सुपौल लोकसभा सीट : कांग्रेस-जेडीयू के बीच रही सीधी टक्कर, ईवीएम में कैद उम्मीदवारों की किश्मत
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सुपौल लोकसभा सीट : कांग्रेस-जेडीयू के बीच रही सीधी टक्कर, ईवीएम में कैद उम्मीदवारों की किश्मत

2014 के लोकसभा चुनाव के परिणाम पर अगर गौर करें तो कांग्रेस की रंजीत रंजन 3,32,927 मतों के साथ विजयी हुई थी. 

सुपौल लोकसभा सीट से रंजीत रंजन कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही थी. (फाइल फोटो)

सुपौल : लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सुपौल लोकसभा सीट पर वोटिंग हो चुकी है. यहां से कांग्रेस उम्मीदवार रंजीत रंजन और जेडीयू के दिलेश्वर कामत के बीच सीधी टक्कर देखी गई. सुपौल में करीब 17 लाख मतगाता हैं. पुरुष मतदाताओं की संख्या लगभग नौ लाख और महिला मतदाता आठ लाख है. 

2014 के लोकसभा चुनाव के परिणाम पर अगर गौर करें तो कांग्रेस की रंजीत रंजन 3,32,927 मतों के साथ विजयी हुई थी. वहीं, जेडीयू के दिलेश्वर कामत को 2,73,255 और बीजेपी के कामेश्वर चौपाल के खाते में 2,49,693 मत पड़े. ज्ञात हो कि इस चुनाव में जेडीयू और बीजेपी अगल-अदल चुनाव लड़ रही थी.

सुपौल में जातीय समीकरण पर गौर करें तो यहां यादव मतादाताओं की संख्या 3.33 लाख, मुस्लिम 2.70 लाख, ब्राह्मण 68 हजार, राजपूत 39 हजार, कोयरी 1.15 लाख, मल्लाह 90 हजार, बनिया 1.46 लाख, धानुक 1.22 लाख, पासवान 81 हजार और मुसहर करीब 1 लाख की संख्या में हैं.

सुपौल लोकसभा सीट का इतिहास
2008 में परिसीमन में सहरसा बना सुपौल संसदीय क्षेत्र 
2009 में जेडीयू के विश्व मोहन कुमार सांसद बने
2009 में रंजीत रंजन 1.50 लाख वोट से हारी चुनाव
2014 में कांग्रेस से रंजीत रंजन चुनी गईं सांसद

रंजीत रंजन का सियासी सफरनामा
1995 में बिहार विधानसभा चुनाव में हार मिली.
2004 में एलजेपी से सहरसा लोकसभा चुनाव जीतीं.
2009 में सुपौल लोकसभा सीट से चुनाव हार गईं.
2014 में कांग्रेस से सुपौल लोकसभा चुनाव जीतीं.
2019 में फेम इंडिया ने सर्वश्रेष्ठ सांसद चुना. 

दिलेश्वर कामत का सियासी सफरनामा
2009 उपचुनाव में त्रिवेणीगंज से विधायक चुने गए.
2014 में सुपौल लोकसभा चुनाव में रंजीत रंजन से हारे.
जेडीयू से दूसरी बार सुपौल से लड़ रहे हैं लोकसभा चुनाव.

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