टीएमसी नेता और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने रमजान के दौरान प्रस्तावित लोकसभा चुनाव कार्यक्रम पर उठाए सवाल.
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नई दिल्ली : चुनाव आयोग की ओर से रविवार को घोषित किए गए लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम पर तृणमूल कांग्रेस के नेता और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने चुनावों को लेकर बीजेपी पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी नहीं चाहती कि अल्पसंख्यक मतदान करें. इसलिए रमजान के दौरान रोजे का ख्यान नहीं रखा गया है. लेकिन हम चिंतित नहीं हैं. हम वोट डालेंगे.
फिरहाद हकीम ने कहा है कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, हम इसका सम्मान करते हैं. हम उसके खिलाफ कुछ भी नहीं बोलना चाहते. 7 चरणों का चुनाव तीन राज्यों बिहार, यूपी और पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए कठिन होगा. यह उनके लिए और अधिक कठिन होगा जो रमजान में रोजा रखते हैं. क्योंकि इसी समय रमजान महीना भी होगा. उनका कहना है कि इन तीनों राज्यों में अल्पसंख्यकों की आबादी कहीं अधिक है. वे सभी रोजा रखते हुए अपना वोट डालेंगे. चुनाव आयोग को इसका ख्याल रखना चाहिए था.
बता दें कि चुनाव आयोग ने 17वीं लोकसभा का चुनाव सात चरण में, 11 अप्रैल से 19 मई के बीच कराने का फैसला किया है. सातों चरण के मतदान के बाद 23 मई को मतगणना होगी. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने रविवार को चुनाव कार्यक्रम घोषित करते हुए बताया कि आगामी लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 11 अप्रैल को होने वाले मतदान की अधिसूचना 18 मार्च को जारी की जाएगी. उल्लेखनीय है कि 2014 में 16वीं लोकसभा का चुनाव नौ चरण में कराया गया था.
अरोड़ा ने बताया कि आम चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने के साथ ही देश में चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है. अरोड़ा ने चुनाव आयुक्तों अशोक लवासा और सुशील चंद्रा के साथ बताया कि दूसरे चरण का मतदान 18 अप्रैल, तीसरे चरण का मतदान 23 अप्रैल, चौथे चरण का मतदान 29 अप्रैल, पांचवें चरण का मतदान छह मई, छठवें चरण का मतदान 12 मई और सातवें चरण का मतदान 19 मई को होगा. अरोड़ा ने बताया कि 23 मई को मतगणना के आधार पर चुनाव परिणाम घोषित होगा. समूची चुनाव प्रक्रिया 27 मई को सम्पन्न करने का लक्ष्य तय किया गया है.