1950 में लागू हुए भारतीय संविधान ने पहले दिन से महिलाओं को न केवल मतदान करने बल्कि चुनाव लड़ने का अधिकार दिया था. इसी अधिकार के चलते, 1951 के पहले लोकसभा चुनाव में 24 और 1957 के दूसरे लोकसभा चुनाव में 22 महिलाएं चुनाव जीत कर सांसद बनी थी.
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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) के नतीजों से पहले बात करते हैं भारतीय राजनैतिक इतिहास के अहम पन्ने की. जब दुनिया के करीब 19 देशों की महिलाएं मतदान का अधिकार पाने के लिए जनांदोलन कर रही थी, उस दौर में भारत का पहला लोकसभा चुनाव जीतकर 24 महिलाएं बतौर सांसद संसद पहुंची थीं. जी हां, हम बात कर रहे हैं 1951-52 में हुए भारत के पहले लोकसभा चुनाव लोकसभा की. इस दौर में दुनिया के करीब 19 देश ऐसे थे, जहां पर महिलाओं को मतदान का अधिकार नहीं था. वहीं, 1950 में लागू हुए भारतीय संविधान ने पहले दिन से महिलाओं को न केवल मतदान करने बल्कि चुनाव लड़ने का अधिकार दिया था. इसी अधिकार के चलते, 1951 के पहले लोकसभा चुनाव में 24 और 1957 के दूसरे लोकसभा चुनाव में 22 महिलाएं चुनाव जीत कर सांसद बनी थी. आइए चुनावनामा में जानते हैं कि दुनिया के किस देश में महिलाओं को कब मिला मतदान का अधिकार और भारत की राजनीति में महिलाओं की क्या स्थिति थी.
1951 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से निर्वाचित हुई थीं सर्वाधिक महिला सांसद
भारतीय संविधान के आधार पर हमारे देश में पहला लोकसभा चुनाव 1951 में हुआ. इस चुनाव में कुल 24 महिला सांसद चुनी गईं थीं. जिसमें सर्वाधिक 6 महिला सांसद उत्तर प्रदेश की विभिन्न संसदीय सीटों से चुन कर संसद पहुंची थीं. उत्तर प्रदेश से चुनी गई महिला सांसदों में शकुंतला नायर (गोंडा), श्योराजवती नेहरू (लखनऊ), उमा नेहरू (खीरी), विजयलक्ष्मी पंडित (लखनऊ-मध्य), महारानी कमलेंदु मतिइंद (बिजनौर), और गंगादेवी (बाराबंकी), शामिल हैं. इसके अलावा, 1951-52 के लोकसभा चुनावों में बम्बई से मणिमान बल्लभभाई पटेल (कैराना दक्षिण), जयश्री रायजी (बॉम्बे उपनगर), सुशीला गणेश मावलंकर (अहमदाबाद) और इंदिरा अनंत (पूना साउथ) को महिला सांसद चुना गया था. इसके अलावा, मध्य प्रदेश से मिनीमाता अगमदास गुरु (बिलासपुर-दुर्ग-रायपुर), अनसुइया काले (नागपुर) और अनसुइया बाई बोरकर (मंडारा) चुनाव जीत कर लोकसभा में पहुंची थीं.
1951 के पहले लोकसभा चुनाव में इन 9 राज्यों से चुनी गईं थीं 11 महिला सांसद
लोकसभा के दस्तावेजों के अनुसार, 1951 के पहले लोकसभा चुनावों में 12 राज्यों से कुल 24 महिला सांसद चुनी गई थीं. जिसमें उत्तर प्रदेश से 6, बम्बई से 4 और मध्य प्रदेश 3 महिला सांसद थी. इनके अलावा, पश्चिम बंगाल से रेणु चक्रवर्ती (बशीरहाट) और इला चौधरी (नबद्वीप) को सांसद चुना गया था. इतना ही नहीं, बिहार की पटना-पूर्व से तारकेश्वरी सिन्हा और भागलपुर सुषमा सेन सांसद बनी थीं. मद्रास के डिंडीगुल से अम्मू स्वामीनाथन, हिमाचल प्रदेश के मंडी-महासू से राजकुमारी अमृतकौर, मद्रास की तिरुवल्लुर से मारगथम चंद्रशेखर, पंजाब के करनाल से सुभद्रा जोशी, असम की स्वायत्त संसदीय सीट से बोलिनी खोंगमेन, नई दिल्ली से सुचेता कृपलानी और त्रावणकोर-कोचीन की त्रिवेंद्रम संसदीय सीट से एनी महिला सांसद के तौर पर लोकसभा पहुंची थीं. इसी तरह, 1957 के दूसरे लोकसभा चुनाव में कुल 45 महिलाओं ने चुनाव लड़ा था, जिसमें 22 महिलाएं चुनाव जीतकर संसद पहुंचने में कामयाब रही थीं.
भारत के बाद इन देशों ने महिलाओं को दिया मताधिकार का अधिकार
आजादी के बाद तैयार हुए भारत के संविधान में पहले दिन से महिलाओं को न केवल मतदान बल्कि चुनाव लड़ने का पूर्ण अधिकार दिया गया था. वहीं, दुनिया के करीब 35 देश ऐसे थे, जहां महिलाओं को मतदान के अधिकार के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा. इन देशों में न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया, फिनलैंड, कनाडा, अमेरिका, ब्रिेटन, स्पेन जैसे बड़े और विकसित देश भी शामिल थे. 1951 में हुए भारत के पहले लोकसभा चुनाव के बाद 19 देशों ने अपनी महिलाओं को मतदान का अधिकार दिया. इन देशों में कोलंबिया, ईरान, स्विटजरलैंड, जार्डन, कुवैत, संयुक्त राष्ट्र अमीरात और साउदी अरेबिया जैसे देश भी शामिल हैं. वहीं 1893 से 1950 के बीच करीब 24 देश ऐसे थे, जिन्होंने अपने देश में महिलाओं को मतदान करने का अधिकार दिया था. दुनिया में सबसे पहले महिलाओं को मताधिकार का अधिकार 1893 में दिया था.
1893 से 1950 के बीच इन देशों में महिलाओं को मिला मतदान का अधिकार
जिसके बाद, क्रमश: आस्ट्रेलिया, फिनलैंड, नार्वे, डेनमार्क, कनाड़ा, ऑस्ट्रिया, जर्मनी, पोलैंड, रूस, नीदरलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका, स्वीडन, ब्रिटेन, आयरलैंड, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, तुर्की, फ्रांस, इटली, अर्जेंटीना, जापान, मैक्सिको, पाकिस्तान और चीन में महिलाओं को मताधिकार दिया गया. वहीं 1957 में हुए भारत के दूसरे लोकसभा चुनाव की बात करें तो इस चुनाव में कुल 45 महिला प्रत्याशी मैदान में थीं. जिसमें सर्वाधिक 27 महिलाएं कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रही थीं. इसके अलावा, सीपीआई से 3, पीएसपी से 3, क्षेत्रीय दलों से 2 और निर्दलीय 9 महिलाएं चुनावी मैदान में थीं. इस चुनाव में कांग्रेस की 19, सीपीआई की 1, क्षेत्रीय दलों की 2 महिला प्रत्याशियों की जीत हासिल हुई थी. वहीं इस चुनाव में कुल 8 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी.