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नई दिल्ली: यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध (Russia-Ukraine War) का आज 12वां दिन है. तबाही के बीच दुनियाभर में शांति की अपील हो रही है. तनाव भरे दौर में रूस, भारत (India) के रुख की तारीफ कर रहा है तो यूक्रेन, पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मामले में दखल देने की अपील कर रहा है. बदलते दौर में भारत की ताकत बढ़ी है तो वैश्विक दबदबा बढ़ा है. जंग का मैदान बने यूक्रेन (War-torn Ukraine) में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने की दिशा में न सिर्फ आपस में लड़ रहे रूस और यूक्रेन बल्कि यूरोप के कई देश भी भारतीय लोगों की जमकर देखभाल करते नजर आए.
विदेशों में बढ़ रही भारत की अहमियत के बीच देश में करीब 21 साल पहले की एक तस्वीर वायरल हो रही है. जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कुर्सी पर बैठे हैं. वहीं उनके पीछे खड़े हैं नरेंद्र मोदी. तब वह गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे.
(फोटो: सोशल मीडिया)
जी हां ये तस्वीर है साल 2001 के नवंबर महीने की. भारत के तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी रूस दौरे पर थे.दो दशक पहले की फोटो क्यों वायरल है आइये बताते हैं. ऐसे वक्त में जब यूक्रेन और रूस के बीच टकराव (Ukraine Russia Conflict) जारी है. दुनिया भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की तरफ देख रही है. ऐसे में आज के शक्तिशाली भारत और देश के पीएम मोदी की कूटनीति के साथ भारत की विदेश नीति की तारीफ करते हुए लोग इस तस्वीर को शेयर कर रहे हैं.
21 साल पहले जब अटल बिहारी वाजपेयी और व्लादिमीर पुतिन मिल रहे थे, उस समय पुतिन ने भी सोचा न होगा कि एक दिन जो शख्स उनके पीछे खड़ा है वो दुनिया के एक ताकतवर नेता के रूप में उभरेगा. रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो दुनियाभर के नेता हैरान रह गए. वो इस संकट से निकलने का उपाय सोच रहे थे तब तक PM मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से बातकर भारतीयों को सुरक्षित निकालने का रोडमैप बना लिया.
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पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के बीच अच्छी केमिस्ट्री है और यह बात पूरी दुनिया जानती है. यूक्रेन पर हमले के बाद मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को फोन मिलाया. उन्होंने भारत के नागरिकों को यूक्रेन के अलग-अलग शहरों से सुरक्षित निकालने पर चर्चा की. ऐसी आक्रामक रणनीति और कुशल प्रशासन के साथ भारतीय लोगों को स्वदेश लाने के लिए सबसे बड़ा अभियान 'ऑपरेशन गंगा' शुरू हुआ. पीएम मोदी ने अपने चार कद्दावर मंत्रियों को विदेश भेजा और खुद पूरे ऑपरेशन की निगरानी की.
भारत ने पड़ोसी देशों में फंसे हुए नागरिकों को निकालने के लिए तैनात भारतीय वायुसेना के विमानों द्वारा मानवीय सहायता के तहत युद्धग्रस्त यूक्रेन को राहत सामग्री भेजी है. यूक्रेन (Ukraine) के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी पीएम मोदी से हुई बात में रूस पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने की अपील की. यूक्रेन के राजदूत ने भारत के गौरवशाली इतिहास की याद दिलाते हुए पीएम मोदी से सहयोग मांगा. यूक्रेन से इतर अमेरिका, यूरोपीय संघ समेत दुनियाभर के देश इस बात को समझ रहे हैं कि पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति के अच्छे संबंध के चलते यूक्रेन संकट का समाधान निकल सकता है.
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भारत अपने हितों को तरजीह देते हुए इस दिशा में प्रयास भी कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर आए प्रस्ताव पर वोटिंग से भले ही भारत दूर रहा पर वह लगातार शांति और बातचीत के जरिए संकट का समाधान निकालने पर जोर दे रहा है. यूक्रेन के राष्ट्रपति हों या उनके मंत्री पीएम मोदी से उम्मीद लगाए हुए हैं कि वह रूस के राष्ट्रपति पुतिन को हमला रोकने के लिए कहें.
खुद पीएम मोदी भी अपनी 2001 की वो मुलाकात नहीं भूले हैं. साल 2019 में जब 20वें भारत-रूस सम्मेलन के लिए पीएम मोदी मॉस्को गए तो उन्होंने चार तस्वीरें ट्वीट की थीं. दो तस्वीरें 2001 की और दो उस समय की थीं.
Memories and moments, from 2001 and 2019!
While participating in the 20th India-Russia Summit today, my mind also went back to the India-Russia Summit of November 2001 when Atal Ji was PM. That time, I was honoured to be a part of his delegation as Gujarat CM. pic.twitter.com/G9vHMkagfR
— Narendra Modi (@narendramodi) September 4, 2019
उन्होंने पुतिन के साथ मुलाकात को लेकर रूस की न्यूज एजेंसी से कहा था, 'तब मैं मॉस्को आया था, जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे. मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था और हमारी यह पहली मुलाकात थी लेकिन पुतिन ने यह आभास नहीं होने दिया कि मैं कम महत्वपूर्ण हूं और एक छोटे राज्य से हूं या नया व्यक्ति हूं. मित्रवत व्यवहार किया और दोस्ती के दरवाजे खुल गए.'
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