ZEE जानकारी: तीन तलाक से संबंधित विधेयक लोकसभा में पेश
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ZEE जानकारी: तीन तलाक से संबंधित विधेयक लोकसभा में पेश

कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने शुक्रवार ट्रिपल तलाक के खिलाफ मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2019 पेश किया .

ZEE जानकारी: तीन तलाक से संबंधित विधेयक लोकसभा में पेश

सरकार ने आज सत्रहवीं लोकसभा में अपना पहला Bill पेश किया है और ये पहला Bill भारत की सबसे बड़ी अल्पसंख्यक आबादी मुसलमानों के लिए है. कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने शुक्रवार ट्रिपल तलाक के खिलाफ मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2019 पेश किया .

इस विधेयक के कानून बनने के बाद ट्रिपल तलाक देने वाले मुस्लिम पुरुषों पर कानूनी कार्रवाई हो पाएगी .इससे मुस्लिम समाज में महिलाएं सशक्त होंगी और मुस्लिम परिवारों का सशक्तीकरण होगा. शपथ ग्रहण करने के बाद NDA सरकार ने अपनी सबसे पहली, सबसे बड़ी योजना का ऐलान भी मुसलमानों के लिए ही किया था और 5 करोड़ अल्पसंख्यक छात्रों को Scholarship देने का ऐलान किया गया.

पहले कार्यकाल में मोदी की सरकार का नारा था... सबका साथ... सबका विकास . लेकिन चुनाव जीतने के बाद इस नारे को और विस्तार दिया गया . अब सरकार का Vision है... सबका साथ... सबका विकास और सबका विश्वास . 
ऐसा कहा जाता है कि मुसलमान, बीजेपी पर भरोसा नहीं करते हैं. शायद यही वजह है कि New India के निर्माण के लिए मुस्लिम समाज को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी गई है .

बीजेपी कभी भी मुसलमानों की पसंदीदा पार्टी नहीं रही है. लेकिन NDA सरकार ने अपने कार्यकाल में अब तक हर आयु वर्ग के मुसलमानों के विकास के लिए एक पूरा पैकेज तैयार किया है . आज हम इस पैकेज का भी Special DNA टेस्ट करेंगे. और मुसलमानों के Voting Trend की भी एक समीक्षा करेंगे.

अपनी स्थापना के बाद से ही बीजेपी ने लगातार मुसलमानों का भरोसा जीतने की कोशिश की . आज से 22 वर्ष पहले 1997 में बीजेपी के संस्थापकों में से एक लाल कृष्ण आडवाणी ने भारत के मुसलमानों से एक ऐतिहासिक अपील की थी . इस अपील में आडवाणी ने भारत के मुसलमानों के शैक्षिक, आर्थिक और सामाजिक विकास का एक रोडमैप तैयार किया था. आज हम पूरे देश को उस अपील के बारे में बताएंगे. 

लेकिन सबसे पहले आप ये जानिए कि आज लोकसभा में क्या हुआ ? आज लोकसभा में सरकार ने ट्रिपल तलाक के खिलाफ Bill प्रस्तुत किया . Bill पेश करने से पहले ही कांग्रेस और विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ हंगामा किया . हंगामे के बीच तीन तलाक का Bill पेश किया गया . Bill पेश करने से पहले लोकसभा में Voting कराई गई . बिल पेश करने के पक्ष में 186 वोट और विपक्ष में 74 वोट पड़े . अब इस Bill पर Debate होगी . कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद आखिर में सवालों का जवाब देंगे और फिर ये Bill लोकसभा से Pass हो जाएगा . 

Zee News ने लगातार ट्रिपल तलाक से पीड़ित महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए अभियान चलाया है.हमने सायरा बानो के संघर्ष को दिखाया जिन्होंने ट्रिपल तलाक से आज़ादी के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी . 

22 अगस्त 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए ट्रिपल तलाक को अ-संवैधानिक कहा था. इसके बाद सरकार ट्रिपल तलाक़ के ख़िलाफ़ बिल लेकर आई थी. ये बिल लोकसभा में तो पास हो गया. लेकिन, राज्यसभा ने इसे मंज़ूरी नहीं दी थी. इसलिए इसे नई लोकसभा में दोबारा पेश करना पड़ा है. क्योंकि आज भी मुस्लिम समाज का एक बड़ा तबक़ा ट्रिपल तलाक़ के पक्ष में है.

आज पेश हुए बिल का कांग्रेस ने विरोध किया है. कांग्रेस ने कहा है कि ये Bill मुस्लिम महिलाओं की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि मुस्लिम पुरुषों के अधिकारों के खिलाफ है. लेकिन कांग्रेस के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है कि वर्ष 2018 में लोकसभा में कांग्रेस ने इसी Bill का समर्थन क्यों किया था ? 

Bill के खिलाफ मुख्य रूप से विपक्ष का तर्क ये है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने ही कह दिया है कि ट्रिपल तलाक से शादी खत्म नहीं होगी तो मुस्लिम पुरुषों को किस बात की सज़ा दी जाएगी. 

विपक्ष का कहना है कि ये Bill समानता के अधिकार का भी उल्लंघन है. क्योंकि इस तरह के मामलों में गैर मुस्लिम पुरुषों को सिर्फ एक वर्ष की सजा का प्रावधान है. जबकि मुस्लिम पुरुषों को तीन वर्ष की सजा दी जाएगी . 

सरकार से ये सवाल भी पूछा गया कि जब पति जेल में होगा तब मुस्लिम महिला को गुज़ारा भत्ता कौन देगा ? 
 

इन सभी सवालों का सबसे बड़ा जवाब यही है कि 3 वर्ष की सज़ा के प्रावधान के बाद ट्रिपल तलाक के मामलों में कमी आएगी. तलाक के खिलाफ कोई नहीं है. लेकिन तलाक सही इस्लामिक तरीके से दिया जाना चाहिए . शरीयत में ही ये बात बहुत स्पष्ट तरीके से कही गई है कि हर तलाक के बीच कुछ महीनों का अंतर होना चाहिए. और ये Bill तलाक के विषय में शरीयत का उल्लंघन नहीं करता है . 

हमारे देश में ट्रिपल तलाक के कई विचित्र मामले सामने आ चुके हैं . मुस्लिम महिलाओं को चाय ज़्यादा मीठी होने पर, चाय देर से बनाने पर , रोटी जल जाने पर.. और देर से सोकर उठने पर भी तलाक मिल चुका है . आज संसद में सभी पार्टियों को मुस्लिम महिलाओं का साथ देना चाहिए था . लेकिन महिला अधिकारों से जुड़े इस Bill पर भी तुष्टीकरण वाली राजनीति खूब हुई.

दुनिया के बहुत सारे इस्लामिक देश पहले ही ट्रिपल तलाक को प्रतिबंधित कर चुके हैं . Turkey, सीरिया, Egypt, इराक़, ईरान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश समेत 20 से ज्यादा इस्लामिक देशों ने Triple तलाक को रोकने के लिए कानून बनाए हैं . 

पाकिस्तान ने भारत से अलग होने के 9 साल बाद यानी सन 1956 में ही ट्रिपल तलाक़ को खत्म कर दिया था . 
इस Bill के विरोध की वजह समझना बहुत मुश्किल है . इस्लाम भी ट्रिपल तलाक, यानी एक साथ तीन तलाक दिए जाने का विरोध करता है . सरकार भी एक साथ तीन तलाक का विरोध कर रही है . फिर ये समझना मुश्किल है कि मुसलमानों की राजनीति करने वाले सांसद आखिर क्यों इस Bill को मुस्लिम विरोधी कह रहे हैं ? 

2011 की जनगणना के मुताबिक भारत में मुसलमानों की आबादी 17 करोड़ 22 लाख है . इनमें मुस्लिम महिलाओं की संख्या 8 करोड़ 40 लाख है . 

मुस्लिम समाज में हर एक तलाकशुदा मर्द के मुकाबले 4 तलाक़शुदा औरतें हैं . यानी तलाकशुदा मुस्लिम औरतों की संख्या मुस्लिम पुरुषों के मुकाबले 4 गुना है .

2001 से 2011 के बीच मुस्लिम औरतों को तलाक़ देने के मामले 40 प्रतिशत तक बढ़े हैं . 

मुस्लिम समाज में तलाक के मामले राष्ट्रीय औसत के मुकाबले दोगुने हैं . 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी ट्रिपल तलाक के मामलों में कमी नहीं आई है . फैसले के बाद ट्रिपल तलाक के 229 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. इसलिए इस पर कानून बनाना ज़रूरी है . 

इसके बाद भी विपक्ष इस Bill का विरोध कर रहा है. विपक्ष की इस राजनीति को समझाने के लिए आज हम आपको 22 वर्ष पहले यानी वर्ष 1997 में लेकर चलेंगे . 1997 में भारत की आज़ादी के 50 वर्ष पूरे हुए थे .इस मौके पर बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक.... लाल कृष्ण आडवाणी ने स्वर्ण जयंती रथ यात्रा निकाली थी . जुलाई में ये यात्रा खत्म हुई और इसके बाद भोपाल की एक बैठक में लाल कृष्ण आडवाणी ने भारत के मुसलमानों के लिए एक अपील की थी . 

इस अपील का शीर्षक था... 'बीजेपी भारतीय मुसलमानों से सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को समझने और अपने हिंदू भाइयों से हार्दिक एकता स्थापित करने का अनुरोध करती है .'

आडवाणी ने अपनी जीवनी 'मेरा देश मेरा जीवन' में भी इस अपील का ज़िक्र किया है . ये करीब 800 पन्नों की एक किताब है . जो आजादी के बाद भारत की राजनीति को बहुत अच्छी तरह समझाती है . इसी किताब में आडवाणी ने मुसलमानों से की गई अपील का जिक्र किया है . 

