कुछ बच्चे ऐसे हैं, जो ठीक से हिंदी बोलना भी नहीं जानते हैं. पढ़ना और लिखना तो दूर की बात है. कोशिश कीजिए कि घर में बोलने वाली पहली भाषा हिंदी ही हो. धीरे-धीरे उसे इंग्लिश भी सिखाते रहिए.
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नई दिल्ली: आजकल हमारे बच्चे जिन स्कूलों में पढ़ रहे हैं वहां बच्चों से इंग्लिश में ही बात कि जाती है. अभिभावकों में होड़ लगी है कि किसका बच्चा ज्यादा स्मार्ट है. बच्चों को भी बहुत मुश्किल होती है. कुछ बच्चे ऐसे हैं, जो ठीक से हिंदी बोलना भी नहीं जानते हैं. पढ़ना और लिखना तो दूर की बात है. कोशिश कीजिए कि घर में बोलने वाली पहली भाषा हिंदी ही हो. धीरे-धीरे उसे इंग्लिश भी सिखाते रहिए. यह हमारा कर्तव्य है कि बच्चे के शब्दकोष में इंग्लिश के साथ-साथ हिंदी शब्द भी होने चाहिए. ताकि वह हिंदी के महत्व को समझ सके और अपनी संस्कृति को जान पाए. आप अपने बच्चों की हिंदी इम्प्रूव करने में उनकी मदद करें.
- चिट्ठियों का दौर बेशक खत्म हो गया हो, लेकिन उन्हें एक पेज पर अपने मन की बात लिखने को कह सकते हैं. बच्चे अक्सर कोई न कोई डिमांड करते रहते हैं. उन्हें कहिए कि वो अपने बर्थडे पर आपसे क्या चाहते हैं उसकी एक लिस्ट बनाएं, लेकिन हिंदी में. साथ ही वो मम्मी-पापा में से सबसे ज्यादा किसे प्यार करते हैं, यह भी लिखें.
- उन्हें सुबह उठकर प्रणाम करना सिखाएं. कोई भी सरल से मंत्र जैसे ॐ सूर्याय नमः या फिर गायत्री मंत्र बोलने के लिए कहें. उन्हें इस मंत्र का मतलब और फायदे बताएं.
- बच्चों को हिंदी की कहानियां सुनाएं. पंचतंत्र की कहानियां सुनाएं. अपने बचपन के किस्से उन्हें हिंदी में सुनाएं.
- जब भी इंग्लिश का नया वर्ड आप उनके सामने बोलें तो उसका हिंदी में मतलब जरूर बताएं, जैसे life का अर्थ क्या जीवन. hope यानी आशा.
- उनके लिए एक एक्टिविटी वर्कशीट (Activity Worksheet) बनाएं. वर्कशीट ऐसी हो जिससे बच्चे का इंट्रेस्ट बना रहे.