ज्योतिरादित्य सिंधिया को पिता से विरासत में मिली है राजनीति, जानें कैसा रहा अब तक का सफर
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ज्योतिरादित्य सिंधिया को पिता से विरासत में मिली है राजनीति, जानें कैसा रहा अब तक का सफर

पहले दादी विजयाराजे सिंधिया, फिर पिता माधवराव सिंधिया और अब ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना की बागडोर संभाले हुए हैं. हालांकि, यह बात अलग है कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया और उनके बेटे माधवराव सिंधिया दो अलग-अलग दलों से थे, लेकिन गुना में आज भी सिंधिया राजघराने का ही राज चलता है.

ज्योतिरादित्य सिंधिया (फाइल फोटो)

नई दिल्लीः ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश ही नहीं देश की राजनीति का भी बेहद जाना-पहचाना नाम है. राजनीति के क्षेत्र में सिंधिया को किसी परिचय की जरूरत नहीं है और ग्वालियर में तो बच्चा-बच्चा उनके नाम से परिचित है. ज्योतिरादित्य, सिंधिया राजघराने के तीसरी पीढ़ी के नेता हैं और अपने गढ़ में गहरी पकड़ रखते हैं. आज भी मध्य प्रदेश में ऐसा कोई राजनेता नहीं है, जो गुना में सिंधिया को मात दे सके. पहले दादी विजयाराजे सिंधिया, फिर पिता माधवराव सिंधिया और अब ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना की बागडोर संभाले हुए हैं. हालांकि, यह बात अलग है कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया और उनके बेटे माधवराव सिंधिया दो अलग-अलग दलों से थे, लेकिन गुना में आज भी सिंधिया राजघराने का ही राज चलता है.

जीवन परिचय
ज्योतिरादित्य सिंधिया का जन्म 1 जनवरी 1971 को मुंबई में हुआ. उन्होंने 1993 में हावर्ड यूनिवर्सिटी से इकोनॉमी की डिग्री ली और 2001 में स्टैनफोर्ड ग्रुजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए की डिग्री हासिल की. ज्योतिरादित्य की 1984 बड़ौदा के गायकवाड़ घराने की प्रियदर्शिनी से शादी हुई. उनके एक बेटा महा आर्यमान और बेटी अनन्याराजे हैं.

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राजनीतिक जीवन
ज्योतिरादित्य सिंधिया का राजनीतिक सफर उनके पिता की मौत माधवराव सिंधिया के निधन के बाद शुरू हुआ. पिता की मौत के बाद उनकी राजनीतिक विरासत ज्योतिरादित्य सिंधिया के कंधों में आ गई. सिंधिया ने पहली बार 2002 में पिता की परंपरागत गुना संसदीय सीट से चुनाव लड़ा और जीते भी. इसके बाद 2004 के लोकसभा चुनाव में सिंधिया ने दोबारा इसी सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया और फिर सांसद बने.

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यूपीए सरकार में पहली बार 2007 में  सिंधिया ने केंद्रीय राज्य मंत्री का पदभार संभाला और यूपीए की मनमोहन सरकार 2012 में भी उन्होंने केंद्रीय राज्य मंत्री का स्वतंत्र प्रभार संभाला. 2014 के लोकसभा चुनाव मोदी लहर के बावजूद गुना में जीत दर्ज कराई. संधिया फिलहाल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी है. ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के प्रमुख भी हैं.

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