे में कंस्ट्रक्शन की इजाजत दे दी
और हद तो तब हो गई. जब विरोध प्रदर्शन के नाम पर बुधवार की रात को अस्पताल के अंदर तोड़फोड़ मचा दी गई..वो भी तब..जब अस्पताल के बाहर डॉक्टर..धरने पर बैठे हुए थे..डॉक्टरों का आरोप है कि बुधवार रात लाठी डंडों से लैस भीड़ के अटैक से पहले तक वहां भारी पुलिसबल तैनात था..लेकिन अटैक के वक्त पुलिस की तैनाती बेहद कम हो गई थी...
ये सारी परिस्थितियां इस शक को बढ़ाती हैं कि चाहे अस्पताल प्रशासन हो या कोलकाता पुलिस...डॉक्टर के रेप-मर्डर को दबाने और सबूत मिटाने के खेल में सब मिले हुए हैं. लेकिन आखिर वो कौन है..जिसके इशारे पर ये सब हो रहा है...सवाल ममता सरकार पर भी उठ रहे हैं...
क्योंकि ये घटना जितनी वीभत्स थी उसके हिसाब से एक महिला मुख्यमंत्री से ये उम्मीद होती है कि वो ऐसे संवेदनशील मामलों पर ज्यादा संवेदनशीलता दिखाएंगी...पर ऐसा नहीं हुआ...ममता बनर्जी से लोग इंसाफ की उम्मीद कर रहे है..लेकिन ममता बनर्जी खुद इंसाफ रैली निकाल रही हैं...आखिर ममता बनर्जी किससे इंसाफ मांग रही हैं ?
क्योंकि ये ममता बनर्जी ही हैं जिन्होंने बतौर मुख्यमंत्री..अस्पताल के प्रिंसिपल को तत्काल प्रभाव से नई पोस्टिंग दे दी. सवाल ये भी उठता है कि क्या ममता बनर्जी ने ये केस सीबीआई को ट्रांसफर करने में देरी करके पुलिस को सबूत मिटाने का वक्त दिया ?
ममता बनर्जी की मंशा पर सवाल इसलिए भी उठ रहा है क्योंकि कोलकाता पुलिस की तैनाती के बावजूद अस्पताल के अंदर घुसकर हमलावरों ने सेमिनार हॉल में तोड़फोड़ की कोशिश की..
ममता बनर्जी को इन सारे सवालों के जवाब देने चाहिए..लेकिन वो जवाब देने के बजाय राजनीति कर रही हैं...इंसाफ रैली निकाल रही हैं...कह रही हैं कि मेरी सरकार गिराने की साजिश हो रही है...ये तो वाकई गजब है.