हाल ही में ज़ाकिर नाइक ने कहा था, कि मलेशिया में हिंदुओं को भारत के मुस्लिमों के मुकाबले 100 गुना ज्यादा अधिकार मिले हुए हैं. इस टिप्पणी के बाद मलेशिया के गृह मंत्री ने कहा था, कि वो ज़ाकिर के बयान को नस्लीय भेदभाव और संवेदनशील मामला मानते हैं.
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अब आपको मलेशिया लेकर चलते हैं और ये बताते हैं, कि कैसे मलेशिया में भी अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर तरह-तरह के भ्रम फैलाए जा रहे हैं. और भ्रम फैलाने वाले व्यक्ति का नाम है, ज़ाकिर नाइक.... आज की ख़बर ये है, कि मलेशिया की सरकार ने इस्लामिक उपदेशक और बौद्धिक आतंकवाद फैलाने वाले ज़ाकिर नाइक पर बड़ी कार्रवाई की है. ज़ाकिर पर मलेशिया में किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल होने और भड़काऊ भाषण देने पर प्रतिबंध लगाया गया है.
इस व्यक्ति पर मलेशिया में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की भावनाएं आहत करने का आरोप है. हाल ही में ज़ाकिर नाइक ने कहा था, कि मलेशिया में हिंदुओं को भारत के मुस्लिमों के मुकाबले 100 गुना ज्यादा अधिकार मिले हुए हैं. इस टिप्पणी के बाद मलेशिया के गृह मंत्री ने कहा था, कि वो ज़ाकिर के बयान को नस्लीय भेदभाव और संवेदनशील मामला मानते हैं.
मलेशिया की जनसंख्या करीब 3 करोड़ 26 लाख है. इसमें 61 प्रतिशत मुसलमान हैं। वहां हिंदू भी बड़ी संख्या में मौजूद हैं. वहां की राजनीति और कारोबार में भी हिंदुओं का काफी प्रभाव है. इसीलिए ज़ाकिर के बयान को दोनों समुदायों के लिए भड़काऊ माना जा रहा है.
मलेशिया की पुलिस ने सोमवार को करीब 10 घंटे तक ज़ाकिर नाइक से पूछताछ की. उसने अपने भड़काऊ भाषण के लिए माफी तो मांगी. लेकिन ऐसा लग रहा है, कि इस बार मलेशिया उसके खिलाफ और भी कड़ी कार्रवाई कर सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मलेशिया में ज़ाकिर नाइक का स्थायी निवासी का दर्जा भी छिन सकता है.
मलेशिया के Penang राज्य के उप-मुख्यमंत्री पहले ही अपने राज्य में उसके भाषणों पर प्रतिबंध लगा चुके हैं और ताज़ा घटनाक्रम के बाद उन्होंने साफ शब्दों में मलेशिया की सरकार को कहा है, कि बिना किसी देरी के इस व्यक्ति का प्रत्यर्पण होना चाहिए या उसे मलेशिया छोड़कर भारत जाने का आदेश दिया जाना चाहिए. ज़ाकिर नाइक मनी लॉन्ड्रिंग केस मामले में भारत में Wanted है और फिलहाल मलेशिया में शरण लेकर बैठा हुआ है.
आप इस व्यक्ति के भाषणों में दी जाने वाली तकरीरों को फिदायीन हमलावर तैयार करने वाली फैक्ट्री भी कह सकते हैं. 2009 में न्यूयॉर्क सबवे को बम से उड़ाने की साज़िश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया नजीबुल्ला ज़ाज़ी भी, ज़ाकिर नाइक के भाषणों से प्रभावित था. 2007 में स्कॉटलैंड के ग्लासगो एयरपोर्ट पर बम से हमला करने वाला कफील अहमद भी ज़ाकिर नाइक से प्रभावित था.
11 जुलाई, 2006 को मुंबई की लोकल Trains में हुए सीरियल बम धमाकों को अंजाम देने वाला राहिल शेख भी ज़ाकिर नाइक के लेक्चर सुनता था. इसके अलावा ISIS के हैदराबाद module का हेड इब्राहिम यज़दानी भी ज़ाकिर नाइक से बुरी तरह प्रभावित था.
सबसे बड़ा विरोधाभास ये है, कि ज़ाकिर की संस्था Peace टीवी के नाम से चैनल भी चलाती है. यानी नाम Peace है और काम अशांति का है. भारत में इस चैनल का प्रसारण ग़ैर-क़ानूनी है. बावजूद इसके तकनीक का इस्तेमाल करके ये व्यक्ति अभी भी, नफरत भरे भाषणों का प्रचार और प्रसार करता है. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर भी इसने भड़काऊ बातें कही थीं और उसे Israel और Palestine के विवाद से जोड़ दिया था. हमारे पास ज़ाकिर नाइक का ये भड़काऊ बयान मौजूद है. लेकिन देशहित में हम उसकी बातों का प्रसारण नहीं करेंगे. क्योंकि, इन Lectures के अंदर बौद्धिक आतंकवाद वाला ज़हर छिपा हुआ है.