कूल-कूल मजा कहीं पड़ न जाए भारी! जानिए बच्चों को किस तरह नुकसान पहुंचाता है AC?
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कूल-कूल मजा कहीं पड़ न जाए भारी! जानिए बच्चों को किस तरह नुकसान पहुंचाता है AC?

गर्मी का मौसम आते ही घरों में एयर कंडीशनर (AC) चलने लगते हैं. भारत के कई राज्यों में जिस तरह गर्मी पड़ने लगी है, ऐसे में एसी का इस्तेमाल करना आम बात है.

कूल-कूल मजा कहीं पड़ न जाए भारी! जानिए बच्चों को किस तरह नुकसान पहुंचाता है AC?

गर्मी का मौसम आते ही घरों में एयर कंडीशनर (AC) चलने लगते हैं. भारत के कई राज्यों में जिस तरह गर्मी पड़ने लगी है, ऐसे में एसी का इस्तेमाल करना आम बात है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि छोटे बच्चों के लिए एसी फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है? हाल ही में हुई एक्सपर्ट्स की राय और शोध बताते हैं कि लगातार एसी के वातावरण में रहना बच्चों के शारीरिक विकास और उनकी इम्यूनिटी सिस्टम को प्रभावित कर सकता है.

बच्चों की स्किन काफी नाजुक होती है. लगातार ठंडी और ड्राई हवा के संपर्क में रहने से बच्चों की स्किन में रूखापन और खुजली की समस्या हो सकती है. इसके अलावा, ठंडी हवा नाक और गले को भी प्रभावित कर सकती है, जिससे सर्दी-जुकाम और सांस से जुड़ी समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है.

एसी कैसे पहुंची है बच्चों को नुकसान?
एयर कंडीशनर हवा को शुद्ध तो करता है, लेकिन यह हवा में मौजूद नमी को भी कम कर देता है. शुष्क हवा रेस्पिरेटरी सिस्टम को परेशान कर सकती है, खासकर उन बच्चों के लिए जिन्हें पहले से ही अस्थमा या सांस लेने में तकलीफ है. लगातार शुष्क हवा नाक के मार्ग को भी सुखा देती है, जिससे धूल और बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश करने का रास्ता आसान हो जाता है.

बच्चों को ठंडे वातावरण की जरूरत नहीं
बच्चों के विकास के लिए बैलेंस तापमान बहुत जरूरी है. बहुत ठंडे वातावरण में रहने से बच्चों के शरीर का तापमान खुद को कंट्रोल करने की क्षमता कमजोर पड़ सकती है. इससे भविष्य में मौसम बदलने पर उन्हें जल्दी सर्दी लगने का खतरा बढ़ जाता है. साथ ही, ठंडे वातावरण में फिजिकल एक्टिविटी भी कम हो जाती हैं, जो बच्चों के शारीरिक विकास को प्रभावित कर सकती हैं.

कैसे करें एसी का इस्तेमाल?
हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि एसी का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए. गर्मी के दिनों में जरूरत के हिसाब से थोड़े समय के लिए एसी चलाया जा सकता है. तापमान को 24 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच रखने की सलाह दी जाती है. कमरे का तापमान अचानक से बहुत ज्यादा कम न करें. साथ ही, कमरे में पर्याप्त मात्रा में ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करके हवा में नमी बनाए रखना जरूरी है.

नेचुरल हवा ज्यादा फायदेमंद
छोटे बच्चों के लिए नेचुरल हवा का वातावरण सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है. जब भी संभव हो, खिड़कियां खोलकर कमरे में हवा का आवागमन बनाए रखें. बच्चों को नियमित रूप से धूप दिखाना भी उनकी सेहत के लिए बहुत जरूरी है. एसी का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतें और बच्चों की सेहत का ध्यान रखें. जरा सी लापरवाही आपके लाडले की सेहत पर भारी पड़ सकती है.

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