ZEE जानकारीः राहुल गांधी के बयानों में आत्मविश्वास की आंधी और वंशवाद का तूफान
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ZEE जानकारीः राहुल गांधी के बयानों में आत्मविश्वास की आंधी और वंशवाद का तूफान

राहुल गांधी ये कह रहे हैं कि अगर कांग्रेस पार्टी की जीत हुई या कांग्रेस पार्टी, सबसे बड़ी पार्टी बनी तो वो प्रधानमंत्री बनेंगे . अब यहां विचार करने वाली बात ये है कि कांग्रेस पार्टी, हर दूसरे-तीसरे दिन ये कहती है कि लोकतंत्र खतरे में है . 

ZEE जानकारीः राहुल गांधी के बयानों में आत्मविश्वास की आंधी और वंशवाद का तूफान

कर्नाटक में विधानसभा चुनावों के लिए 12 मई को वोटिंग होगी और 15 मई को नतीजे आएंगे. यानी अगर आज का दिन हटा दिया जाए, तो अब वोटिंग में सिर्फ 3 दिनों का वक्त बचा हुआ है. इसलिए हम आपको जल्दी से कर्नाटक चुनाव का ताज़ा अपडेट दे देते हैं.  आज कर्नाटक चुनाव से जुड़ी हुई 3 बड़ी बातें हुई हैं. पहली बड़ी बात ये है कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को करीब 21 महीने के बाद चुनावी रैली करनी पड़ी है. इससे पहले सोनिया गांधी उत्तर प्रदेश के वाराणसी में चुनावी रैली में दिखी थीं, अगस्त 2016 में हुई इस रैली के दौरान सोनिया गांधी की तबीयत खराब हो गई थी.

उत्तर प्रदेश के बाद गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी चुनाव हुए थे, लेकिन सोनिया गांधी रैली के लिए नहीं आई थीं. लेकिन अब राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बन चुके हैं. और कर्नाटक में पूरी कांग्रेस पार्टी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. ऐसे में सोनिया गांधी का चुनावी रैली के लिए आना बहुत बड़े राजनीतिक संकेत दे रहा है. एक तरह से सोनिया गांधी ने सक्रिय चुनाव प्रचार से अवकाश लिया हुआ था, लेकिन आज कर्नाटक के बीजापुर की उनकी रैली, ये बताती है कि कर्नाटक में कांग्रेस को सोनिया गांधी की सख्त ज़रूरत है. और ये सब तब हो रहा है, जब राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष बन चुके हैं. 

कर्नाटक चुनावों में आज की दूसरी बड़ी बात ये है कि राहुल गांधी का एक बड़ा बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि 2019 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे और वो प्रधानमंत्री बनने के लिए तैयार हैं. और तीसरी बड़ी बात ये है कि बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने ये कहा है कि मोदी सरकार को लेकर किसी तरह की सत्ता विरोधी लहर नहीं है. कल ज़ी न्यूज़ ने बैंगलुरू में जाकर अमित शाह का एक इंटरव्यू किया था. जिसका एक छोटा सा हिस्सा हम आपको आगे दिखाएंगे. लेकिन सबसे पहले हम सोनिया गांधी की बात करेंगे. 

राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी भी इस बात को अच्छी तरह समझ रही हैं कि अगर राहुल गांधी कर्नाटक का चुनाव भी हार गए तो उनके राजनीतिक जीवन पर प्रश्न चिह्न लग जाएगा . क्योंकि 2019 का चुनाव नज़दीक है और ऐसी स्थिति में विपक्ष भी राहुल गांधी का नेतृत्व स्वीकार करने में असहज महसूस करेगा . इसीलिए करीब 2 वर्ष के अंतराल ((Gap)) के बाद सोनिया गांधी ने चुनावी रैली की है. और इस रैली में सोनिया गांधी के भाषण का निशाना, सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी पर था. 

आजकल राहुल गांधी के बयानों में आत्मविश्वास की आंधी और वंशवाद का तूफान दिखाई दे रहा है . और इसी आंधी-तूफान में आज उन्होंने प्रधानमंत्री बनने की इच्छा ज़ाहिर कर दी है. बैंगलुरू में राहुल गांधी एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे . और वहीं पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर वर्ष 2019 में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी तो वो प्रधानमंत्री बनेंगे. आपने राहुल गांधी का बयान सुना. आपने अक्सर बहुत सारे नेताओं के इंटरव्यू सुने होंगे . ज़ी न्यूज़ खुद भी बहुत सारे नेताओं के इंटरव्यू किए हैं . अक्सर जब हम किसी नेता से ये सवाल पूछते हैं कि क्या आप मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं ? या फिर क्या आप प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं ? तो अक्सर नेताओं का जवाब होता है कि हमारी पार्टी एक लोकतांत्रिक पार्टी है और पार्टी ही इसका फैसला करेगी कि प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री कौन बनेगा ? 

लेकिन राहुल गांधी ये कह रहे हैं कि अगर कांग्रेस पार्टी की जीत हुई या कांग्रेस पार्टी, सबसे बड़ी पार्टी बनी तो वो प्रधानमंत्री बनेंगे . अब यहां विचार करने वाली बात ये है कि कांग्रेस पार्टी, हर दूसरे-तीसरे दिन ये कहती है कि लोकतंत्र खतरे में है . आज कल मुद्दा और सवाल कोई भी हो, कांग्रेस के नेताओं का जवाब ये होता है कि देश की संवैधानिक संस्थाओं पर खतरा मंडरा रहा है . लेकिन राहुल गांधी ने आज जो बयान दिया . उससे तो यही लगता है कि कांग्रेस के अंदर लोकतंत्र नहीं है और इसकी वजह गांधी परिवार का वंशवाद है . 

कल ज़ी न्यूज़ ने बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह का इंटरव्यू किया था . उस इंटरव्यू में ज़ी न्यूज़ ने अमित शाह से राहुल गांधी के Aggression यानी आक्रामक अंदाज़ के बारे में पूछा था. इस पर अमित शाह ने क्या जवाब दिया था.. वो भी आपको सुनना चाहिए. राहुल गांधी ने आज कर्नाटक के बेंगलूरू में जो बयान दिया उसमें एक और बात बहुत गौर करने वाली है . आपको राहुल गांधी के बयान में ही विरोधाभास नज़र आएगा . एक तरफ तो राहुल गांधी ये कह रहे हैं कि उनको पूरा भरोसा है कि नरेंद्र मोदी 2019 में प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे . लेकिन दूसरी तरफ जब उनसे सवाल पूछा गया कि क्या आप प्रधानमंत्री बनेंगे ? तब उन्होंने कहा कि ये कांग्रेस के प्रदर्शन पर निर्भर करता है . इसका मतलब ये है कि राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी के चुनावी प्रदर्शन पर भरोसा नहीं है . 

आश्चर्य की बात ये है कि राहुल गांधी लगातार चुनाव हार रहे हैं लेकिन उनके आत्मविश्वास में कोई कमी नहीं है . उपाध्यक्ष बनने के बाद से राहुल गांधी 30 से ज़्यादा चुनाव हार चुके हैं .  ये आंकड़े, बिलकुल भी उत्साहवर्धक नहीं है, आकर्षक नहीं है. और इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कर्नाटक में अपनी चुनावी रैलियों में राहुल गांधी के चुनावी रिपोर्ट कार्ड पर कटाक्ष कर रहे हैं . 

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