पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने हाफिज़ सईद के जमात उद दावा और फलाह ए इंसानियत के Headquarters पर भी अपना कब्ज़ा कर लिया है.
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भारत के दबाव की वजह से, पाकिस्तान में प्रतिबंधित संगठनों, उनके धार्मिक स्थानों और आतंकवादियों पर अंदरुनी सर्जिकल स्ट्राइक जारी है.
पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने आज जानकारी दी है, कि पाकिस्तान के 182 मदरसे यानी धार्मिक स्कूलों पर कब्ज़ा कर लिया गया है. इन सभी मदरसों के Management और Administration पर अब पाकिस्तान की प्रांतीय सरकारों का नियंत्रण हो गया है.
पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद जैसे कई संगठन हैं, जो धार्मिक शिक्षा के नाम पर आतंकवाद की पाठशाला चलाते हैं.
आतंकवादी हाफिज़ सईद का जमात-उद-दावा भी एक ऐसा ही संगठन है. जिसे कुछ दिनों पहले पाकिस्तान ने प्रतिबंधित किया था. ये संगठन चैरिटी और Welfare Operations जैसे काम करने का दावा करता है. लेकिन पाकिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में इसके 300 से ज़्यादा मदरसे हैं. जहां आतंकवादी तैयार किए जाते हैं.
पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के मुताबिक, अलग-अलग संगठनों के जिन Institutions पर लगाम लगाई गई है. उनमें 34 Schools और Colleges हैं. 163 Dispenseries हैं. 184 ambulance सेवाएं हैं. 5 अस्पताल हैं. इसके अलावा प्रतिबंधित संगठनों के 8 Offices को भी कब्ज़े में लिया गया है.
जबकि पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों ने प्रतिबंधित संगठनों से रिश्ता रखने वाले 121 लोगों को अब तक Preventive Detention में लिया है.
इसके अलावा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने हाफिज़ सईद के जमात उद दावा और फलाह ए इंसानियत के Headquarters पर भी अपना कब्ज़ा कर लिया है. और सूत्रों से हमें ऐसी जानकारी भी मिल रही है, कि लाहौर में जमात उद दावा के मदरसों पर भी कब्ज़ा कर लिया गया है.
आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान चारों तरफ से घिर चुका है. और उसके पास इन संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है. अब तो खुद पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व सेना प्रमुख जनरल परवेज़ मुशर्रफ ने भी स्वीकार कर लिया है, कि जैश ए मोहम्मद एक आतंकवादी संगठन है, जिसने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के साथ मिलकर भारत पर कई हमले किए. आगे बढ़ने पहले आपको जनरल मुशर्रफ का ये बयान सुनना चाहिए.
आज की वास्तविकता ये है, कि पुलवामा हमले के बाद भारत की आक्रामक कूटनीति ने पाकिस्तान को अलग-थलग कर दिया है.
इसका एक ताज़ा उदाहरण ये है, कि अमेरिका के बाद आज ब्रिटेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार Mark Sedwill ने भारत के National Security Advisor अजित डोवल से बात की है.
उन्होंने पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों के प्रति अपनी संवेदना जताई है. और साथ ही ये भी कहा है, कि इस हमले के लिए ज़िम्मेदार लोगों को सज़ा दिलवाने के लिए ब्रिटेन हर प्रकार की मदद करेगा.
Mark Sedwill ने कहा, कि किसी भी प्रकार के आतंकवाद से लड़ने के लिए ब्रिटेन, भारत के साथ Intelligence Sharing भी करेगा.
इस बीच आपको आज की एक और ख़बर दे देते हैं. आपको याद होगा, कुछ दिन पहले हमने आतंकवादी हाफिज़ सईद का एक बयान दिखाया था. जिसमें वो अपना पक्ष रखते हुए ये कह रहा था, कि वो संयुक्त राष्ट्र में जाकर अपना केस लड़ेगा.
आज उसी संयुक्त राष्ट्र ने हाफिज़ सईद को उसका आतंक वाला चेहरा दिखाया है. हाफिज़ सईद ने संयुक्त राष्ट्र संघ में अपील की थी, कि उसका नाम प्रतिबंधित आतंकवादियों की लिस्ट से हटा दिया जाए. लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने उसकी अपील को सिरे से खारिज कर दिया है. इसका मतलब ये हुआ, कि संयुक्त राष्ट्र संघ की तरफ से हाफिज़ सईद पर लगाई गई पाबंदी जारी रहेगी.
यहां पर संयुक्त राष्ट्र के फैसले की Timing भी देखनी होगी. क्योंकि, संयुक्त राष्ट्र संघ की 1267 Sanctions Committee में जैश ए मोहम्मद के चीफ मसूद अज़हर को Global Terrorist घोषित करने का प्रस्ताव लाया गया है. और ऐसा माना जा रहा है, कि अगर चीन ने कोई आपत्ति नहीं की, तो अगले हफ्ते मसूद अज़हर को Global Terrorist घोषित कर दिया जाएगा.
हमें सूत्रों से ऐसी जानकारी भी मिली है, कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के Visa Request को Block कर दिया था. क्योंकि संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी हाफिज़ सईद से पूछताछ करना चाहते थे. हाफिज़ सईद ने United Nations से अपील की थी कि उसका नाम प्रतिबंधित आतंकवादियों की लिस्ट से हटा दिया जाए. ऐसी स्थिति में किसी भी प्रतिबंधित व्यक्ति को De-list करने से पहले संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी उसका In-Person Interview लेते हैं. लेकिन पाकिस्तान ने ऐसा नहीं होने दिया. और United Nations के अधिकारी को हाफिज़ सईद के Video Interview से काम चलाना पड़ा. हालांकि, जब पाकिस्तान के अधिकारियों से ये पूछा गया, कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी का Visa, Block क्यों किया, तो इसके जवाब में कहा गया, कि ये इमरान ख़ान का नया पाकिस्तान है.