सावधान! Smartphone की लत से 10 साल के बच्चों का दिमाग हो सकता है खराब, रुक सकती है Growth
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सावधान! Smartphone की लत से 10 साल के बच्चों का दिमाग हो सकता है खराब, रुक सकती है Growth

स्टडी के अनुसार, अगर 10 साल तक के बच्चे 7 घंटे से ज्यादा मोबाइल फोन चलाते हैं तो उनका दिमाग खराब हो सकता है. इस स्टडी से पता चला है कि ज्यादा समय मोबाइल फोन (Smartphone Addiction) पर चिपके रहने से बच्चों के दिमाग की बाहरी परत पतली पड़ जाती है. इससे दिमाग की ग्रोथ (Brain Growth) पर भी बुरा असर पड़ता है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: आज के समय में स्मार्टफोन यूज करना हर किसी की जरूरत बन गया है. कोरोना काल (Coronavirus) में ऑनलाइन क्लासेज (Online Classes) की वजह से हर बच्चे के हाथ में स्मार्टफोन (Smartphone) पहुंच चुका है. आज-कल बच्चे पढ़ाई के बाद भी ज्यादातर समय मोबाइल में बिजी (Smartphone Addiction) रहते हैं. स्मार्टफोन में चलने वाले गेम्स बच्चों को बहुत लुभाते हैं. ऐसे में बच्चों की लाइफस्टाइल (Kids Lifestyle) पर नजर रखना बहुत जरूरी है.

  1. ऑनलाइन एजुकेशन की वजह से लगभग हर बच्चे के हाथ में स्मार्टफोन है
  2. मोबाइल के इस्तेमाल से 10 साल तक के बच्चों का दिमाग खराब हो सकता है
  3. उनके दिमाग की ग्रोथ पर भी बुरा असर पड़ता है

अगर आपका बच्चा भी दिन भर के कई घंटे स्मार्टफोन के साथ बिता रहा है तो यह आपके लिए चिंता का विषय बन सकता है. मोबाइल की वजह से (Smartphone Side Effects) आपके बच्चे का दिमाग जीवन भर के लिए भी प्रभावित हो सकता है.

स्मार्टफोन के शोध में हुआ बड़ा खुलासा 

एक स्टडी (Study) में खुलासा हुआ है कि 10 साल तक के बच्चे अगर 7 घंटे से ज्यादा समय तक मोबाइल फोन (Mobile Phone) यूज करते हैं तो उनका दिमाग खराब हो सकता है. इस स्टडी में यह बात निकल कर सामने आई है कि ज्यादा समय मोबाइल फोन पर चिपके रहने से बच्चों के दिमाग की बाहरी परत पतली पड़ जाती है. इससे दिमाग की ग्रोथ (Brain Growth) पर भी बुरा असर पड़ता है.

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सूख सकती है आपके लाडले की आंख

स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल करने से बच्चों का दिमाग (Brain) तो खराब होता ही है, उनकी आंखें भी बहुत प्रभावित होती हैं. बच्चों का स्मार्टफोन की स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताना आंखों में सूखेपन (Eye Dryness) का कारण बन सकता है. आज-कल बच्चों की आंखों में सूखेपन की समस्या सबसे ज्यादा आ रही है.

डॉक्टर्स का कहना है कि शुरुआती 6 वर्षों में बच्चे का दिमाग सबसे तेजी से ग्रो करता है. ऐसे में बिना किसी वर्कआउट (Workout) के हमेशा बैठे रहने के बजाय बच्चों को रचनात्मक स्टिमुलेशन (Creative Stimulation) की जरूरत होती है. इस उम्र में बच्चों को खेलकूद और क्रिएटिविटी की सबसे ज्यादा जरूरत होती है.

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स्क्रीन पर फोकस है खतरनाक 

10 मिनट से जयादा भी स्क्रीन पर फोकस करना बच्चों के दिमाग पर असर डालता है. बच्चे मोबाइल का इस्तेमाल अलग-अलग चीजों के लिए करते हैं, जिनमें से हर चीज का उन पर कुछ न कुछ असर जरूर पड़ता है. मोबाइल का फोकस उनकी आंखों और दिमाग पर असर डालता है, वहीं मोबाइल का वाइब्रेशन (Mobile Vibration) उनकी मेंटल और फिजिकल हेल्थ को प्रभावित करता है.

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