DNA on Parliament Security Breach: नई संसद की सुरक्षा में बुधवार को बड़ी सेंध लग गई, जब दर्शक दीर्घा से संसद में कूदे 2 युवकों ने स्मोक बम फेंके. आखिर इस साजिश की सरकार को भनक क्यों नहीं मिल पाई.
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Zee News DNA on Parliament Security Breach: 13 दिसंबर की दोपहर संसद में जो घटनाक्रम हुआ, वो कोई इत्तेफाक या जल्दबाजी में किया गया कांड नहीं था. बल्कि दहशत फैलाने की साज़िश पर आरोपी करीब डेढ़ साल से काम कर रहे थे. साज़िश के तहत ही देश के अलग-अलग राज्यों से आरोपी दिल्ली पहुंचे, साज़िश के तहत ही Smoke Cracker का इंतजाम किया गया था. इसका पता आरोपियों से पूछताछ और अबतक की जांच से चला है.
चारों आरोपियों की 7 दिन की पुलिस रिमांड
दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों को Patiala house court में पेश किया. पुलिस ने अदालत से आरोपियों की 15 दिन की Custody की मांग की. हालांकि पुलिस की दलील सुनने के बाद Court ने आरोपियों को 7 दिन की पुलिस Custody में भेज दिया. पुलिस ने अदालत को बताया कि क्यों आरोपियों के खिलाफ UAPA यानी Unlawful Activities Prevention Act के तहत केस दर्ज किया गया है.
अब तक 4 आरोपी हुए गिरफ्तार
संसद की सुरक्षा में हुई चूक की जांच अब दिल्ली पुलिस की Special Cell कर रही है. अबतक इस केस में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. Special Cell गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर Case की कड़ियां जोड़ रही है. जांच में साज़िश में कुल 6 लोगों के शामिल होने की बात सामने आई है. जिन्होंने दहशत फैलाने के लिए अलग-अलग जिम्मेदारी ली थी.
संसद के बाहर जब नीलम और अमोल शिंदे Smoke Cracker फोड़कर हंगामा और नारेबाजी कर रहे थे. तब ललित झा कुछ दूर खड़ा होकर उनका वीडियो बना रहा था. लेकिन जब पुलिस हरकत में आई तब ललित मौके से फरार हो गया. संसद के बाहर बनाये गए वीडियो को ललित झा ने कोलकाता के Nilaksh नाम के एक शख्स को Whatsapp किया था. Nilaksh के बारे में पता चला कि वो एक NGO चलाता है और ललित झा का दोस्त है. उसे वीडियो भेजकर ललित झा ने Media Coverage के लिए भी कहा था.
बच्चों की हरकत से पैरंट्स परेशान
इस केस में चौंकाने वाली बात ये कि आरोपियों के परिवार को शक तक नहीं हुआ, कि उनके बच्चे कितनी बड़ी घटना को अंजाम देने की तैयारी कर रहे हैं. आरोपियों के परिवार का मानना है कि उनके बच्चे निर्दोष हैं, उन्होंने किसी के बहकावे में आकर ऐसा अपराध किया होगा. लेकिन दिल्ली पुलिस ने जब इस Case की कड़ियों को जोड़ा, तब एक बड़ी साज़िश का पता चला. इस साज़िश का एक पहलू आरोपियों का अलग-अलग राज्यों से होना भी है, जो इन्हें दिल्ली तक खींच लाया.
संसद में Smoke Cracker फोड़ने के आरोपी पहले से एक दूसरे को जानते थे, पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी 'Bhagat singh Fan Club' नाम के एक Facebook पेज से जुड़े हुए थे. इस Facebook Page के 40 मेंबर आरोपियो के लगातार संपर्क में बने हुए थे. Social Media के जरिये ही आरोपियों की आपस में बात हुआ करती थी.
DNA : संसद की सुरक्षा से खिलवाड़ के बाद 'भूल-सुधार'. संसद की सुरक्षा आखिर कहां Fail हुई ? #DNA #DNAWithSourabh #ParliamentSecurityBreach #SecurityBreach #LokSabha @saurabhraajjain pic.twitter.com/IwdXLu9dge
— Zee News (@ZeeNews) December 14, 2023
रेकी करके लौट गया था सागर शर्मा
करीब डेढ़ साल पहले आरोपियों ने कर्नाटक के मैसूर में Meeting की थी. कुछ महीने पहले भी आरोपियों दोबारा मिले. ऐसी आशंका है कि उसी वक्त संसद में दहशत फैलाने का Plan बना. पूछताछ में पुलिस को ये जानकारी मिली है, कि लखनऊ का सागर शर्मा इसी वर्ष जुलाई महीने में दिल्ली आया था. तब उसका मकसद संसद के अंदर जाकर रेकी करना था. लेकिन Entry नहीं मिलने की वजह से वो बाहर से ही रेकी करके वापस लौट गया.
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक संसद में पूरा घटनाक्रम 13 नहीं बल्कि 14 दिसंबर को अंजाम दिया जाना था. लेकिन लोकसभा का Pass 13 दिसंबर क बन जाने की वजह से एक दिन पहले घटना को अंजाम देना पड़ा. संसद में दहशत फैलाने के लिए सागर और बाकी आरोपी मानसिक रूप से तैयार थे. क्योंकि, सागर शर्मा ने घटना से करीब 15 घंटे पहले अपने Instagram पर एक Post डाला था, जिसमें सागर ने लिखा था. कि -
अब जीते या हारे पर कोशिश तो जरूर करेंगे. साथ ही लिखा कि अब देखना ये है सफर कितना हसीन होगा. उम्मीद है फिर मिलेंगे. सागर को घटना की गंभीरता और उसके बाद होने वाले अंजाम का पता था.
'कुछ बड़ा करके ही मरेगा'
सागर दो Facebook Page ऑपरेट कर रहा था, इन पेज के प्रोफाइल में भी सागर ने कुछ क्रांतिकारी बातें लिखी थी. एक प्रोफाइल में सागर ने लिखा था कि उसका सपना ही उसकी दौलत है और वो इतिहास लिखेगा. सागर लिखता था कि दुनिया में वो आया है तो कुछ करके ही मरेगा. इससे पता चलता है कि सागर शर्मा मानसिक तौर पर काफी पहले से संसद में कुछ बड़ा करने का Plan कर रहा था.
आरोपी साज़िश के तहत संसद को कोई बड़ा नुकसान तो नहीं पहुंचा पाए, लेकिन दहशत फैलाने में जरूर कामयाब हो गए. कुछ लोगों को लगता है कि आरोपियों का अपराध ज्यादा गंभीर नहीं है.आरोपियों की पारिवारिक स्थिति को लेकर कुछ लोग उनसे सहानुभूति दिखा रहे हैं. लेकिन इस घटनाक्रम ने देश विरोधी ताकतों को बोलने का मौका जरूर दे दिया है.
कहीं पन्नू की साजिश तो नहीं!
13 दिसंबर के घटनाक्रम के बाद खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू Active हो गया है, इस खालिस्तानी आतंकी ने आरोपियों को कानूनी सहायता देने का ऐलान किया है. हालांकि, संसद में अंजाम दिये गये घटनाक्रम में उसका कोई हाथ है या नहीं. इसपर पन्नू ने कुछ नहीं कहा.
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही पन्नू ने धमकी दी थी, कि 13 दिसंबर को भारतीय संसद पर आतंकी हमला करेगा. लेकिन इस घटनाक्रम से उसका कोई Connection है या नहीं फिलहाल पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता.