लोकसभा चुनाव 2019: सुमित्रा महाजन ने छोड़ी चुनावी राह, 17वीं लोकसभा के दरवाजे हुए बंद
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लोकसभा चुनाव 2019: सुमित्रा महाजन ने छोड़ी चुनावी राह, 17वीं लोकसभा के दरवाजे हुए बंद

लोकसभा से सुमित्रा महाजन का नाता बहुत पुराना है वह आठ बार से इस सदन में इंदौर का प्रतिनिधित्व कर रही हैं.

सुमित्रा महाजन - फाइल फोटो

नई दिल्लीः पांच बरस पहले की ही तो बात है, जब 'ताई' को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16वीं लोकसभा का अध्यक्ष बनने पर बधाई दी थी और देश की समस्याओं के समाधान में उनके मार्गदर्शन को मूल्यवान बताते हुए लालकृष्ण आडवाणी और कई अन्य बड़े नेताओं के साथ उन्हें उनके आसन तक लेकर गए थे, लेकिन चुनावी राजनीति की बेदर्दी देखिए कि पांच साल तक लोकसभा की अध्यक्ष रहीं सुमित्रा महाजन के लिए 17वीं लोकसभा के दरवाजे बंद हो चुके हैं. लोकसभा से सुमित्रा महाजन का नाता बहुत पुराना है वह आठ बार से इस सदन में इंदौर का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. 

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MP की राजनीति में बड़ा नाम रही हैं सुमित्रा महाजन
परंपरागत भारतीय महिला की छवि वाली सुमित्रा महाजन को सभी दलों के लोग 'ताई' बुलाते हैं. मराठी में बड़ी बहन को ताई कहा जाता है और राजनीतिक हल्कों में सुमित्रा महाजन को 'ताई' के नाम से संबोधित किया जाना उनके प्रति राजनीतिक दलों और उनके समर्थकों के सम्मान का प्रतीक है. मीरा कुमार के बाद दूसरी महिला के तौर पर लोकसभा अध्यक्ष का प्रतिष्ठित पद संभालने वाली सुमित्रा महाजन मध्यप्रदेश की राजनीति का एक बड़ा नाम रही हैं. 

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इंदौर लोकसभा सीट से लगातार 8 बार जीतीं
ताई ने अपनी उपलब्धियों से अपने लोकसभा क्षेत्र इंदौर को गौरवान्वित किया और इंदौर ने भी लगातार आठ बार उन्हें चुनावी जीत दिलाकर उनके स्नेह का प्रतिदान दिया. उनकी चुनावी उपलब्धियों की बात करें तो लगातार एक सीट से आठ बार जीत दर्ज करने वाली वह देश की पहली महिला सांसद हैं. 2014 के चुनाव में सुमित्रा महाजन की 4 लाख 66 हजार 901 मतों से जीत मध्य प्रदेश के किसी भी उम्मीदवार की सबसे बड़ी जीत है. 

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संघ प्रचारक थे सुमित्रा महाजन के पिता
महाराष्ट्र के चिपलून में 12 अप्रैल 1943 को उषा और पुरुषोतम साठे के घर में जन्मीं सुमित्रा ने इन्दौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर और एलएलबी की शिक्षा प्राप्त की. उनके पिता संघ प्रचारक थे इसलिए राजनीति की समझ उनके खून में थी. 22 बरस की उम्र में वह बहू बनकर इंदौर चली आईं. उनके दो बेटे मिलिंद और मंदार हैं. मिलिंद आईटी प्रोफेशनल के साथ व्यवसाय भी करते हैं, वहीं मंदार कमर्शियल पायलट हैं. (इनपुटः भाषा)

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