Ghosting: रिलेशनशिप में 'घोस्टिंग' किसे कहते हैं? जानिए इस तरह का बिहेव क्यों करते हैं पार्टनर?
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Ghosting: रिलेशनशिप में 'घोस्टिंग' किसे कहते हैं? जानिए इस तरह का बिहेव क्यों करते हैं पार्टनर?

Ghosting Meaning'घोस्टिंग' का सामना करने वाले लोगों का इमोशनल डैमेज काफी ज्यादा हो सकता है, लेकिन आजकल रिलेशनशिप में ऐसा होना कोई हैरानी की बात नहीं है, इसलिए ऐसी सिचुएशन में खुद को संभालना जरूरी है.

Ghosting: रिलेशनशिप में 'घोस्टिंग' किसे कहते हैं? जानिए इस तरह का बिहेव क्यों करते हैं पार्टनर?

What Is Ghosting In A Relationship: रिलेशनशिप में 'घोस्टिंग' एक ऐसा बिहेवियर है जिसे आजकल डेटिंग और रिलेशनशिप की दुनिया में आमतौर पर देखा जा रहा है. 'घोस्टिंग' सुनने में भूतो जैसा लगता है, इसका मतलब होता है अचानक बिना किसी खास वजह या वार्निंग के अपने पार्टनर से पूरी तरह कॉन्टेक्ट तोड़ लेना, या हर जगह से ब्लॉक कर देना. इसमें इंसान अपने पार्टनर के न तो कॉल का जवाब देता है, न ही मैसेज का, और न ही किसी तरह का कम्यूनिकेशन रखता है. ये एक तरह का इमोशनल डिटैचमेंच है, जिसमें एक शख्च अचानक दूसरे को नजरअंदाज करने लगता है, मानो वो कभी वजूद में, या लाइफ में था ही नहीं.

लोग क्यों करते हैं 'घोस्टिंग'?

1. इमोशनल इनसिक्योरिटी
कई बार लोग रिलेशनशिप में इनसिक्योर फील करते हैं और अपने लव पार्टनर से अलग होने का सबसे आसान तरीका उन्हें यही लगता है कि वो बिना कोई वजह बताए रिश्ते से बाहर निकल जाएं. इसके पीछे अक्सर कॉन्फिडेंस की कमी या फ्यूचर को लेकर इनसिक्योरिटी हो सकती है.

2. कमिटमेंट का डर
कुछ लोगों को कमिटमेंट की सोच से ही डर लगता है और जब रिश्ते में कोई सीरियरनेस आने लगती है, तो वो इसे नहीं संभाल पाते. ऐसे लोग खुद को उस जिम्मेदारी से बचाने के लिए 'घोस्टिंग' का सहारा लेते हैं.

3. अपनी बात नहीं कह पाते
कुछ लोग अपने इमोशन को सही तरीके से प्रेजेंट नहीं कर पाते हैं और रिश्ते में पैदा हो रही परेशानियों का सामना करने की बजाय वो चुपचाप निकल जाना बेहतर समझते हैं. ये एक तरह से मुश्किल कम्यूनिकेशन से बचने की तरकीब है.

4. रिलेशनशिप में इंटरेस्ट खत्म होना
कई बार ऐसा होता है कि पार्टनर को रिश्ते में अब कोई दिलचस्पी नहीं रखता, लेकिन वो इसे सीधे तौर पर कहने की हिम्मत नहीं कर पाता. ऐसे में 'घोस्टिंग' एक आसान ऑप्शन बन जाता है क्योंकि इससे किसी तरह की तकरार या इमोशनल टॉक से बचा जा सकता है.

'घोस्टिंग'  का असर
'घोस्टिंग'  के शिकार इंसान पर गहरा इमोशनल असर पड़ता है. इसका सामना करने वाले लोग अक्सर खुद को ठुकराया हुआ महसूस करते हैं, उनके सेल्फ रिस्पेक्ट को ठेस पहुंचती है, और वो रिश्ते के टूटने की असल वजह नहीं समझ पाते हैं. ये अचानक हुए बदलाव से मानसिक तनाव और डिप्रेशन भी पैदा हो सकता है.

'घोस्टिंग' से कैसे निपटें?
'घोस्टिंग'का सामना करने वाले लोगों के लिए सबसे जरूरी ये है कि आप खुद इसका इल्जाम न दें. ये समझना जरूरी है कि दूसरे इंसान के बिहेवियर पर आपका कोई कंट्रोल नहीं है. अगर आप 'घोस्टिंग' का सामना कर रहे हैं, तो इसे एक साइन के तौर पर लें कि ये रिश्ता आपके लिए सही नहीं था. इसके अलावा अपने जज्बात को बयां करने के लिए दोस्तों या किसी थेरेपिस्ट से बात करना भी फायदेमंद हो सकता है.

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