स्मोकिंग से फ्लू और वायरल इंफेक्शन बन सकता है घातक: शोध
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स्मोकिंग से फ्लू और वायरल इंफेक्शन बन सकता है घातक: शोध

धूम्रपान सिर्फ शारीरिक बीमारियों का कारण नहीं बनता, बल्कि यह वायरस और संक्रमणों को भी और अधिक खतरनाक बना सकता है. शोध के परिणाम से यह भी संकेत मिलता है कि धूम्रपान छोड़ना और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता रखना समय की आवश्यकता है.

 

स्मोकिंग से फ्लू और वायरल इंफेक्शन बन सकता है घातक: शोध

धूम्रपान से न केवल श्वसन संबंधी समस्याएं बढ़ती हैं, बल्कि यह वायरल संक्रमणों को भी और गंभीर बना सकता है. एक शोध के अनुसार, सिगरेट का धुआं गले में मौजूद माइक्रोबायोटा यानी सूक्ष्मजीवों के समुदाय में बदलाव कर सकता है, जिससे इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियां गंभीर हो जाती हैं. 

इससे पहले भी धूम्रपान को सेहत के लिए नुकसानदायक माना जाता रहा है, लेकिन इस नए शोध से यह साबित होता है कि यह सिर्फ श्वसन संबंधी बीमारियों का कारण नहीं बनता, बल्कि शरीर के अन्य हिस्सों पर भी इसका गहरा असर पड़ता है. स्विटजरलैंड के बर्न विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने इस संबंध में चूहों पर अध्ययन किया, जिससे नए साक्ष्य सामने आए हैं.

धूम्रपान और स्वास्थ्य पर प्रभाव

धूम्रपान से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों के बारे में कई बार चेतावनियां दी जा चुकी हैं. यह न केवल फेफड़ों की बीमारी और दिल के रोगों का कारण बनता है, बल्कि अब वैज्ञानिकों ने पाया है कि यह शरीर के अंदरूनी सिस्टम, खासकर गले के माइक्रोबायोटा में भी बदलाव लाता है.

स्विट्जरलैंड के शोधकर्ताओं का स्टडी

स्विट्जरलैंड स्थित बर्न विश्वविद्यालय के संक्रामक रोगों के शोधकर्ताओं ने इस संबंध में चूहों पर अध्ययन किया. उन्होंने पाया कि सिगरेट के धुएं के संपर्क में आने से चूहों के आंत और गले के माइक्रोबायोटा में महत्वपूर्ण बदलाव आए थे. यह स्टडी ऑरोफरीन्जियल माइक्रोबायोटा पर धूम्रपान के प्रभाव को समझने के लिए किया गया था. माइक्रोबायोटा का मतलब है शरीर में पाये जाने वाले सूक्ष्मजीवों का समुदाय, जो हमारे स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

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वायरल संक्रमण पर असर

शोध में यह भी सामने आया कि जब चूहों को इन्फ्लूएंजा वायरस के संपर्क में लाया गया, तो वे ज्यादा गंभीर रूप से प्रभावित हुए. खासकर वे चूहे जो धूम्रपान के संपर्क में थे, उनमें वायरस के अधिक गंभीर लक्षण देखने को मिले. इसके अलावा, जिन चूहों का माइक्रोबायोटा धूम्रपान से प्रभावित था, उनमें संक्रमण के दौरान गहरे बदलाव देखे गए. इस अध्ययन के परिणाम से यह साबित होता है कि धूम्रपान इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों को और भी गंभीर बना सकता है.

वैज्ञानिकों की सलाह

शोधकर्ताओं का कहना है कि चिकित्सकों को यह समझना चाहिए कि सिगरेट के धुएं से होने वाले माइक्रोबायोटा में बदलाव, वायरल संक्रमण के दौरान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि यदि किसी व्यक्ति का माइक्रोबायोटा खराब है तो वह अधिक गंभीर तरीके से वायरल संक्रमण का शिकार हो सकता है.

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-एजेंसी-

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

 

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