चेहरे पर मुंहासों और बाल होने से महिलाओं में बढ़ जाता है तनाव का खतरा
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चेहरे पर मुंहासों और बाल होने से महिलाओं में बढ़ जाता है तनाव का खतरा

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिन्ड्रोम वास्तव में एक मेटाबोलिक, हार्मोनल और साइकोसोशल बीमारी है, जिसका प्रबंधन किया जा सकता है.

चेहरे पर मुंहासों और बाल होने से महिलाओं में बढ़ जाता है तनाव का खतरा

नई दिल्लीः महिलाओं के चेहरे पर मुंहासे और बाल एक आम समस्या है, लेकिन इससे उनमें समाज में शर्म की स्थिति झेलने के साथ-साथ भावनात्मक तनाव और अवसाद की चपेट में आने का खतरा रहता है. इस समस्या को पॉलीसिस्टिक ओवरियन सिन्ड्रोम (पीसीओएस) कहा जाता है, जिसका जल्दी ही उचित उपचार मिलने से भावनात्मक तनाव कम हो सकता है. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिन्ड्रोम वास्तव में एक मेटाबोलिक, हार्मोनल और साइकोसोशल बीमारी है, जिसका प्रबंधन किया जा सकता है, लेकिन ध्यान नहीं दिये जाने से रोगी के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. एक अध्यनन के मुताबिक, भारत में पांच में से एक वयस्क महिला और पांच में से दो छोटी उम्र की लड़कियां पीसीओएस से पीड़ित है. मुंहासे और हिरसुटिज्म पीसीओएस के सबसे बुरे लक्षण हैं.


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