भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद गुरदासपुर सीट पर सभी की निगाहें टिकी हैं. पंजाब की इस हाई प्रोफाइल सीट पर फिलहाल कांग्रेस का कब्जा है.
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नई दिल्ली : सनी देओल के बीजेपी में एंट्री लेने के बाद से गुरदासपुर सीट लगातार चर्चा पर बनी हुई है. पिछले करीब दो दशक से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा है. इस सीट से सांसद रहे एक्टर विनोद खन्ना के निधन के बाद से ये खाली पड़ी हुई थी लेकिन 2017 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार सुनील जाखड़ ने बीजेपी के सवर्ण सिंह सलारिया को रिकॉर्ड मतों से हारकर इस सीट पर कब्जा किया था. अब इसी सीट पर सनी देओल अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद गुरदासपुर सीट पर सभी की निगाहें टिकी हैं. पंजाब की इस हाई प्रोफाइल सीट पर फिलहाल कांग्रेस का कब्जा है. कांग्रेस की जीत से पहले इस सीट पर लगातार बार ने जीत हासिल की थी. साल 2017 में हुए उपचुनाव में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बीजेपी के सवर्ण सिंह सलारिया को 1,93,219 मतों के अंतर से पराजित किया. सुनील जाखड़ को कुल 4,99,752 वोट, जबकि सलारिया को 3,06,533 वोट मिला था. वहीं आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मेजर जनरल सेवानिवृत्त खजुरिया 23,579 मत के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. सुनील जाखड़ ने 1,93,219 वोटों के मार्जिन से जीत हासिल कर आजादी के बाद इस सीट पर अबतक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बनाया था.
चुनाव प्रचार बंद होने के बाद सनी देओल ने किया ये काम, EC ने थमा दिया नोटिस
आज मा० प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से मिलके मेरा आत्मविश्वास बढ गया.
हुण चक दांगे फट्टे
ਹੁਣ ਚੱਕ ਦਾ ਗੇ ਫੱਟੇ @narendramodi ji. pic.twitter.com/JQHs41IytE— Sunny Deol (@iamsunnydeol) April 28, 2019
गुरदासपुर की जनता चुनेगी किसे अपना नेता
गुरदासपुर लोक सभा के अंदर 9 विधानसभा सीटें हैं जिसमें 7 पर कांग्रेस का कब्जा है. वहीं एक-एक सीट पर अकाली दल और बीजेपी उम्मीदवार की जीत हुई है. 2014 लोकसभा चुनाव के अनुसार गुरदासपुर में कुल 13,18,967 वोटर्स हैं, इनमें 6,78,996 पुरुष और 6,39,971 महिला वोटर्स हैं. जबकि 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान यहां टोटल 1552 पोलिंग स्टेशन बनाए गए थे.
गुरदासपुर के सतत विकास, सड़कों के जाल ,अस्पताल ,डिग्री कॉलेज और रोजगार के लिए कांग्रेस उम्मीदवार श्री @sunilkjakhar जी को अपना बहुमूल्य वोट दें। pic.twitter.com/4DgolCRNCo
— Youth Congress (@IYC) May 15, 2019
विनोद खन्ना लड़ चुके हैं गुरदासपुर से चुनाव
बता दें कि सनी देओल से पहले इस सीट पर सीनियर एक्टर विनोद खन्ना चुनाव लड़ चुके हैं. विनोद खन्ना के निधन के बाद से ये सीट खाली है. पहले इस सीट पर विनोद खन्ना की पत्नी कविता के नाम की चर्चा थी. विनोद खन्ना 1997 में भाजपा में शामिल हुए और 1998 में गुरदासपुर से पहली बार चुनाव लड़ा और जीते. 1999 और 2004 के चुनावों में बी विनोद खन्ना को जीत हासिल हुई. 2009 में भले उन्हें ये सीट गंवानी पड़ी लेकिन 2014 में एक बाद फिर से मोदी विनोद खन्ना गुरदासपुर से सांसद बने.