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नई दिल्लीः आजकल के तनाव भरे जीवन में लोगों को रात की नींद से बड़ा प्यार होता है. लेकिन इसके बावजूद भी लोगों को सुकून भरी नींद नहीं मिल पाती है. इसके लिए गूगल के CEO सुंदर पिचाई तक एक अलग तकनीक अपनाते हैं. 8 घंटे की नींद को 4 घंटे में पूरा करना नॉन स्लीप डीप रेस्ट यानी NSDR से ही पॉसिबल है, जो कम समय में पूरी तरह से रिलैक्सिंग नींद देता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि है क्या ये नॉन स्लीप डीप रेस्ट तरकीब..
दरअसल नींद की ये प्रक्रिया मेडिटेशन ही है. इसमें लेटे-लेटे ही ध्यान लगाया जाता है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस तकनीक से आप जागते हुए भी सोने के लाभ पाते हैं. दिमाग इस समय उस तरह रिलेक्स कर रहा होता है, जैसे की सोते समय होता है. ये तकनीक तनाव से मुक्त करके गहरी नींद दिलाती है. इसकी लगातार प्रैक्टिस करने से आप 8 घंटे की नींद को 4 घंटे में ही पूरा कर सकते हैं.
दिमाग में कई तरह की न्यूरोन तरंगे निकलती हैं और इनमें से निकलने वाली अल्फा तरंग ही दिमाग को खुश रहने का संकेत देती हैं. योग और मेडिटेशन के जरिए इन्हीं अल्फा तरंगों को एक्टिव करने का प्रयास किया जाता है. इन तरंगों के एक्टिव होने से हर तरह का स्ट्रेस खत्म होता है और दिमाग रिलैक्सिंग मोड में आ जाता है.
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अपने बेड पर आप अंधेरे या बेहद कम रोशनी में पीठ के बल लेट जाएं.
शरीर को ढीला छोड़ दें और हाथ और पैर एकदम रिलैक्स कर दें.
हथेलियों को खोलकर आसमान की तरफ कर दें.
गहरी सांस भरें और दाहिने पंजे पर ध्यान लगाएं और इसके बाद पंजे से सिर तक आने वाले सभी अंगों पर ध्यान लगाएं.
इस प्रक्रिया के दौरान सांस को सामान्य रूप से अंदर और बाहर करते रहें.
इसके बाद शरीर को एकदम से ढीला छोड़ दें और ध्यान की प्रक्रिया में रहें.
बस कुछ ही देर में आप नींद के आगोश में होंगे.
बता दें कि पतंजलि योगसूत्र में भी इस नींद के पैर्टन पर चर्चा की गई है. यही नहीं, महाभारत काल में अर्जुन तक अपनी नींद के लिए इसी ध्यान का सहारा लेते थे. स्टैनफोर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिक डॉ. एंड्रयू ह्यूबरमैन ने इस तकनीक के बारे में विस्तार से बताया था.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले संबंधित सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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