दूध हमारी डाइट का अहम हिस्सा होता है और पैकेट वाले दूध का इस्तेमाल आजकल हर घर में आम हो गया है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पैकेट वाले दूध को उबालना जरूरी है या नहीं?
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दूध हमारी डाइट का अहम हिस्सा होता है और पैकेट वाले दूध का इस्तेमाल आजकल हर घर में आम हो गया है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पैकेट वाले दूध को उबालना जरूरी है या नहीं? यह सवाल बहुत से लोगों के मन में आता है. दूध को उबालने की प्रक्रिया के बारे में जानना महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे न केवल दूध का स्वाद और गुण बदलते हैं, बल्कि इसके सेवन से जुड़े खतरे भी कम होते हैं. आइए जानते हैं, एक्सपर्ट की राय इस बारे में क्या कहती है.
पुणे स्थित मणिपाल हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन में कंसल्टेंट डॉ. विचार निगम बताते हैं कि जब दूध को 100 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर उबाला जाता है, तो ज्यादातर बैक्टीरिया और माइक्रोऑर्गेनिज्म (जैसे सैल्मोनेला और क्लॉस्ट्रिडियम) नष्ट हो जाते हैं. यह प्रक्रिया दूध को ज्यादा सुरक्षित बनाती है. उबालने पर दूध के प्रोटीन भी डिनैचर होते हैं, जिससे ये पचने में आसान हो जाते हैं और फैट के अणु टूटकर शरीर में अच्छे से ऑब्जर्ब हो जाते हैं. दूध उबालने से उसकी शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है और दूध का स्वाद भी थोड़ा मीठा और गाढ़ा हो जाता है. साथ ही, इससे दूध जल्दी खराब नहीं होता.
क्या पैकेट वाले दूध को उबालना जरूरी है?
काफी सारे लोगों को मन में एक सवाल जरूर उठता है कि क्या पैकेट वाला दूध (जिसे हम आमतौर पर बाजार से खरीदते हैं) क्या उसे उबालने की आवश्यकता है? डॉ. निगम बताते हैं कि यदि पैकेट वाला दूध बिना पाश्चराइज्ड है, तो उसे उबालना जरूरी है, क्योंकि उसमें ऐसे माइक्रोऑर्गेनिज्म हो सकते हैं जो दूध के पैकेजिंग से पहले संक्रमित हुए हों. वहीं, गुरुग्राम की डाइटीशियन डॉ. अर्चना बत्रा का कहना है कि भारत में जो दूध सील पैकेट में आता है, वह आमतौर पर पाश्चराइज्ड होता है, यानी इसे पहले से ही गर्मी की प्रक्रिया से गुजारा गया होता है जिससे हानिकारक बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं. इस तरह के दूध को उबालना आवश्यक नहीं होता. हालांकि, अगर आप दूध को अधिक सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो उसे उबालने में कोई हानि नहीं है.
तो क्या करें?
अगर आप पाश्चराइज्ड दूध का सेवन कर रहे हैं, तो उसे उबालना आवश्यक नहीं है. लेकिन अगर दूध बिना पाश्चराइज्ड है, तो उसे उबालना जरूरी है. दूध उबालने से उसकी पोषकता में मामूली बदलाव हो सकते हैं, लेकिन यह सुरक्षित और लंबे समय तक उपयोगी हो जाता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.