छुट्टे का बहाना तो चलेगा ही नहीं साहब! अनोखे अंदाज में भीख मांगता 'डिजिटल भिखारी'
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छुट्टे का बहाना तो चलेगा ही नहीं साहब! अनोखे अंदाज में भीख मांगता 'डिजिटल भिखारी'

43 वर्षीय राजू बेतिया स्टेशन पर अपने गले में QR कोड टांगे दिखाई देता है. उसके कोड को स्कैन करके लोग उसे Paytm, Phonepe, Google pay या अन्य माध्यमों से भीख देते हैं. इसके पीछे का तर्क भी बड़ा लाजवाब है.

छुट्टे का बहाना तो चलेगा ही नहीं साहब! अनोखे अंदाज में भीख मांगता 'डिजिटल भिखारी'

पटना: इन दिनों बिहार के बेतिया में एक भिखारी काफी चर्चा में है. चर्चा का कारण है वो भीख भी डिजिटल माध्यम से मांगता है. इस अनोखे प्रयोग के कारण वो अन्य सभी भिखारियों से अलग दिखता है. दरअसल 43 वर्षीय राजू बेतिया स्टेशन पर अपने गले में QR कोड टांगे दिखाई देता है. उसके कोड को स्कैन करके लोग उसे Paytm, Phonepe, Google pay या अन्य माध्यमों से भीख देते हैं. इसके पीछे का तर्क भी बड़ा लाजवाब है.

  1. राजू को बनना पड़ा 'डिजिटल भिखारी'
  2. खुद को कहता देश का पहला डिजिटल भिखारी
  3. गले में टांगकर घूमता है QR कोड

राजू को इस वजह से बनना पड़ा 'डिजिटल भिखारी'

इस भिखारी का नाम 43 वर्षीय राजू पटेल बताया जा रहा है. ऑनलाइन पेमेंट के माध्यम से भीख लेने को लेकर राजू का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते लोग उन्हें भीख नहीं देते थे. साथ ही लंबी दूरी के यात्री कोविड के बहाने भिक्षा से इनकार कर देते थे या कभी कोई ये कहकर आगे बढ़ जाता था कि 'छुट्टा नहीं है'. इसी वजह से राजू को यह कदम उठाना पड़ा. 

देश का पहला डिजिटल भिखारी!

राजू बचपन से बेतिया स्टेशन पर भीख मांग कर ही पला बड़ा है. अब राजू गले में QR कोड वाली तख्ती टांग कर भीख मांगता है. साथ ही अपने हाथ में टैब लेकर घूमता है. जिससे कि कोई उसके भीख के पैसों में झोल न कर सके. अब भीख मांगने पर कोई अगर उसे बोलता है कि छुट्टे नहीं है तो वह लोगों से कहता है बाबूजी फोन पे कर दो, गूगल पे कर दो. उसके बार में लोग कहते हैं कि राजू बिहार का शायद पहला डिजिटल भिखारी होगा. हालांकि राजू का दावा है कि वह देश का पहला डिजिटल भिखारी है.

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लोग इस वजह से दे देते हैं भीख

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राजू को लोग मंदबुद्दि कहते  हैं. लेकिन राजू की सोच बहुत ही ज्यादा स्मार्ट है. ये अलग बात है कि उसकी स्मार्ट सोच भीख मांगने जैसे काम के लिए काम में आती है. लोग उसके भीख मांगने के अंदाज के दीवाने है. उसके बारे में स्थानीय लोग कहते हैं कि वह बचपन से ही यहीं भीख मांगता है. वह बड़े ही अलग अंदाज में लोगों से भीख मांगता हुआ नजर आता है. इसकी वजह से उसे आराम से भीख दे दी जाती है.
 
बड़ी मशक्कत से खुला खाता

लेकिन बीते कुछ दिनों से जब लोग 'छुट्टे पैसे नहीं हैं' कहकर भीख देने से मना करने लग गए तो उसने एक बैंक में जाकर खाता खुलवाने का फैसला किया. उसे बैंक में खाते खुलवाने में बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ा. खाता खुलवाने के लिए जरूरी दस्तावेज में आधार कार्ड और पैन कार्ड की जरूरत होती है. आधार कार्ड तो उसके पास पहले से था लेकिन पैन कार्ड बनवाने के बाद उसका SBI की एक शाखा में खाता खुला. 

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भीख में मिलते हैं इतने ज्यादा पैसे

बैंक में खाता खुलने के बाद उसने ई-वॉलेट बना कर गले में QR CODE वाली तख्ती टांग कर भीख मांगनी शुरू कर दी. जिससे उसकी आमदनी बढ़ गई है. अब लोग 'कैश नही हैं' की बात कहते हैं तो वह अपना QR CODE वाली तख्ती उनके सामने कर देता है. भीख मांगने के इस अनोखे तरीखे को देखकर लोग उसे स्कैन करके पैसे दे भी देते हैं. लोग 1 दो रुपए से लेकर 100 रुपए तक उसे भीख भी देते है. अब लोग सिर्फ उसे पैसे ही नहीं देते बल्कि उसके साथ फोटो भी खींचते हैं और सोशल मीडिया पर उसे खूब प्रमोट करते हैं.

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