Sepsis Day: अगर समय पर सेप्सिस बीमारी का इलाज नहीं किया गया तो, ये खतरनाक और जानलेवा हो सकती है. इसलिए डॉक्टर लक्षणों पर गौर करने और उसके इलाज के लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह देते हैं. जानिये ये बीमारी कैसे होती है, इसके क्या लक्षण होते हैं और इससे बचने के लिए क्या कर सकते हैं.
Trending Photos
World Sepsis Day 2024: दुनियाभर में ये बीमारी तेजी से बढ़ रही है और यही वजह है कि इसे लेकर लोगों में अवेरनेस बढ़ाने के लिए हर साल 13 सितंबर को सेप्सिस डे मनाया जाता है. एक टाइम था जब ये माना जाता था कि सेप्सिस रोग, ब्लड फ्लो में बैक्टीरिया के कारण होता है या खून में दूसरे कीटाणुओं की अधिक बढ़ जाने के कारण होता है. लेकिन, नये अध्ययनों से पता चलता है कि सेप्सिस वास्तव में 2 कारणों से होता है: पहला संक्रमण (जैसे निमोनिया या यूरेनरी ट्रैक में संक्रमण) और दूसरा आपके शरीर की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली का शक्तिशाली और हानिकारक प्रतिक्रिया करना. यानी इसमें आपका अपना शरीर ही आपका दुश्मन बन जाता है. आपकी एम्युनिटी आपके खिलाफ काम करने लगती है.
यह भी पढ़ें : खाली पेट भूलकर भी न पिएं ये 5 चीजें, हो जाएगी परेशानी
'हेस्टैक एनालिटिक्स' के डायरेक्टर ऑफ मेडिकल अफेयर्स (इंफेक्शियस डिजीज) डॉ. महुआ कपूर दासगुप्ता (Dr. Mahua Kapoor Dasgupta) के मुताबिक सेप्सिस खतरनाक और जानलेवा बीमारी साबित हो सकी है. क्योंकि इसमें आपका शरीर इंफेक्शन को खत्म करने की प्रक्रिया में अपने ही टिशू और अंकों को डैमेज करने लगता है. इसे स्पेटिसीमिया भी कहते हैं, जिसे सामान्य भाषा में ब्लड प्वाइजनिंग कहा जाता है. डॉ. महुआ के अनुसार अगर शुरुआत में ही इस बीमारी का पता लगा लिया जाए तो इस पर होने वाले खर्च और रोगी, दोनों को बचाया जा सकता है. साल 2020 में हुई ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी के अनुसार दुनिया भर में इसके 48.9 मिलियन मामले सामने आए और इनमें से 11 मिलियन की मौत हो गई. आंकड़ों की मानें तो यह वैश्विक मृत्यु दर का लगभग 20% है.
यह भी पढ़े : गर्म पानी में एक चम्मच घी मिलाकर पिएं, होंगे चमत्कारी फायदे
किन्हें होता है खतरा?
इस बीमारी का खतरा उन्हें ज्यादा होता है, जिनकी एम्युनिटी बहुत कम होती है. ज्यादातर डायबिटीज, कैंसर आदि से ग्रसित लोगों में इसकी आशंका ज्यादा होती है.
यह भी पढ़ें : प्रेग्नेंसी में Low BP हो जाए तो क्या खाएं?
इसके लक्षण (Symptoms of sepsis)
शरीर पर दाने या रैश का होना.
सांस लेने में कठिनाई
शिशुओं और छोटे बच्चों में कमजोर या तेज आवाज में रोना
कम ऊर्जा या कमजोरी महसूस करना
तेज हार्ट बीट
लो बीपी
बुखार या हाइपोथर्मिया
कंपकंपी या ठंड लगना
गर्म या चिपचिपी त्वचा
भ्रम या बेचैनी होना
यह भी पढ़ें : दही में प्याज डालकर खाने से क्या होता है?
सेप्सिस से कैसे बचें?
सेप्सिस को रोकने के लिए, आप ये कर सकते हैं:
1. अपने हाथों को अक्सर साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं
2. टीके लगवाएं
3. क्रोनिक हेल्थ कंडिशन है तो उसका इलाज बीच में रोकें नहीं.
4. त्वचा के घावों को जल्द से जल्द साफ करें.
5. किसी भी संक्रमण का इलाज जितनी जल्दी हो सके करें.
6. डॉक्टर जितना बताए, उतना ही एंटीबायोटिक लें. खुद से एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन ना करें.
यह भी पढ़े : चिया सीड खाने से क्या होता है? जान लीजिए इसके फायदे