रोड शो में पत्थरबाजी और आगजनी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच तनातनी और बढ़ा दी है और दोनों दलों ने एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 के आखिरी चरण का मतदान 19 मई को है. मतदान से पहले पश्चिम बंगाल में हुए उपद्रव के बाद बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के तेवर आक्रामक हो गए हैं. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के कोलकाता में रोड शो के दौरान हुई हिंसा को लेकर आज (15 मई) को जंतर मंतर पर धरना-प्रदर्शन करेगी. बीजेपी ने इस मामले में चुनाव आयोग से भी शिकायत की है.
BJP-TMC के बीच बढ़ी तनातनी
रोड शो में पत्थरबाजी और आगजनी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच तनातनी और बढ़ा दी है और दोनों दलों ने एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस घटना के बाद बंगाल से दिल्ली तक का सियासी पारा तेज हो चला है. टीएमसी और बीजेपी के कार्यकर्ता हिंसा के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
ममता ने दिखाएं तीखे तेवर
वहीं, ममता बनर्जी ने भी तीखे तेवर दिखाते हुए ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा को तोड़ने को बंगाल की अस्मिता से जोड़ते हुए बीजेपी पर हमला बोला है. हिंसा के बाद विद्यासागर कॉलेज पहुंचीं ममता ने प्रतिमा तोड़ने के खिलाफ तृणमूल रैली निकालने की घोषणा की है. ममता ने कहा कि क्या शाह सबसे ऊपर हैं? क्या भगवान हो गए हैं, जो उनके खिलाफ कोई विरोध प्रदर्शन नहीं कर सकता. उन्होंने प्रतिमा तोड़ने वालों को बाहर से लाए गए बीजेपी के गुंडे बताया.
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ये था मामला
आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो पर मंगलवार (14 मई) को कथित रूप से तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (टीएमसीपी) के कार्यकर्ताओं ने पत्थर फेंके. इसके बाद कॉलेज स्ट्रीट के पास हिंसा भड़क उठी, जिसमें तीन बाइकों को आग के हवाले कर दिया गया. टीएमसीपी कार्यकर्ता कलकत्ता विश्वविद्यालय के गेट पर काले झंडों के साथ जमा थे. जैसे ही रोडशो वहां से गुजरा, उन्होंने अमित शाह के खिलाफ नारे लगाए और काले झंडे दिखाए. आरोप है कि उन्होंने रोडशो पर ईंट और पत्थर फेंके. सुरक्षा कारणों से अमित शाह को अपना रोड शो रोकना पड़ा और उन्हें सुरक्षाकर्मियों मे महफूज जगह पर पहुंचाया गया.