Trending Photos
नई दिल्ली: बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने बुधवार को दावा किया कि मुंबई में कोरोना वायरस के एक्सई वेरिएंट (Coronavirus XE Variant) का पहला मामला सामने आया है. इसके बाद कोविड-19 के नए वेरिएंट को लेकर लोगों के मन में एक बार फिर चिंता घर करने लगी क्योंकि बताया जा रहा है कि यह अन्य वेरिएंट के मुकाबले 10 गुना ज्यादा संक्रामक है और लोगों को तेजी से अपनी चपेट में लेता है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मुंबई में एक्सई वेरिएंट मिलने के बीएमसी के दावे को खारिज कर दिया और किसी भी मामले की पुष्टि करने से इनकार कर दिया. हालांकि अब महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) ने कहा है कि एक्सई वेरिएंट के संदिग्ध मरीज की हालत ठीक है और उसके संपर्क में आने वाले सभी लोग कोरोना निगेटिव हैं.
कोरोना वायरस का एक्सई वेरिएंट (XE Variant) भारत समेत दुनियाभर के देशों में चिंता का विषय बना हुआ है, क्योंकि शुरुआती स्टडी में पता चला है कि यह अब तक के सभी वेरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक है और 10 गुना तेजी से लोगों को अपनी चपेट में लेता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि कोविड-19 का एक्सई वेरिएंट दो अलग-अलग वेरिएंट के मिलने से बना है. विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के दो रूप हैं. पहला है ओमिक्रॉन बीए.1 और दूसरा बीए.2 है. इन्हीं दो वेरिएंट के मिलने से एक्सई वेरिएंट (XE Variant) बना है. कोई कॉम्बिनेशन तब तैयार होता है, जब कोई व्यक्ति एक से अधिक वेरिएंट से इन्फेक्टेड हो चुका होता है.
ये भी पढ़ें- भारत पहुंचा 10 गुना तेजी से फैलने वाला कोरोना का XE वेरिएंट? जानें क्या हैं इसके लक्षण
दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट के अनुसार, एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन में XE वेरिएंट से ही संक्रमण की नई लहर आई है, लेकिन भारत में कोरोना वायरस के इस नए वेरिएंट का खतरा लगभग शून्य है. आईसीएमआर के वैज्ञानिक डॉ. समीरन पांडा. आईसीएमआर के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. रमण गंगाखेड़कर और एम्स दिल्ली के प्रोफेसर संजय रॉय ने बताया है कि क्यों भारत में एक्सई वेरिएंट का खतरा नहीं है.
एक्सपर्ट्स ने कहा कि भारत में तीसरी लहर को कारण कोविड-19 को ओमिक्रॉन वेरिएंट था और एक्सई भी ओमिक्रॉन का ही नया वर्जन है. ऐसे में दोबारा संक्रमण की आशंका बेहद कम है. विशेषज्ञों ने बताया कि संक्रमण की लहर हमेशा नए वेरिएंट की वजह से आती है और सीरो सर्वे की रिपोर्ट से पता चलता है कि देश की 90 प्रतिशत आबादी संक्रमित हो चुकी है और लोग फिर से संक्रमित नहीं होंगे. चीन में ओमिक्रॉन के मामले कम थे, इसलिए XE वेरिएंट वहां तबाही मचा रहा है.
विशेषज्ञों का कहना है कि XE वेरिएंट का असर भारत में नहीं होगा, इसका मतलब यह नहीं है कि कोई भी इससे संक्रमित नहीं होगा. कुछ लोग नए वेरिएंट से संक्रमित हो सकते हैं. लोगों में डर के माहौल पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि अभी इस पर अवैज्ञानिक तरीके से बात हो रही है और इसको लेकर अफवाह फैलाई जा रही है, जिससे हर आदमी दहशत में है. लोगों को सोशल मीडिया पर चलने वाले मैसेज को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि नया वायरस 50 गुना ज्यादा संक्रामक ही क्यों ना हो, यह तभी अटैक करता है जब लोगों को अंदर एंटीबॉडी ना हो. अब भारत में लोगों के शरीर में संक्रामकता से लड़ने की क्षमता पैदा हो चुकी है. लोगों को पता भी नहीं चलेगा और शरीर के अंदर मौजूद एंटीबॉडी अपना काम करके वायरस को खत्म कर देगी. विशेषज्ञों का कहना है कि वैक्सीन से बनी एंटीबॉडी से ज्यादा संक्रमण से बनी एंटीबॉडी कारगर है. एक्सई वेरिएंट उन्हीं देशों में ज्यादा तबाही मचा रहा है, जहां पहले कम लोगों को संक्रमण हुआ था.
लाइव टीवी