एक समय था, जब बच्चे अपने घर के बुजुर्गों से कहानियां सुनने की फरमाइश किया करते थे. अब बच्चे अपने परिवार के सदस्यों के बजाय अपने फोन, लैपटॉप आदि को गुड नाइट कह कर सोते हैं. ऐसे में घर के बड़ों की, खासतौर पर मां-बाप की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने बच्चों में कहानी सुनने की आदत डालें.
Trending Photos
नई दिल्ली: आधुनिक समय को अगर डिजिटल युग (Digital Era) कहा जाए तो गलत नहीं होगा. आज के समय में बड़े हों या बच्चे, सभी मोबाइल, टैबलेट या कंप्यूटर आदि गैजेट्स (Gadgets) का इस्तेमाल करते हैं. इन गैजेट्स ने हमारी जिंदगी को आरामदायक तो बना दिया है, लेकिन हमने अपनी इमोशनल जरूरतों को भी इनसे पूरा करना शुरू कर दिया है. घर में रहते हुए भी परिजनों की आपस में बातचीत काफी कम हो गई है. छोटी से छोटी बात जानने के लिए भी हम इंटरनेट की मदद लेते हैं. बड़े हों या बच्चे, अपने काम को पूरा करने के साथ-साथ अपना मन बहलाने के लिए भी सभी इन्हीं साधनों की मदद लेने लगे हैं. अपने काम पूरे करने के लिए तो इन गैजेट्स का यूज करना ठीक है लेकिन अपनी भावनाओं, मन की बातों को शेयर करने के लिए अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहिए. खासतौर पर बच्चों के लिए हर समय इन गैजेट्स का यूज करना बहुत खतरनाक है.
यह भी पढ़ें- परवरिश: बच्चे को कैसे कराएं सही और गलत की पहचान
एक समय था, जब बच्चे अपने घर के बुजुर्गों, दादा-दादी, नाना-नानी आदि से कहानियां सुनने की फरमाइश किया करते थे. बच्चों को तब कहानी सुने बगैर नींद नहीं आती थी. अब समय बदल चुका है. अब बच्चे अपने परिवार के सदस्यों के बजाय अपने फोन, लैपटॉप आदि को गुड नाइट कह कर सोते हैं. ऐसे में घर के बड़ों की, खासतौर पर मां-बाप की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने बच्चों में कहानी सुनने की आदत डालें. बच्चों को जब आप प्यार से थपथपाते हुए एक अच्छी सी कहानी सुनाकर सुलाएंगे तो वह बहुत ही प्यारी नींद सोएगा. बच्चों को कहानी सुनाने से बच्चे के साथ आपका रिश्ता बेहद मजबूत बनेगा. वह आपके और करीब आ जाएगा. इसका मतलब यह है कि कहानी सुनना या सुनाना केवल बच्चे के लिए ही नहीं, बल्कि आपके लिए भी बहुत फायदेमंद साबित होगा. जो बातें आप अपने बच्चे को केवल कहकर नहीं समझा सकते हैं, उन बातों को बच्चा एक कहानी के माध्यम से आसानी से मान जाएगा. बच्चे इन छोटी-छोटी कहानियों को सुनकर बहुत सारी अच्छी बातें सीख सकते हैं. इन कहानियों के माध्यम से उसमें अनेक गुणों का विकास होगा. तो आइए जानते हैं इन अच्छी आदतों और गुणों के बारे में.
यह भी पढ़ें- मुश्किल घड़ी में कहीं टूट न जाएं हम, जानिए खुद को कैसे बनाएं इमोशनली स्ट्रॉन्ग
लैंग्वेज स्किल्स डेवलप होंगी
सबसे पहले तो कहानी सुनने (Storytelling) की आदत से बच्चे को यह फायदा होगा कि उसकी लैंग्वेज स्किल्स (Language Skills) बेहतर हो जाएंगी. जिस भाषा में आप बच्चे को कहानी सुना रहे हैं, उस भाषा को बच्चा आसानी से समझने लग जाएगा. कहानियां सुनने से छोटे बच्चों को भाषा और वाक्यों को सुनने व समझने में काफी मदद मिलेगी.
नए शब्द सीखेंगे
बच्चों को कहानियां सुनने से उनकी वोकैबलरी (Vocabulary) यानी शब्दों को पहचानने की क्षमता का विकास होगा. किसी शब्द को पढ़कर याद रखना मुश्किल है लेकिन जब उसी शब्द को बच्चा बार-बार किसी कहानी में सुनता है तो वह उस शब्द को समझने व पहचानने लगता है.
बॉडी लैंग्वेज को पहचानने में मदद मिलेगी
एक बच्चे के लिए बॉडी लैंग्वेज (Body Language) को पहचानने में कहानियां सुनने की आदत बहुत मदद कर सकती है. किसी अच्छी, बुरी या एक्साइटमेंट (Excitement) वाली बात पर सामने वाले का रिएक्शन (Reaction) कैसा होता है, इस स्किल को कहानियां (Stories) काफी डेवलप कर सकती हैं.
यह भी पढ़ें- रिश्ते को मजबूत बनाने के काम आएंगे ये Relationship Tips
फेशियल एक्सप्रेशंस की पहचान
किसी बात पर सामने वाले के चेहरे को देखकर उसके हाव-भाव को पहचानना किसी बड़े के लिए भी मुश्किल काम है. ऐसे में बात अगर बच्चों की हो तो उनके लिए किसी बात पर फेशियल एक्सप्रेशंस (Facial Expressions) को पहचानना असंभव है. मां-बाप अपने बच्चों को अलग-अलग तरह की कहानियां सुनाकर और उसी तरह के एक्सप्रेशंस दिखाकर बच्चों में यह स्किल डेवलप कर सकते हैं.
सफल कम्युनिकेटर
बहुत कम लोगों में यह गुण पाया जाता है कि वे शांत रहकर सामने वाले की बात को सुन और समझ सकें. ज्यादातर लोगों की आदत होती है कि वे सामने वाले की बात को सुने बिना ही अपनी बात कहने लगते हैं. इसका सीधा सा कारण है कि वे अच्छे कम्युनिकेटर (Communicator) नहीं हैं. लेकिन आप अपने बच्चे को अच्छी-अच्छी कहानियां सुनाकर शुरुआत से ही एक सफल कम्युनिकेटर बना सकते हैं. उसका यह गुण भविष्य में कामयाबी हासिल करने में उसकी काफी मदद करेगा.
व्यक्तित्व का विकास
जब आप बच्चे को विभिन्न प्रकार की कहानियां सुनाएंगे तो उसमें बहुत सी अच्छी आदतों का विकास होगा. कहानियों के माध्यम से बच्चों को बड़ी से बड़ी शिक्षा बहुत सरल तरीके से दी जा सकती है. इस तरह एक अच्छे उदाहरण से बच्चे बहुत जल्दी प्रेरणा लेते हैं. संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास करने में कहानियां महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.
यह भी पढ़ें- अगर आपको अच्छी नींद नहीं आती है, तो इसका मतलब यह भी है…
याददाश्त होगी तेज
जब बच्चे को उसकी रुचि के अनुसार एक अच्छी कहानी सुनाई जाती है तो वह उस कहानी तथा उसके पात्रों को खुद-ब-खुद ही याद कर लेता है. जब वह बार-बार किसी चीज को याद करने की कोशिश करता है तो इस दौरान उसकी याददाश्त तेज होती चली जाती है.
क्रिएटिविटी बढ़ेगी
अगर बच्चे को कोई ऐसी कहानी सुनाई जाए जो क्रिएटिविटी (Creativity) की प्रेरणा देती हो तो बच्चे खुद भी कुछ क्रिएटिव करने की कोशिश करते हैं. कहानियां तथा कहानियों के उदाहरणों द्वारा बच्चा बड़ी आसानी से क्रिएटिव हो जाता है.
माइंड अलर्टनेस बढ़ेगी
जब आप बच्चे को उसकी मनपसंद कहानी सुनाते हैं तो वह बड़े ध्यान से आपकी बात सुनता है. कहानी के दौरान उसकी उत्सुकता बढ़ती चली जाती है कि आगे क्या होगा. इससे वह आपकी कहानी को बड़े ध्यान से सुनता है और उसका माइंड अलर्ट (Mind Alert) रहता है. जब आप रोज एक निश्चित समय पर या फिर रात को सोते समय उसे कोई ऐसी अच्छी कहानी सुनाएंगे तो उसको धीरे-धीरे बातों को ध्यान से सुनने की आदत पड़ जाएगी. यह उसकी एजुकेशन (Education) के लिए भी बहुत फायदेमंद होगा.
यह भी पढ़ें- अपने बच्चों को जरूर सिखाएं हिंदी के प्यारे और अनोखे शब्द, काम आएंगी ये Tips
डिफरेंट कम्युनिटी और सोसाइटी की पहचान
कहानी सुनाते हुए आप यह बात ध्यान रखिए कि वे अलग-अलग लोगों की, अलग-अलग देशों और अलग-अलग संस्कृतियों पर आधारित हों. इस तरह से आपको और बच्चे को, दोनों को यह पता भी नहीं चलेगा कि बच्चा कितनी सारी जानकारियां प्राप्त कर लेगा. उसकी एजुकेशन को बेहतर बनाने के लिए भी आप कोई कहानी बना कर सुना सकते हैं.
इमैजिनेशन पावर बढ़ेगी
इमैजिनेशन (Imagination) यानी कल्पना शक्ति को बढ़ाने में कहानियों का बड़ा रोल होता है. जब आप बच्चे को परियों की, पक्षियों की, उड़नतश्तरियों आदि की अलग-अलग तरह की बहुत कल्पनात्मक कहानियां सुनाएंगे तो वह खुद भी ऐसी कल्पनाएं करने लगेगा.
अच्छाई-बुराई का फर्क पता चलेगा
जब बच्चा कहानी के अच्छे व बुरे, दोनों कैरेक्टर्स के बारे में सुनेगा तो वह खुद ही सही व गलत का निर्णय लेने के लायक हो जाता है. इस तरह से उसे अच्छाई व बुराई में फर्क बड़ी आसानी से पता चल जाता है.
यह भी पढ़ें- ऐसे बढ़ाएं अपने बच्चे की कॉन्संट्रेशन पावर, अपनाएं ये खास टिप्स
अच्छी आदतों का विकास होगा
जब मां-बाप को लगे कि उसके बच्चे में कोई बुरी आदत है तो उसको छुड़ाने के लिए उसी बुराई पर आधारित कहानी सुनाएं. जब बच्चा सुनेगा तो उसको एहसास होगा कि उसकी यह आदत बुरी है और वह अपनी बुरी आदतों को छोड़ने लगेगा. इससे उसमें अच्छी आदतों का विकास होगा.
अच्छे व्यवहार की सीख मिलेगी
घर के छोटे सदस्यों को बड़ों के साथ किस तरह का व्यवहार करना चाहिए, इन सभी बातों को बच्चों को कहानी के माध्यम से सरलता से सिखाया जा सकता है. अच्छे व्यवहार वाले लोगों पर आधारित कहानियां या फिर कुछ छोटी-छोटी ऐसी कहानियां बनाकर बच्चों को सुनाएं.
शांत मन से दूसरों की बात सुनने की आदत होगी
बच्चों का मन बहुत चंचल होता है. एक जगह बिठाकर समझाने में मां-बाप को बहुत मुश्किल होती है. वहीं बच्चे की मनपसंद कहानी सुनाकर आप बड़े आराम से बच्चों में शांत बैठकर आपकी या टीचर आदि की बात सुनने की आदत डाल सकते हैं.
पेरेंट्स से नजदीकियां बढ़ेंगी
बेडटाइम (Bedtime) या फिर दिन में किसी समय रोजाना नियम से बच्चे को कहानी सुनाने से एक बड़ा फायदा आपको भी होगा. बच्चा आपसे अपनी फीलिंग शेयर करने लगेगा और आपके ज्यादा करीब आ जाएगा.
आप भी आज रात से ही सोने से पहले अपने बच्चों को प्यार से थपथपा कर एक छोटी कहानी सुनाने की आदत बना लीजिए.