साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहने पर मचे बवाल के बाद उनके समर्थन देने के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री और कर्नाटक बीजेपी के नेता अनंत कुमार हेगड़े ने सफाई दी है.
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नई दिल्ली: साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहने पर मचे बवाल के बाद उनके समर्थन देने के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री और कर्नाटक बीजेपी के नेता अनंत कुमार हेगड़े ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि मेरा ट्विटर अकाउंट कल से हैक हो गया था. महात्मा गांधी की हत्या को न्यायोचित ठहराने का कोई औचित्य ही नहीं बनता. उनकी हत्या पर कोई सहानुभूति नहीं हो सकती या उसको न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता. हम सभी महात्मा गांधी के राष्ट्र को दिए योगदान का सम्मान करते हैं.
दरअसल इससे पहले उनके दो ट्ववीट चर्चा का विषय बने थे. इस पर मचे विवाद पर हेगड़े ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि उनका ट्विटर अकाउंट हैक हो गया था. अनंत कुमार हेगड़े ने ये भी कहा कि पिछले एक हफ्ते में दो बार उनका अकाउंट हैक किया गया और टाइमलाइन पर खास किस्म के ट्वीट पोस्ट कर दिए गए. इनको हटा दिया गया है.
My account was hacked since yesterday. There is no question of justifying Gandhi ji's murder. There can be no sympathy or justification of Gandhi ji's murder. We all have full respect for Gandhi ji's contribution to the nation.
— Chowkidar Anantkumar Hegde (@AnantkumarH) May 17, 2019
हेगड़े का अकाउंट हैक करने के बाद ये विवादित पोस्ट डाले गए:
VIDEO: साध्वी प्रज्ञा ने गोडसे वाले बयान पर मांगी माफी, कहा - पार्टी की लाइन ही मेरी लाइन
प्रज्ञा ने गोडसे को देशभक्त बताया, बाद में मांगी माफी
उल्लेखनीय है कि भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा की प्रत्याशी एवं मालेगांव विस्फोट की आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने महात्मा गांधी के हत्यारे को बृहस्पतिवार को ‘देशभक्त’ बता कर नया विवाद खड़ा कर दिया. ठाकुर के इस बयान पर कांग्रेस एवं विपक्ष ने आक्रोशित होते हुए आरोप लगाया कि, “शहीदों का अपनाम करना भाजपा के डीएनए में है.’’ हालांकि भाजपा ने भी प्रज्ञा की इस टिप्पणी की निंदा की.
मध्यप्रदेश के आगर मालवा में रोडशो में शामिल हुईं विवादित नेता ने कहा, ‘‘नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे. गोडसे को आतंकवादी बोलने वाले खुद के गिरेबान में झांक कर देखें. अबकी बार चुनाव में ऐसा बोलने वालों को करारा जवाब दिया जाएगा.’’ वह अभिनेता-नेता कमल हासन की गोडसे को देश का ‘पहला हिन्दू चरमपंथी’ कहने वाली टिप्पणी को लेकर पूछे गए प्रश्न का उत्तर दे रहीं थीं.
उनकी इस टिप्पणी ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया जिसे लेकर विपक्षी पार्टियां उन पर और भाजपा पर हमला बोल रही हैं. राकांपा ने कहा कि लोग अब अमित शाह नीत पार्टी का “असल चेहरा” देख सकते हैं, वहीं कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी की मांग की है. भाजपा ने तत्काल ही स्थिति को संभालने की कोशिश की और ठाकुर के बयान से खुद को अलग करते हुए उन्हें सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने को कहा.
इससे पहले उनकी टिप्प्णियों की निंदा करते हुए भाजपा प्रवक्ता जी वी एल नरसिम्हा राव ने अपने बयान में कहा कि भाजपा उनके बयान से सहमत नहीं है और इसकी निंदा करती है और पार्टी उनसे स्पष्टीकरण मांगेगी. उन्होंने यह भी कहा है कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर को अपने इस बयान के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए.
भाजपा एवं ठाकुर पर हमला बोलते हुए कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘यह साफ है कि भाजपा के लोग गोडसे के वंशज हैं. भाजपा के लोग कहते हैं कि गोडसे देशभक्त थे और शहीद हेमंत करकरे देशद्रोही थे. हिंसा की संस्कृति और शहीदों का अपमान करना भाजपा के डीएनए में है.’’ उन्होंने एक बयान में कहा, “मोदी-अमित शाह जी की पसंदीदा भाजपा नेता प्रज्ञा ठाकुर ने गांधी के हत्यारे, नाथूराम गोडसे को ‘सच्चा देशभक्त’ बताकर पूरे राष्ट्र का एक बार फिर अपमान किया है.”
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बढ़ते विवाद के बीच नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने वाले बयान के लिए विवादों से घिरीं भोपाल से भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बृहस्पतिवार रात को माफी मांगते हुए कहा कि वह महात्मा गांधी का सम्मान करती हैं और देश के लिए उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता.
प्रज्ञा ने वीडियो के जरिये दिये बयान में कहा, ‘‘मेरा बयान किसी की भावनाओं को आहत करने के लिए नहीं था. अगर इससे किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो मैं क्षमा मांगती हूं. गांधीजी ने देश के लिए जो किया, उसे भुलाया नहीं जा सकता. मैं उनका बहुत सम्मान करती हूं.’’ प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि उन्होंने ‘भगवा आतंकवाद’ से जुड़े एक सवाल पर क्षणिक आवेश में बयान दे दिया और मीडिया ने उसे तोड़-मरोड़कर पेश किया. भाजपा द्वारा प्रज्ञा के विचारों को निजी विचार कहने से इत्तेफाक जताते हुए उन्होंने कहा कि वह पार्टी की अनुशासित कार्यकर्ता हैं.
(इनपुट: एजेंसियां)