इस अपील में आडवाणी ने कहा था... ‘ बीजेपी के विरोधियों ने मुस्लिम वोट बैंक के लिए कई बार बीजेपी के खिलाफ दुष्प्रचार किया जिसका चुनावी नुकसान हुआ है . लेकिन इस वजह से सबसे ज्यादा घाटा मुस्लिम समाज को ही हुआ है . सबसे बड़ी बात ये है कि मुस्लिम समाज बहुसंख्यक वर्ग की सद्भावना हासिल करने में असफल रहा है . 

बीजेपी सच्ची पंथ-निरपेक्षता में भरोसा करती है, जिसका मतलब है... सभी के लिए न्याय और सुरक्षा लेकिन तुष्टीकरण किसी का नहीं . हम बीजेपी और भारतीय मुसलमानों के बीच संबंधों में बदलाव लाना चाहते हैं और इसके लिए ईमानदारी से प्रयास करेंगे . भारत की जनसंख्या के इतने बड़े भाग को हम अपनी संवेदनाओं से बाहर रखने का विचार भी नहीं कर सकते हैं .' आज भी बीजेपी मुसलमानों का भरोसा हासिल करने की पूरी कोशिश कर रही है . 

पिछले कार्यकाल में मोदी सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए बजट बढ़ाया है . 
वर्ष 2017-18 के बजट में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय का बजट करीब 62 प्रतिशत बढ़ाया गया. 

सरकार ने हर आयु वर्ग के मुसलमानों के लिए एक स्पेशल पैकेज तैयार किया है . 

5 करोड़ अल्पसंख्यक छात्रों को Scholarship दी जाएगी. इनमें भी आधा हिस्सा लड़कियों का होगा. 

सरकार ने मदरसों में आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने की योजना भी बनाई है. 

मुस्लिम पुरुषों को रोजगार दिलाने के लिए भी सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं . 

'उस्ताद, सीखो-कमाओ और नई मंज़िल' योजना के माध्यम से Skill Development का काम किया जा रहा है .

हर मुसलमान अपने जीवन में एक बार हज यात्रा करना चाहता है . खास तौर पर भारत के बुजुर्ग मुसलमानों की इस इच्छा को देखते हुए भारत सरकार ने सऊदी अरब में भारत का हज कोटा बढ़वाया है . 

इस साल फऱवरी में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात हुई . जिसके बाद सऊदी अरब ने भारत के मुसलमानों का हज कोटा बढ़ाने का ऐलान किया . पिछले साल तक सिर्फ एक लाख 75 हजार मुसलमान हज पर जा सकते थे . लेकिन अब 2 लाख मुसमलान हज पर जा सकते हैं . यानी सऊदी अरब में भारत का हज कोट 25 हजार तक बढ़ाया गया . बीजेपी सरकार के कार्यकाल में सऊदी अरब ने भारत का हज कोटा तीसरी बार बढ़ाया है. 
देश में सबसे ज्यादा मुस्लिम वोट आज भी कांग्रेस पार्टी को मिलता है . एक Survey के मुताबिक

1996 के लोकसभा चुनाव में 36 प्रतिशत मुसलमानों ने कांग्रेस को और 2 प्रतिशत मुसलमानों ने बीजेपी को वोट दिया था .

1998 में 32 प्रतिशत मुसमलानों ने कांग्रेस को और 6 प्रतिशत मुसलमानों ने बीजेपी को वोट दिया था .

1999 में 40 प्रतिशत मुसलमानों ने कांग्रेस को और 7 प्रतिशत मुसलमानों ने बीजेपी को वोट दिया था .

2004 में 36 प्रतिशत मुसलमानों ने कांग्रेस को और 7 प्रतिशत मुसलमानों ने बीजेपी को वोट दिया .

2009 में 38 प्रतिशत मुसलमानों ने कांग्रेस को और 4 प्रतिशत मुसमलानों ने बीजेपी को वोट दिया .

2014 में भी 38 प्रतिशत मुसलमानों ने कांग्रेस को और 9 प्रतिशत मुसलमानों ने बीजेपी को वोट दिया था . 

2014 में बीजेपी को सबसे ज्यादा 9 प्रतिशत मुस्लिम वोट मिले थे. 

एक अनुमान के मुताबिक 2019 में बीजेपी को कुल मुस्लिम वोटों का 8 प्रतिशत मिला है. 

यानी अगर देखा जाए तो आज भी मुसलमानों की बड़ी आबादी बीजेपी पर भरोसा नहीं करती है . 

((2019 में देश की उन 36 लोकसभा सीटों पर बीजेपी की जीत हुई जहां पर मुस्लिम वोटरों की संख्या 20 प्रतिशत से ज्यादा थी . ))

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