Agriculture Laws के समर्थन में उतरे Shetkari Sangathan के किसान, कर चुके हैं कई बड़े आंदोलन
Advertisement
trendingNow1808624

Agriculture Laws के समर्थन में उतरे Shetkari Sangathan के किसान, कर चुके हैं कई बड़े आंदोलन

किसानों (Farmers) के हक में कई बार शेतकारी संगठन (Shetkari Sangathan) ने बड़े आंदोलन किए हैं. साल 1984 में इस संगठन ने कपास के एकाधिकार के लिए हाइवे जाम किया था. जिसके बाद सरकार को कानून वापस लेना पड़ा था.

Agriculture Laws के समर्थन में उतरे Shetkari Sangathan के किसान, कर चुके हैं कई बड़े आंदोलन

नई दिल्ली: एक तरफ जहां कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के विरोध में हजारों किसान दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं किसानों (Farmers) का एक बड़ा समुदाय इन कानूनों के समर्थन में उतरा है. महाराष्ट्र (Maharastra) का शेतकारी संगठन (Shetkari Sangathan) उस वक्त से चर्चा में आ गया जब सोमवार को इसके प्रतिनिधियों ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर कृषि कानूनों को समर्थन दिया.

  1. कृषि कानूनों के समर्थन में आया शेतकारी संगठन (Shetkari Sangathan)
  2. जाने माने किसान नेता शरद जोशी ने शुरू किया था संगठन
  3. किसानों (Farmers) के हित में कर चुके हैं कई बड़े आंदोलन

क्या है शेतकारी संगठन (Shetkari Sangathan) का इतिहास

शेतकारी संगठन (Shetkari Sangathan) महाराष्ट्र का एक किसान संगठन है. इस संगठन का जन्म 1979 में हुआ था, जब किसानों (Farmers) ने प्याज की अच्छी कीमत मांगने के लिए पूणे-नासिक हाइवे जाम किया था. इस आंदोलन में किसानों ने अपने प्याज सड़कों पर फेंक दिए थे. शेतकारी संगठन की नींव जाने माने किसान नेता शरद जोशी ने रखी थी. खेती करने से पहले शरद जोशी स्विट्ज़रलैंड में संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करते थे. भारत वापस आने के बाद उन्होंने पुणे में खेती शुरू की थी.

प्याज के दामों के लिए किया था हाइवे ब्लॉक

गांव से शहर जाकर प्रदर्शन करने की शुरुआत भी जोशी ने ही की थी. प्याज के दामों के अलावा कपास की वसूली के एकाधिकार और गन्ने के अच्छे दामों के लिए भी इन्होंने हाइवे जाम करने से लेकर के रेलवे ट्रैक पर कई बार प्रदर्शन किया है. साल 1984 में शरद जोशी ने कपास को लेकर महाराष्ट्र स्टेट कोऑर्परेटिव कॉटन मार्केटिग फाउंडेशन के खिलाफ मुहीम छेड़ी थी. इसके लिए उन्होंने अपने संगठन के साथ बार्डर पर प्रदर्शन किए और सरकारी नियमों का उल्लंघन भी किया. आखिरकार सरकार नें ये कानून वापस लिया और इनका आंदोलन सफल रहा. किसानों के हित में कई बड़े प्रदर्शन करने वाला ये शेतकारी संगठन आखिर नए कृषि कानूनों का समर्थन क्यों कर रहा है?

ये भी पढ़ें: Farmers Protest: बॉर्डर पर जारी रहेगा किसानों का प्रदर्शन या नहीं, Supreme Court में अहम सुनवाई आज

क्यों कर रहे हैं कृषि कानूनों का समर्थन?

संगठन (Shetkari Sangathan) के अध्यक्ष अनिल घनवत का कहना है कि नए कृषि कानून अनाज मंडी (APMC) के अधिकारों पर लगाम लगाते हैं. इससे किसानों (Farmers) को फ्री मार्किट मिलेगी. मौजूदा कानून किसानों को अच्छे दाम मिलने से रोकते हैं. इन कानूनों के आने से गांवों में कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउस बनाने में निवेश बढ़ेगा. घनवत ने ये भी कहा कि अगर सिर्फ दो राज्यों के दबाव में आकर सरकार ये कानून वापस ले लेती है तो इससे किसानों के लिए ओपन मार्किट का रास्ता बंद हो जाएगा.

LIVE TV

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news