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Indian Railway Interesting Fact: भारतीय रेलवे (Indian Railway) को देश की लाइफ लाइन माना जाता है. रोजाना लाखों लोग ट्रेन में सफर करते हैं. लेकिन जिस ट्रेन में आप सफर करते हैं, उससे जुड़े कई ऐसे रोचक तथ्य हैं जिनके बारे में ज्यादातर लोगों को पता नहीं होता. ऐसे ही आपने ट्रेन की कोच की छतों पर गोल-गोल डिब्बों को जरूर देखा होगा. लेकिन कभी सोचा है कि आखिर ये बॉक्स क्यों बनाए जाते हैं. आखिर इसका काम क्या है? आइए सबकुछ विस्तार से बताते हैं.
सफोकेशन को बाहर करने के लिए लगाए जाते हैं ये ढक्कन
रेलवे के मुताबिक, ये खास तरह की प्लेट या गोल-गोल ढक्कन को ट्रेन के कोच की छतों पर लगाया जाता है. इस खास डिजाइन को रूफ वेंटिलेटर (Roof Ventilator) कहते हैं. ट्रेन के कोच में जब यात्रियों की संख्या ज्यादा हो जाती है तो उसमें उमस (गर्मी) काफी बढ़ जाती है, इस गर्मी या सफोकेशन (भाप) को बाहर करने के लिए ट्रेन के कोच में खास व्यवस्था की जाती है. अगर ऐसा नहीं किया जाए तो ट्रेन में सफर करना बेहद मुश्किल हो जाएगा.
कोच के भीतर लगी होती हैं जालियां
एक ओर जहां ट्रेनों की छतों पर ये गोल ढक्कन लगे होते हैं, तो वहीं कोच के भीतर छत पर एक जाली लगी होती है. कुछ ट्रेनों की कोच के भीतर जाली होती है तो वहीं कुछ के अंदर छेद होते हैं. इनकी मदद से कोच के भीतर की गर्म हवा और भार बाहर निकलती है. आपको पता होगा कि गर्म हवाएं हमेशा ऊपर की ओर उठती हैं, इसलिए कोच के अंदर छतों पर छेद वाली प्लेटें लगाई जाती हैं.
ये भी है एक वजह
यही वजह है कि ट्रेन के ऊपर छत पर गोल-गोल प्लेटें और ट्रेन के अंदर छत पर जालिया लगाई जाती है, जिससे होते हुए गर्म हवा रूफ वेंटिलेटर के रास्ते बाहर निकल जाती हैं. ट्रेन में इन प्लेटों और जाली को लगाने की एक और वजह भी है. इन प्लेट के जरिए कोच के भीतर की गर्म हवा भी बाहर हो जाती है और बारिश का पानी कोच के अंदर नहीं आता.
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