चुनावनामा 1967: आखिरी बार हुए लोकसभा और विधानसभा के एक साथ चुनाव, 6 राज्‍यों से गई कांग्रेस
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चुनावनामा 1967: आखिरी बार हुए लोकसभा और विधानसभा के एक साथ चुनाव, 6 राज्‍यों से गई कांग्रेस

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok sabha elections 2019) में बीजेपी अपने कांग्रेस मुक्‍त भारत के अभियान को आगे बढ़ाना चाह रही है. आजादी के बाद देश में पहली बार छह राज्‍यों में गैर-कांग्रेसी सरकार का गठन हुआ था. इन राज्‍यों में मद्रास, केरल, उत्‍तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और गुजरात का नाम शामिल है. 

चुनावनामा 1967: आखिरी बार हुए लोकसभा और विधानसभा के एक साथ चुनाव, 6 राज्‍यों से गई कांग्रेस

नई दिल्‍ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok sabha elections 2019) से ठीक पहले देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव को एक साथ कराने को लेकर बहस शुरू हुई थी. दसअसल, 1967 में आखिरी बार लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ हुए थे. इस चुनाव में कांग्रेस को कई राज्‍यों में हार का सामना करना पड़ा था. आजादी के बाद देश में पहली बार छह राज्‍यों में गैर-कांग्रेसी सरकार का गठन हुआ था. इन राज्‍यों में मद्रास, केरल, उत्‍तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और गुजरात का नाम शामिल है. 

  1. 1967 में दिखा क्षेत्रीय दलों का वर्चस्‍व
  2. किस राज्‍य में बनी किस दल की सरकार
  3. उत्‍तर प्रदेश में दो टुकड़ों में बंट गई कांग्रेस
  4.  

1967 में दिखा क्षेत्रीय दलों का वर्चस्‍व 
1967 का लोकसभा चुनाव कई मायनों में अहम था. आजादी के बाद पहली बार क्षेत्रीय दलों ने अपनी मजबूत उपस्थिति का एहसास कांग्रेस को कराया था. इस लोकसभा चुनाव की बात करें तो केरल में कांग्रेस 19 में से सिर्फ एक सीट जीतने में सफल रही थी. यहां सीपीएम ने सर्वाधिक 9 सीटों पर कब्‍जा किया था. इसी तरह, मद्रास में कांग्रेस ने सभी 39 सीटों पर अपने उम्‍मीदवार उतारे थे. जिसमें से सिर्फ तीन उम्‍मीदवार ही जीत हासिल कर सके थे. यहां डीएमके ने 25 सीटों पर अपने उम्‍मीदवार उतारे थे. 1967 के लोकसभा चुनाव में डीएमके के सभी उम्‍मीदवारों ने जीत दर्ज की थी.

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किस राज्‍य में बनी किस दल की सरकार
केरल में एक बार फिर कम्‍युनिस्‍ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) की सरकार बहुमत के साथ सत्‍ता में वापस आई. कुछ यही हाल, मद्रास का रहा. उन दिनों मद्रास कांग्रेस का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता था. 1967 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मद्रास से करारी हार मिली. इस चुनाव में कांग्रेस ने कुल 232 उम्‍मीदवारों को चुनावी मैदान में उतार था, जिसमें सिर्फ 51 उम्‍मीदवार चुनाव जीत कर विधानसभा में पहुंचे. इस चुनाव में डीएमके ने 138 सीट जीतकर सत्‍ता की चाभी पर अपना कब्‍जा कर लिया. कुछ यही हाल, पश्चिम बंगाल, गुजरात, उड़ीसा और उत्‍तर प्रदेश का भी रहा.

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उत्‍तर प्रदेश में दो टुकड़ों में बंट गई कांग्रेस
1967 के उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर सरकार बनाने में कामयाब रही हो, लेकिन चंद्रभानु गुप्‍ता के नेतृत्‍व वाली यह सरकार एक महीने से अधिक नहीं चल सकी. एक महीने के भीतर ही किसाना नेता चौधरी चरण सिंह ने कांग्रेस से बगावत कर भारतीय क्रांति दल नामक पार्टी का गठन कर लिया. चौधरी चरण सिंह की नई पार्टी में कांग्रेस के कई विधायक भी शामिल हो गए. बाद में, चौधरी चरण सिंह ने कई अन्‍य पार्टियों के साथ गठबंधन कर राज्‍य में पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार का गठन किया. 

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