मोरारजी देसाई और डी.किशनलाल के बीच हार-जीत का अंतर 65 फीसदी से भी अधिक था. उल्लेखनीय है कि मोरारजी देसाई सूरत संसदीय सीट से पहली बार लोकसभा में उतरे थे.
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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) के नतीजों से पहले बात करते हैं देश के दूसरे लोकसभा चुनाव की. देश का दूसरा लोकसभा चुनाव 1957 में हुआ था. 494 संसदीय सीटों पर हुए इस चुनाव में 15 राजनैतिक दलों ने कुल 919 प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा था. इस चुनाव में अपना भाग्य आजमाने वालों में क्षेत्रीय दलों के 119 और 481 निर्दलीय प्रत्याशी भी शामिल थे. 1957 में हुए देश के इस दूसरे चुनाव में कांग्रेस ने कुल 490 प्रत्याशियों को मैदान में उतार कर 371 सीटों पर ऐतिहासिक जीत हासिल की थी.
इस चुनाव में कांग्रेस को 1951 में हुए देश के पहले लोकसभा चुनाव की अपेक्षा अधिक सीटों पर जीत मिली थी. वहीं, 1957 के इस चुनाव में दूसरा इतिहास कांग्रेस के दिग्गज नेता मोरारजी देसाई ने रचा था. मोरारजी देसाई इस चुनाव में न केवल सर्वाधिक वोट पाने वाले प्रत्याशी थे, बल्कि उनकी जीत का अंतर देश में सबसे बड़ा था. चुनावनामा में अब बात करते हैं 1957 के लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ी जीत हासिल करने वाले इस दिग्गज नेता के बारे में.
1957 के दूसरे लोकसभा चुनाव में मोरारजी देसाई ने बम्बई की सूरत संसदीय सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था. मौजूदा समय में सूरत गुजरात राज्य का हिस्सा है. सूरत संसदीय क्षेत्र में उस दौरान कुल 3 लाख 74 हजार 614 मतदाता थे. जिसमें 2 लाख 29 हजार 639 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. 1957 के इस चुनाव में मोरारजी देसाई का सामना निर्दलीय प्रत्याशी डी.किशनलाल मेहता से था.
डी.किशनलाल मेहता को इस चुनाव में कुल 39076 वोट मिले थे, जबकि मोरारजी देसाई 1 लाख90 हजार 563 वोट हासिल करने में कामयाब रहे थे. मोरारजी देसाई ने इस चुनाव में 82.98 फीसदी वोट हासिल कर देश में सबसे बड़ी जीत हासिल की थी. मोरारजी देसाई और डी.किशनलाल के बीच हार-जीत का अंतर 65 फीसदी से भी अधिक था. उल्लेखनीय है कि मोरारजी देसाई सूरत संसदीय सीट से पहली बार लोकसभा में उतरे थे.