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कोलकाता: बंगाल विधान सभा (West Bengal Assembly) में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सीमा सुरक्षा बल (BSF) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया. पंजाब के बाद बंगाल दूसरा राज्य है जहां केंद्र के इस फैसले के खिलाफ विधान सभा में प्रस्ताव पास हुआ है. ममता बनर्जी ने बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के खिलाफ 16 नवंबर को ही विधान सभा में प्रस्ताव लाने की घोषणा कर दी थी.
पश्चिम बंगाल विधान सभा ने राज्य में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधिकार क्षेत्र को 15 किमी से बढ़ाकर 50 किमी करने के केंद्र के कदम के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया. यह प्रस्ताव तृणमूल कांग्रेस के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने पेश किया. प्रस्ताव पेश करते हुए चटर्जी ने कहा, 'केंद्र का यह फैसला राज्य के संघीय ढांचे में हस्तक्षेप करेगा और बीएसएफ कानून के दायरे से बाहर है. यह राज्य में कानून और व्यवस्था की रक्षा के लिए राज्य पुलिस की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों में भी हस्तक्षेप है. हम मांग करते हैं कि पुराने आदेश को बहाल किया जाए और नया आदेश वापस लिया जाए.'
बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र विस्तार पर लगभग डेढ़ घंटे तक चर्चा चली, जिसमें सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों दलों के विधायकों ने भाग लिया इसके बाद प्रस्ताव पास किया गया. बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के विस्तार के खिलाफ प्रस्ताव का विरोध करते हुए, पश्चिम बंगाल विधान सभा में विपक्ष के नेता, सुवेंदु अधिकारी ने कहा, 'जब केंद्र जंगलमहल से सीआरपीएफ को वापस लेना चाहता है, तो आप सभी कहते हैं कि सीआरपीएफ की वापसी से माओवादियों का फिर से गठन हो सकता है. दार्जिलिंग, कलिम्पोंग में अशांति के दौरान सेना को तैनात किया गया था लेकिन आपको बीएसएफ पर भरोसा नहीं है? आप सभी कह रहे हैं कि कई लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र, सिलीगुड़ी जिला मुख्यालय सब कुछ बीएसएफ द्वारा अपने कब्जे में ले लिया जाएगा, यह सच नहीं है. जो राज्य पुलिस के पास था, वह राज्य पुलिस के पास रहेगा.'
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नेता विपक्ष ने कहा, 'मंत्री से अनुरोध है कि वह प्रस्ताव वापस लें जो उन्होंने पेश किया है. बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र केवल 50 किमी नहीं बल्कि 80 किमी तक बढ़ाया जाना चाहिए.' विधायकों के बीच वोटिंग के बाद 112 वोट पक्ष में और 63 प्रस्ताव के खिलाफ रहे. बाद में, अध्यक्ष ने घोषणा की कि प्रस्ताव के पक्ष में अधिकांश मतों के साथ प्रस्ताव पारित किया गया है. इस प्रस्ताव के साथ, पश्चिम बंगाल बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के विस्तार के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाला पंजाब के बाद दूसरा राज्य बन गया.
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