यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) अपनी दो दिवसीय दिल्ली यात्रा पूरी कर लखनऊ लौट आए हैं. पार्टी आलाकमान ने उन्हें अगले साल चुनावी जीत हासिल करने के लिए एक ब्लूप्रिंट दिया है.
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लखनऊ: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) अपनी दो दिवसीय दिल्ली यात्रा पूरी कर लखनऊ लौट आए हैं. उनके लौटते ही अफसर और नेता उनसे मिलने सीएम आवास पर पहुंचने लगे हैं.
सीएम योगी की दिल्ली यात्रा पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने तंज कसा है. अखिलेश यादव ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, 'पद-भिक्षा' की खातिर, देश के सबसे बड़े सूबे के सूबेदार, दुर्दिन ऐसे आए, दर-दर भटक रहे हैं वो दिल्ली के दरबार.'
‘पद-भिक्षा’ की ख़ातिर, देश के सबसे बड़े सूबे के सूबेदार
दुर्दिन ऐसे आए, दर-दर भटक रहे हैं वो दिल्ली के दरबार।— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 11, 2021
सीएम योगी (Yogi Adityanath) ने इससे पहले दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की थी. उन्होंने गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी. योगी की इस यात्रा से पहले बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष और उत्तर प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह ने पिछले दिनों लखनऊ में समीक्षा बैठक की थी. जिसके बाद से अटकलें लगाई जाने लगीं थी कि जल्द ही उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार होगा.
आज आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी से नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट एवं मार्गदर्शन प्राप्ति का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
अपनी व्यस्ततम दिनचर्या से भेंट के लिए समय प्रदान करने व आत्मीय मार्गदर्शन करने हेतु आदरणीय प्रधानमंत्री जी का हृदयतल से आभार। pic.twitter.com/0pAmYVA44q
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 11, 2021
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी आलाकमान कोरोना की दूसरी लहर को सही ढंग से मैनेज न करने की वजह से हो रही आलोचनाओं से परेशान है. इसकी वजह से लोगों की सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ रही है. लोगों का यह गुस्सा अगले साल यूपी के विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में पार्टी को भारी न पड़ जाए. इस पर विचार करने के लिए पार्टी ने आंतरिक फीडबैक लिया था. जिसमें पता चला था कि अगर इसी हालात में चुनाव हुए तो पार्टी बुरी तरह हारकर सत्ता से बाहर भी हो सकती है.
इसी फीडबैक के बाद पार्टी आलाकमान से लेकर आरएसएस संगठनों की पूरी मशीनरी यूपी में सक्रिय हो गई है. पार्टी नेताओं का लखनऊ दौरा हो या सीएम योगी की दो दिवसीय दिल्ली विजिट. सब दौरों में इसी बात पर विचार किया गया कि पार्टी अगले कुछ महीनों में ऐसा क्या करे कि वह भारी बहुमत के साथ दोबारा सत्ता में वापस आ सके.
सूत्रों के अनुसार पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और पीएम नरेंद्र से मुलाकात के बाद सीएम योगी को जनता को साधने का ब्लू प्रिंट मिल गया है. इसके साथ ही यूपी में फेरबदल की चर्चाओं पर लगभग विराम लग गया है.
पार्टी फिलहाल यूपी में सरकार या संगठन में ऊपरी स्तर पर कोई फेरबदल नहीं करना चाहती. हालांकि विभिन्न वर्गों से संबंध रखने वाले कई नेताओं का पार्टी व संगठन में समायोजन हो सकता है. इसके साथ ही सरकार का साथ छोड़कर चले गए दूसरे दलों को मनाकर सत्ता में हिस्सेदारी भी दी जा सकती है.
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सूत्रों के मुताबिक बीजेपी आलाकमान ने सीएम योगी (Yogi Adityanath) को 8 सूत्रों पर काम करने के लिए कहा है. इनमें नेतृत्व क्षमता को और मजबूत करना, संगठन को सक्रिय करना व उसमें नए लोगों का समायोजन करना, प्रदेश में सुशासन को बढ़ावा देना, चुनाव जीतने के लिहाज से योजना बनाकर कार्य करना, सरकार-पार्टी में सामाजिक समीकरण का ध्यान रखना, धार्मिक ध्रुवीकरण, सहयोगी दलों से गठबंधन और गरीब केंद्रित कल्याण योजनाओं पर काम करना शामिल है. माना जा रहा है कि अब अगले 6 महीने बीजेपी की पूरी चुनावी रणनीति इन्हीं आठ बिंदुओं के आसपास घूमती दिखेगी.
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