1957 के दूसरे लोकसभा चुनाव में कुल 494 सीटों पर चुनाव लड़ा गया था. जिसमें 371 सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. बाकी सीटें भारतीय जनसंघ, सीपीआई और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के खाते में गईं थीं.
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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) के नतीजों से पहले बात करते हैं देश के दूसरे लोकसभा चुनाव की. 1957 में हुए देश के दूसरे लोकसभा चुनाव में 7 प्रत्याशियों को निर्विरोध सांसद चुना गया था. निर्विरोध चुने गए सभी सांसद इंडियन नेशनल कांग्रेस की टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे थे. इंडियन नेशनल कांग्रेस के जिन प्रत्याशियों को निर्विरोध सांसद चुना गया, उनमें डी.सत्यनारायण राजू, टीएन विश्वनाथ रेड्डी, लक्ष्मीबाई संगम, भगवती विजोय चंद्र, मंगरूबाबू, टी.गणपति और टी सिद्दननजप्पा एस का नाम शामिल है.
इनमें से पांच प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव में किसी भी राजनैतिक दल ने दावेदारी नहीं की. वहीं, दो प्रत्याशियों के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशियों ने नामांकन जरूर दाखिल किया, लेकिन आखिरी समय में वे चुनावी मैदान से बाहर हो गए. चुनावनामा में जानते हैं कि निर्विरोध चुने गए सभी सांसद किस संसदीय सीट से लोकसभा के लिए चुने गए थे.
आंध्र प्रदेश से चुने गए सर्वाधिक निर्विरोध सांसद
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 1957 के चुनाव में आंध्र प्रदेश से सर्वाधिक निर्विरोध सांसदों को चुना गया था. इमने डी.सत्यनारायण राजू, टीएन विश्वनाथ रेड्डी और लक्ष्मीबाई संगम का नाम शामिल है. डी.सत्यनारायण राजू आंध्र प्रदेश की राजमुंदरी संसदीय सीट से चुनाव में उतरे थे. वहीं, टीएन विश्वनाथ रेड्डी प्रदेश की राजमपेट और लक्ष्मीबाई संगम विचाराबाद संसदीय सीट से निर्विरोध सांसद चुनी गईं थी.
राजमपेट सीट से टीएन विश्वनाथ रेड्डी को चुनौती देने के लिए निर्दलीय प्रत्याशी एस.हुसैन शाह मैदान में उतरे थे, लेकिन उन्होंने मतदान से पहले अपना नाम वापस ले लिया था. जिसके बाद टीएम विश्वनाथ रेड्डी को इस सीट से निर्विरोध सांसद चुन लिया गया था. उल्लेखनीय है कि 1956 में हुई परिसीमन के बाद राजमपेट को नया संसदीय क्षेत्र बनाया गया था. 1957 में पहली बार राजमपेट में लोकसभा चुनाव हुए थे.
इन चार राज्यों से चुने गए चार निर्विरोध सांसद
1957 के चुनाव में आंध्र प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश, मैसूर, मद्रास और असम राज्यों से भी चार प्रत्याशियों को निर्विरोध सांसदों का चुनाव किया गया था. ये सभी प्रत्याशी इंडियन नेशनल कांग्रेस की टिकट पर चुनावी मैदान में थे. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, असम की दरांग संसदीय सीट से भगवती बिजोय चंद्र निर्विरोध सांसद चुना गया था.
वहीं, मध्य प्रदेश की मंडला संसदीय सीट से मंगरूबाबू, मद्रास की तिरुचेंदूर संसदीय सीट से टी.गणपति और मैसूर की हसन संसदीय सीट से टी सिद्दननजप्पा एस को निर्विरोध सांसद चुना गया था. तिरुचेंदूर संसदीय सीट से निर्विरोध सांसद चुने गए टी.गणपति के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी एन.दुरिपंडी चुनाव मैदान में उतरे थे.
उल्लेखनीय है कि 1957 के दूसरे लोकसभा चुनाव में कुल 494 सीटों पर चुनाव लड़ा गया था. जिसमें 371 सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. बाकी सीटें भारतीय जनसंघ, सीपीआई और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के खाते में गईं थीं.