Wayanad Landslides: वायनाड आपदा का पहले ही भेजा था अलर्ट... संसद में बोले अमित शाह, नवीन पटनायक का भी आया जिक्र
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Wayanad Landslides: वायनाड आपदा का पहले ही भेजा था अलर्ट... संसद में बोले अमित शाह, नवीन पटनायक का भी आया जिक्र

Amit Shah Speech In Rajya Sabha: संसद के मानसून सत्र के दौरान बुधवार को राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केरल के वायनाड में भूस्खलन की आपदा पर अपनी बात रखी. उन्होंने केरल की पिनरई विजयन सरकार को घेरते हुए कहा कि ऐसी प्राकृतिक आपदा की आशंका के मद्देनजर पहले ही आगाह किया गया था. केरल सरकार ने अलर्ट को नजरअंदाज कर दिया.

Wayanad Landslides: वायनाड आपदा का पहले ही भेजा था अलर्ट... संसद में बोले अमित शाह, नवीन पटनायक का भी आया जिक्र

Amit Shah on Wayanad Disaster: केरल के वायनाड त्रासदी पर राज्यसभा में बुधवार को बोलते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले ही केरल सरकार को भारी बारिश की चेतावनी दी थी, लेकिन राज्य सरकार ने चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया. उन्होंने केरल की वामपंथी सरकार को घेरते हुए कहा कि 23 जुलाई को ही चेतावनी दी गई थी तो पिनरई विजयन सरकार ने वहां से लोगों को क्यों नहीं हटाया?

केरल सरकार ने वायनाड में अलर्ट को नजरअंदाज किया

वायनाड भूस्खलन की घटना को लेकर अमित शाह ने साफ कहा कि ऐसी आपदा की आशंका के मद्देनजर केरल सरकार को पहले ही आगाह किया गया था. उन्होंने कहा कि आमतौर पर कई राज्य ऐसी चेतावनियों पर ध्यान देते हैं, लेकिन केरल सरकार ने इसे नजरअंदाज किया. जिसका परिणाम वायनाड के मासूम लोगों को झेलना पड़ा है. उन्होंने आरोप लगाया कि केरल सरकार ने केंद्र सरकार के अलर्ट को हल्के में लिया.

मैं इस पर पहले कुछ बोलना नहीं चाहता था, मगर... 

अमित शाह ने वायनाड भूस्खलन में जान गंवाने वालों के प्रति संवेदना जताते हुए ऊपरी सदन में कहा, 'इस घटना में जितने भी लोग हताहत हुए हैं और घायल हुए हैं, उन सभी के परिवारजनों के साथ मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं.' उन्होंने कहा, 'मैं इस पर कुछ बोलना नहीं चाहता था, मगर भारत सरकार के अर्ली वार्निंग सिस्टम पर सवाल उठाए गए. इसलिए मैं कहता हूं कि कृपया सुनिए, सुनिए, मत चिल्लाईये, कृपया पढ़िए, जो वार्निंग भेजी गई है, उसे पढ़िए जरा.

23 जुलाई से 26 जुलाई तक लगातार दी गई थी चेतावनी

इसके बाद उन्होंने कहा, 'मैं सदन के सामने स्पष्ट करना चाहता हूं कि 23 जुलाई को केरल सरकार को भारत सरकारी की तरफ से चेतावनी दी गई थी. इसके बाद फिर 24 और 25 जुलाई को भी चेतावनी दी गई थी. 26 जुलाई को बताया गया कि 20 सेमी से ज्यादा वर्षा होगी, लैंडस्लाइड होने की आशंका है, मिट्टी भी गिर सकती है और लोग इसमें दब कर मर भी सकते हैं. इसके बावजूद केरल सरकार ने कोई एहतियाती कदम नहीं उठाया.

शाह ने क्यों की ओडिशा की पिछली नवीन पटनायक सरकार की तारीफ?

अमित शाह ने सदन में जिस मुद्दे पर केरल सरकार की खिंचाई की उसी मुद्दे पर ओडिशा की पिछली नवीन पटनायक सरकार और गुजरात सरकार की तारीफ की. उन्होंने कहा, 'इस देश में कई राज्य सरकारें ऐसी हैं, जिन्होंने इस प्रकार की वार्निंग का उपयोग करके जीरो कैजुअलिटी डिजास्टर मैनेजमेंट किया है. ओडिशा में जब नवीन बाबू की सरकार थी, तो हमने सात दिन पहले साइक्लोन का अलर्ट भेजा, सिर्फ एक व्यक्ति की मृत्यु हुई, वो भी गलती से. गुजरात सरकार को हमने तीन दिन पहले साइक्लोन का अलर्ट भेजा, एक पशु भी नहीं मरा.'

सात दिन पहले अनुमान देने वाले दुनिया के चार देशों में एक है भारत

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'नरेंद्र मोदी जी 2014 में प्रधानमंत्री बने, 2016 से अर्ली वार्निंग सिस्टम का प्रोजेक्ट चालू हुआ और 2023 तक दुनिया का सबसे आधुनिक अर्ली वार्निंग सिस्टम भारत में है. इसमें 7 दिन पहले अनुमान देने वाले दुनिया में 4 ही देश हैं, जिनमें से एक भारत है. भारत सरकार ने 2014 के बाद अर्ली वार्निंग सिस्टम के लिए 2 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं और इसे साझा किया जाता है. सात दिन पहले हर राज्य को सूचना भेजी जाती है. वो सूचना वेबसाइट पर सबके लिए उपलब्ध है. यहां उपस्थित माननीय सांसदों के लिए भी उपलब्ध है'

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'केरल की जनता और सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं और रहेंगे'

अमित शाह ने सदन में कहा, 'ये समय है केरल की जनता और वहां की सरकार के साथ खड़े रहने का. मैं सदन को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि नरेंद्र मोदी सरकार केरल की जनता और वहां की सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़ी रहेगी. साथ ही मैं पूछना चाहता हूं कि केरल सरकार ने क्या किया? वहां से लोगों को शिफ्ट क्यों नहीं किया गया, कौन रोक रहा था?

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आपदा प्रबंधन में मदद की रकम पर देश को गुमराह न करे विपक्ष- शाह

अमित शाह ने सदन में विपक्षी दलों को भी जवाब दिया. उन्होंने कहा,  'विपक्ष ने कहा कि डिजास्टर के पैसे रिलीज करने का अधिकार राज्य के पास नहीं है, ये गलत है. मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि एसडीआरएप में 10 फीसदी राशि कोई भी राज्य अपने हिसाब से इश्यू कर सकता है. और 100 फीसदी राशि के लिए भारत सरकार से किसी भी परमिशन की आवश्यकता नहीं है. केवल भारत सरकार की गाइडलाइन को फॉलो करना है. 2014 से 2024 तक 6,244 करोड़ रुपये बंगाल के लिए अप्रूव किए हैं. जिस प्रकार से इनके खर्च का हिसाब आता है, उसी हिसाब से रिलीज होते हैं. उसमें से 4,619 करोड़ रुपये हमने रिम्बर्स कर दिया है.'

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