Cancer Study: क्या गोलगप्पे खाने से हो सकता है कैंसर? सामने आई स्टडी ने लोगों में बढ़ाया डर, डॉक्टर भी हैरान
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Cancer Study: क्या गोलगप्पे खाने से हो सकता है कैंसर? सामने आई स्टडी ने लोगों में बढ़ाया डर, डॉक्टर भी हैरान

Cancer from Golgappa News: क्या गोलगप्पे खाने से किसी को कैंसर हो सकता है? आप इस सवाल का जवाब न दे पाएं.  लेकिन कैंसर पर सामने आई ताजा स्टडी ने हेल्थ एक्सपर्टों को हैरानी में डाल दिया है.  

Cancer Study: क्या गोलगप्पे खाने से हो सकता है कैंसर? सामने आई स्टडी ने लोगों में बढ़ाया डर, डॉक्टर भी हैरान

Cancer Latest Study in Hindi: चाहे शादी का सीजन हो या कोई पार्टी, गोलगप्पे खाना भारतीयों का एक सामान्य शौक है. सामान्य रूप से बाहर घूमने जाते वक्त भी हम अक्सर गोलगप्पे खाने से नहीं चूकते. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गोलगप्पे खाने से शरीर में कैंसर हो सकता है. शायद नहीं. असल में 'गोलगप्पे खाने से कैंसर' पर एक स्टडी सामने आई है, जिसने डॉक्टरों समेत सभी लोगों के कान खड़े कर दिए हैं. अगर आप भी गोलगप्पे खाने के शौकीन हैं तो इस रिपोर्ट को जरूर पढ़िए वर्ना आपको अस्पताल पहुंचते देर नहीं लगेगी. 

गोलगप्पे खाने से शरीर में पनप सकता है कैंसर

रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक के फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने अपने सर्वे में पाया है कि ठेली- पटरी और दुकानों पर बिकने वाले गोलगप्पे में कई ऐसे खतरनाक तत्व मिलाए जाते हैं, जिनसे शरीर में कैंसर बन सकता है. सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक खतरा सिर्फ गोलगप्पे खाने से ही नहीं, बल्कि दूसरे स्ट्रीट फूड्स के साथ भी है. उनमें भी कई ऐसी जहरीली चीजों का इस्तेमाल किया जाता है, जो कैंसर बनने की वजह बन सकते हैं. 

22 फीसदी सैंपल्स में मिले जहरीले तत्व

कर्नाटक सरकार ने अपनी वेबसाइट पर इस सर्वे से निकले नतीजों को बारे में विस्तार से जानकारी दी है. रिपोर्ट के मुताबिक फूड डिपार्टमेंट ने पिछले 5 महीने में 1 हजार फूड प्रॉडक्ट्स का सर्वे किया. इनमें से गोलगप्पों के भी 260 सैंपल शामिल थे. जांच में पता चला कि 22 फीसदी फूड सैंपल्स में कैंसर पैदा करने वाले खतरनाक तत्वों का इस्तेमाल किया गया था. बाजार से लिए 41 सैंपल्स में कार्सिनोजेनिक केमकिल और आर्टिफिशियल रंग पाए गए हैं. कार्सिनोजेनिक केमिकल से कैंसर हो सकता है. 

पानी में मिलाया जाता है आर्टिफिशियल कलर

कर्नाटक फूड सेफ्टी कमिश्नर के. श्रीनिवास के मुताबिक, गोलगप्पों के साथ लोगों को हरे रंग का चटपटा पानी पिलाया जाता है. लोग सोचते हैं कि यह पुदीने और धनिया से बना पानी है. हालांकि जांच में इसका उल्टा पाया गया है. पता चला कि उस पानी को हरा बनाने के लिए आर्टिफिशियल तरीके से तैयार हरे रंग को मिलाया जाता है. इस हरे रंग को ग्रीन फास्ट एफसीएफ कहा जाता है) मिलाया जाता है. इसके बाद उसमें थोड़ी महक पैदा करने के लिए कुछ पुदीना भी मिला दिया जाता है. 

गोलगप्पे बना सकते हैं कैंसर का मरीज?

वे कहते हैं कि गोलगप्पे वाले पानी को उबालकर ठंडा करने के बाद ग्राहकों को पिलाना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं किया जाता. इसके बजाय उसमें सीधे ही बर्फ डाल दी जाती है, जिससे उसमें बैक्टीरिया पनपने का का खतरा बढ़ जाता है. जहरीले तत्व और बैक्टीरिया का यह तालमेल किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को बीमार बना सकता है. इससे उसे उल्टी- दस्त और लंबे तक सेवन करने से कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है. 

गोलगप्पे खाएं तो क्या सावधानी बरतें? 

सबसे पहली बात सड़क पर खड़े किसी भी ठेली- पटरी वाले से गोलगप्पे खाने से परहेज करें. इसके बजाय किसी साफ- सुथरी और भरोसेमंद दुकान पर जाकर ही उनका सेवन करें. 

गोलगप्पे खाने से पहले यह जरूर चेक कर लें कि उसके पानी में आर्टिफिशियल कलर तो नहीं मिलाया गया है. अगर दुकानदार आपको संतोषजनक जवाब नहीं दे वहां खाने से परहेज करें.

सबसे बेहतर ये होगा कि आप बाहर जाकर गोलगप्पे खाने के बजाय उन्हें खुद ही घर पर तैयार कर लें. उसके पानी में आप आर्टिफिशियल रंगों के बजाय चुकंदर, पालक, धनिया और गाजर से तैयार किए गए रंगों का इस्तेमाल करें. ये सेहत के लिए अच्छे होते हैं. 

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