लालू प्रसाद की गैरमौजूदगी में तेजस्वी यादव ने 234 सभाएं की हैं. वह बिहार में नंबर वन कैंपेनर बने हैं.
Trending Photos
पटनाः बिहार में लोकसभा चुनाव 2019 के लिए प्रचार खत्म हो चुका है. सभी सियासी दल चुनावी नतीजों के आकलन में जुट गए हैं. लेकिन इस बीच चर्चा नंबर वन इलेक्शन कैंपेनर को लेकर शुरु हो चुकी है. तेजस्वी यादव बिहार में नंबर वन कैंपेनर बनकर उभरे हैं. वहीं, सीएम नीतीश कुमार चुनाव प्रचार के मामले में दूसरे नंबर पर रहे हैं. आरजेडी के नेता इस बात से उत्साहित हैं कि लालू प्रसाद की कमी के तेजस्वी ने पूरी की है. हालांकि, बीजेपी ने तेजस्वी पर तंज कसते हुए कहा है कि खरगोश का कभी बाघ से मुकाबला नहीं हो सकता है. जबकि जेडीयू ने तेजस्वी की हालत थर्ड डिवजन से पास स्कूली बच्चे की तरह बताई है.
बिहार के लोकसभा की 40 सीटों पर सभी दलों के नेताओं ने धुंआधार चुनाव प्रचार किया है. चुनाव से पहले सभी दलों ने अपने स्टार कैंपेनरों की सूची भी जारी की थी. और अब उसका रिजल्ट भी आ चुका है कि आखिर किस नेता ने चुनाव प्रचार के लिए कितनी सभाएं की हैं. बिहार में तेजस्वी यादव नंबर वन इलेक्शन स्टार कैंपेनर बनकर उभरे हैं.
लालू प्रसाद की गैरमौजूदगी में तेजस्वी यादव ने 234 सभाएं की हैं. जिसमें रोड शो भी शामिल है. वहीं, इस मामले में दूसरे नंबर पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार हैं. नीतीश कुमार ने कुल 172 सभाएं की हैं. जबकि तीसरे नंबर पर डिप्टी सीएम सुशील मोदी हैं. सुशील मोदी ने अकेले 132 सभाएं और रोड शो किये हैं. इस दौर में जीतन राम मांझी ने भी 119 और रामविलास पासवान ने 52 सभाएं की है.
तेजस्वी यादव के नंबर वन कैंपेनर बनने से आरजेडी के नेता काफी उत्साहित हैं. आरजेडी नेता विजय प्रकाश ने कहा है कि तेजस्वी यादव ने आरजेडी को लालू प्रसाद की कमी नहीं खलने दी. तेजस्वी यादव ने सभी उम्मीदवारों की डिमांड को पूरा किया है. तेजस्वी यादव को लेकर जनता में भरोसा बढ़ा है. जनता के विश्वास के कारण ही तेजस्वी यादव ने लालू प्रसाद जितनी सभाएं की है.
तेजस्वी यादव के नंबर वन कैंपेनर बनने पर बीजेपी ने चुटकी ली है. पार्टी के प्रवक्ता नवल किशोर यादव ने कहा है कि खरगोस भी काफी तेज भागता है लेकिन बाघ का मुकाबला नहीं कर सकता है. उसी तरह हाथी का मुकाबला गधा घोड़ा बैल नहीं कर सकता है. तेजस्वी यादव के हालात ऐसी ही है.
इधर जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने भी तेजस्वी की उपलब्धि पर तंज कसा है. राजीव रंजन ने कहा है कि स्कूल के कुछ बच्चे किताबी बस्ते के बोझ तले दबे होते हैं. लेकिन पास तीसरे श्रेणी से ही करते हैं. तेजस्वी ने भले ही 200 सभाएं कर ली हों लेकिन जनता के पास बताने के लिए उनके पास कुछ नहीं था. न तो वह आरजेडी के 15 सालों के शासन का हिसाब दे पाए और न ही परिवार में दोनों भाईयों के बीच सत्ता की जंग पर जनता के बीच अपना पक्ष रख सके. नीतीश कुमार तो अपने विकास के कामों को लेकर जनता के बीच गए. नीतीश कुमार की 172 सभाएं तेजश्वी की 234 सभाओं पर कई गुना भारी रही हैं.