आज के दौर में, तेजी से बदलती दुनिया और बढ़ती हुई जिम्मेदारियों के बोझ तले, मेंटल हेल्थ और अच्छे रिश्तों का महत्व पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गया है.
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आज के दौर में, तेजी से बदलती दुनिया और बढ़ती हुई जिम्मेदारियों के बोझ तले, मेंटल हेल्थ और अच्छे रिश्तों का महत्व पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गया है. खुशी, सफलता और जीवन में संतुष्टि पाने के लिए, सिर्फ शारीरिक रूप से हेल्दी रहना ही काफी नहीं है. हमें अपने मन को भी समझने और उसकी देखभाल करने की जरूरत है. और यहां पर मनोविज्ञान (Psychology) अपनी भूमिका निभाता है.
मनोविज्ञान एक व्यापक विज्ञान है जो हमारे विचारों, भावनाओं, व्यवहारों और व्यक्तित्व का अध्ययन करता है. यह हमें खुद को और दूसरों को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है. मनोवैज्ञानिक ज्ञान का उपयोग करके हम अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं को बेहतर बना सकते हैं. काउंसिल इंडिया ने अपने दीक्षांत समारोह में पैनल डिस्कशन का आयोजन किया, जिसमें साइकोलॉजी का इंसान की मेंटल हेल्थ पर प्रभावों के बारे में बातें की.
युवाओं को किस तरह मदद करेगी साइकोलॉजी की पढ़ाई?
डिप्रेशन, रिलेशनशिप, एडिक्शन, फोकस और मेमोरी काउंसिलिंग में मास्टर कोर्स करने वाले नितिन सिंह ने बताया कि मनोविज्ञान का दायरा अब सिर्फ क्लीनिकल सेटिंग तक सीमित नहीं रहा. आजकल स्कूलों, अस्पतालों, खेलों, संगठनों और यहां तक कि मार्केटिंग जैसे क्षेत्रों में भी मनोवैज्ञानिकों की मांग बढ़ रही है. यह डाइवर्सिटी युवाओं को आकर्षित करती है. नितिन में आगे कुछ और महत्वपूर्ण बाते बताई:
- आजकल हर क्षेत्र में जबरदस्त कंपटीशन है. मनोविज्ञान की पढ़ाई छात्रों को खुद को समझने और मानसिक मजबूती हासिल करने में मदद करती है. साथ ही, यह उन्हें दूसरों को समझने और उनका मार्गदर्शन करने का स्किल भी प्रदान करती है. ये सभी स्किल युवाओं को प्रतियोगिता की दुनिया में सफल होने में मदद करती हैं.
- मनोविज्ञान की डिग्री सिर्फ नौकरी पाने का ही जरिया नहीं है. यह छात्रों को कई तरह के स्किन सीखने का अवसर देती है, जैसे कम्युनिकेशन स्किल, प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल और क्रिटिकल थिंकिंग. ये स्किल फ्रीलांस कंसल्टिंग या वर्कशॉप आयोजित करने जैसे माध्यमों से एक्स्ट्रा इनकम के सोर्स बन सकते हैं.
- कई युवाओं को दूसरों की मदद करने का जुनून होता है. मनोविज्ञान की पढ़ाई उन्हें मेंटल हेल्थ के क्षेत्र में काम करने और लोगों को मुश्किलों से निकालने में सक्षम बनाती है. यह इच्छा अक्सर मनोविज्ञान के क्षेत्र में आने का एक प्रेरणा बन जाती है.
रिश्तों में आई दरार को सुलझाने में मदद
एक अन्य छात्रा ने बताया कि किसी रिश्ते के टूटने पर अक्सर लोग अपना ख्याल रखना भूल जाते हैं. आप अपनी सहेली को खुद का ख्याल रखने के लिए प्रेरित कर सकती हैं. उसे सलाह दें कि वह अच्छी डाइट ले, दोस्तों के साथ समय बिताएं और अपने शौक पूरे करे. उसे यह याद दिलाएं कि आत्म-संभाला किसी भी रिश्ते से ज्यादा महत्वपूर्ण है. साथ ही, उसे यह विश्वास दिलाएं कि यह दर्द कम होगा और वह इससे उबर जाएगी.
ऑफिस में महिला उत्पीड़न
ऑफिस में अनुचित व्यवहार को रोकने के लिए अपने सीनियर सहकर्मी (पुरुष) के साथ स्पष्ट सीमाएं बनाएं. ऑफिस में सम्मानजनक और व्यावसायिक व्यवहार की उम्मीद को स्पष्ट रूप से बताएं. परेशानी के हर वाक्य का डिटेल रिकॉर्ड रखना बहुत जरूरी है. इसमें तारीख, समय, गवाहों के नाम और उनके व्यवहार का विवरण शामिल करें. चुपचाप सहन ना करें. मदद और सलाह के लिए किसी भरोसेमंद सहकर्मी, बॉस या एचआर प्रोफेशनल से संपर्क करें. कंपनी की नीतियों, श्रम कानूनों और भेदभाव-रोधी कानून के तहत अपने अधिकारों को जानें.