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नई दिल्ली: बच्चे के जन्म लेने से पहले ही माता-पिता के साथ-साथ पूरा परिवार आने वाले नन्हे मेहमान का नाम सोचने में लग जाता है. ऐसा हो भी क्यों न, आखिर नाम जिंदगी भर के लिए हमारी पहचान होता है. लेकिन अक्सर कुछ सेलिब्रिटी अपने बच्चों के नाम रखने में गलती कर देते हैं, जिसका असर उसके भविष्य पर असर पड़ता है. इसलिए आज हम आपको बच्चे का नाम रखने के सही तरीके के बारे में बताएंगे.
बच्चों के नाम संस्कृत या हिंदी शब्दों के अनुसार ही रखें. क्योंकि भाषा का नाम से गहरा संबंध होता है. भाषा ही बच्चों को उनके धर्म, संस्कृति, देश और संस्कार से जोड़े रखती है. यदि आप अपने बच्चे का नाम अपनी भाषा को छोड़कर किसी विदेशी भाषा में रखते हैं, तो आप अपने बच्चे का भविष्य बिगाड़ने के जिम्मेदार होंगे.
बच्चे का नाम ऐसा होना चाहिए जो घर और बाहर दोनों ही जगह पर प्रचलित हो. ऐसा माना जाता है कि राशि के अनुसार रखे गए नाम से बच्चे को बुलाने पर उस पर अच्छा असर होता है. असल शब्दों में कहें तो बच्चे का नाम सिर्फ एक ही होना चाहिए.
आजकल विहान और कियारा जैसे नाम बहुत चल रहे हैं. इन्हें ट्रेंडी नामों की लिस्ट में शामिल किया जा सकता है. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि इनका ट्रेंड सिर्फ अभी है. जब आपका बच्चा बड़ा होगा या स्कूल जाएगा, तब शायद इन नामों का ट्रेंड न हो और तब वो नाम अजीब लगे. इसलिए ट्रेंडी नाम रखने से बचें क्योंकि वक्त के साथ ये ट्रेंड बदलते रहते हैं लेकिन नाम जीवन भर एक ही रहेगा.
बच्चे का नाम ईश्वर, परमेश्वर, परमपिता, परमात्मा, ब्रह्मा, ब्रह्म, परब्रह्म, सच्चिदानंद, वेद, भगवान, भगवती, देव, देवी, ओम, हरि, हर, महादेव, आदि न रखें. क्योंकि इंसान में कमियां-खूबियां सब होती हैं. अच्छी-बुरी प्रवृत्तियां होती हैं. ऐसे में अनजाने ही हम ईश्वरीय सत्ता को कोसने के दोषी हो सकते हैं.
अपने बच्चे को हमेशा ऐसा नाम दें जिसका कोई प्यारा-सा मतलब हो. कोई सिंपल नाम चुनें जिसमें कोई गहरा संदेश या अर्थ छिपा हो. आजकल इस तरह के नाम रखने का चलन काफी बढ़ गया है. वहीं, माना जाता है कि नाम के मतलब का असर लोगों के स्वभाव पर भी पड़ता है. इसलिए आप जो भी नाम रखेंगे, उसके मतलब का प्रभाव आपके बच्चे के व्यवहार पर पड़ेगा.
इसके अलावा बच्चे के जन्म के बाद परिवार के लोग प्यार से उसे कई नामों से पुकारते हैं जैसे छोटू, गोलू, पप्पू, राजू, गुड्डू, टोनी, जॉनी, लकी, लवी आदि और धीरे-धीरे बच्चे का वही नाम हो जाता है. इससे बुरा असर होता है. ऐसे में बच्चे के बड़े होने पर भी वही नाम रहता है. हां, किसी नाम का शॉर्ट कर सकते हैं, लेकिन बिगड़े हुए रूप में नहीं.
बच्चों के नामकरण के लिए पंडित, धर्मग्रंथ, इंटरनेट और बेबी नेम बुक का सहारा लिया जा सकता है. नाम चयन करते वक्त उसके अर्थ को भली-भांति समझ लें और यह भी तय कर लें कि उसके उच्चारण में कठिनाई तो नहीं होती. नाम रखते वक्त यह ध्यान रहे कि नाम बुलाने में सरल, आसान और अर्थपूर्ण होना चाहिए. बच्चों के नाम ऐसे रखें जिस पर उन्हें गर्व हो.
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