चुनावनामा: अगले दस साल तक के लिए सुरक्षित है पश्चिम बंगाल के इस दिग्‍गज नेता का रिकार्ड
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चुनावनामा: अगले दस साल तक के लिए सुरक्षित है पश्चिम बंगाल के इस दिग्‍गज नेता का रिकार्ड

देश के तीन ही ऐसे नेता हैं जो इंद्रजीत गुप्‍ता का रिकार्ड तोड़ने के करीब हैं. इन तीनों नेताओं को पश्चिम बंगाल के इस दिग्‍गज नेता का रिकार्ड तोड़ने के लिए न केवल लोकसभा चुनाव 2019 (Lok sabha elections 2019), बल्कि लोकसभा चुनाव 2024 भी जीतना होगा.

चुनावनामा: अगले दस साल तक के लिए सुरक्षित है पश्चिम बंगाल के इस दिग्‍गज नेता का रिकार्ड

नई दिल्‍ली: सर्वाधिक लोकसभा चुनाव जीतकर 11 बार सांसद बनने का रिकार्ड पश्चिम बंगाल के एक दिग्‍गज नेता के पास है. जी हां, चुनावनामा में आज हम बात कर रहे हैं कम्‍युनिस्‍ट पार्टी ऑफ इंडिया के नेता रहे स्‍वर्गीय इंद्रजीत गुप्‍ता की. इंद्रजीत गुप्‍ता पश्चिम बंगाल की विभिन्‍न संसदीय सीटों से 11 बार चुनाव जीत कर संसद पहुंचने वाले देश के एकमात्र नेता हैं. वर्तमान दौर में, देश के तीन ही ऐसे नेता हैं जो इंद्रजीत गुप्‍ता का रिकार्ड तोड़ने के करीब हैं. इन तीनों नेताओं को पश्चिम बंगाल के इस दिग्‍गज नेता का रिकार्ड तोड़ने के लिए न केवल लोकसभा चुनाव 2019 (Lok sabha elections 2019), बल्कि लोकसभा चुनाव 2024 भी जीतना होगा. 

  1. 1960 में पहली बार संसद पहुंचे थे CPI नेता इंद्रजीत गुप्‍ता
  2. इंद्रजीत गुप्‍ता को मिली इंदिरा गांधी का साथ देने की सजा
  3. सिर्फ तीन सांसदों के पास है नौ बार सांसद बनने का रिकार्ड

1960 का उपचुनाव जीतकर पहली बार संसद पहुंचे थे इंद्रजीत गुप्‍ता 
कम्‍युनिस्‍ट पार्टी ऑफ इंडिया के दिवंगत नेता इंद्रजीत गुप्‍ता 1960 में पहली बार कलकत्‍ता दक्षिण-पश्चिम से चुनाव जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे थे. 1962 में हुए देश के चौथे लोकसभा चुनाव में इंद्रजीत गुप्‍त ने एक बार फिर इस संसदीय सीटी से जीत दर्ज की. उन्‍होंने कलकत्‍ता दक्षिण-पश्चिम संसदीय सीट का प्रतिनिधित्‍व 1960 से लेकर 1967 तक किया. 1967 के पांचवें लोकसभा चुनाव में इंद्रजीत गुप्‍त ने अलीपुर सीट से चुनाव जीता. वे इस संसदीय सीट से 10 साल तक सांसद रहे. अब तक लगातार सीपीआई की टिकट पर 4 बार चुनाव जीतने वाले इंद्रजीत गुप्‍ता की गिनती पश्चिम बंगाल के सबसे लोकप्रिय नेताओं में होने लगी थी.

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1977 में इंद्रजीत गुप्‍ता को मिली इंदिरा गांधी का साथ देने की सजा  
25 जून 1975 को तत्‍काल प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी. सीपीआई ने तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल का समर्थन किया था. उस दौरान इंद्रजीत गुप्‍ता ने भी आपातकाल का समर्थन किया था. इस दौरान इंद्रजीत गुप्‍ता ने आपातकाल को सही बताते हुए कहा था कि सरकार को उन सभी तथ्‍यों को जनता के बीच लाना चाहिए, जिसके चलते वे आपातकाल लागू करने के लिए मजबूर हुए. इंद्रजीत गुप्‍ता को इस समर्थन का खामियाजा 1977 में छठवें लोकसभा चुनाव हार कर चुकाना पड़ा. वे अपने राजनैतिक कैरियर में 1977 से 1980 के बीच तीन साल तक सांसद नहीं रहे. 

1980 में इंद्रजीत गुप्‍ता को चुनाव जिताकर जनता ने दिया अपना साथ
1980 के सातवें लोकसभा चुनाव में इंद्रजीत गुप्‍ता ने अलीपुर की जगह बशीरहाट संसदीय सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया. उनके इस फैसले को बशीरहाट की जनता का समर्थन मिला और वे 1980 का सातवां लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब रहे. वे बशीरहाट संसदीय सीट से 1980 से लेकर 1989 तक सांसद रहे. 1989 में हुए देश के नौवें लोकसभा चुनाव में इंद्रजीत गुप्‍ता ने बशीरहाट की जगह मिदनापुर संसदीय सीट से चुनाव लड़ा. वे 1989 से अपनी 2001 तक सांसद रहे. 20 फरवरी 2001 को इंद्रजीत गुप्‍ता का कोलकाता में निधन हो गया. इस तरह, इंद्रजीत गुप्‍ता अपने करीब 40 साल के राजनैतिक सफर में 11 बार सांसद बनकर एक रिकार्ड कायम कर दिया. 

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सिर्फ इन तीन सांसदों के पास है नौ बार सांसद बनने का रिकार्ड
सबसे अधिक बार सांसद बनने का रिकार्ड सीपीआई के दिवंगत नेता इंद्रजीत गुप्‍ता के पास अगले दस साल तक सुरक्षित रहेगा. 16वीं लोकसभा में मध्‍य प्रदेश के मौजूदा मुख्‍यमंत्री कमलनाथ ही ऐसा नेता थे, जो नौ बार चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं. वहीं, यदि 15वीं लोकसभा की बात करें तो माकपा के वासुदेश आचार्य और कांग्रेस के मणिकराव होदिया के पास भी नौ बार सांसद बनने का रिकार्ड है. मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री कमलनाथ इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. ऐसे में अगले दस सालों के लिए इंद्रजीत गुप्‍ता का सर्वाधिक बार सांसद बनने का रिकार्ड सुरक्षित हो गया है.

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