टेलीकॉम में 100% FDI और 11 क्षत्रों में बढ़ाई गई सीमा
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टेलीकॉम में 100% FDI और 11 क्षत्रों में बढ़ाई गई सीमा

सरकार ने नरमी से जूझ रही अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिये आज साहसिक कदम उठाते हुये दूरसंचार क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की छूट देने के साथ अत्याधुनिक रक्षा उत्पादन प्रौद्योगिकी सहित करीब एक दर्जन क्षेत्रों में एफडीआई सीमा बढ़ाने का फैसला किया।

ज़ी मीडिया ब्यूरो/एजेंसी
नई दिल्ली : सरकार ने नरमी से जूझ रही अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिये आज साहसिक कदम उठाते हुये दूरसंचार क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की छूट देने के साथ अत्याधुनिक रक्षा उत्पादन प्रौद्योगिकी सहित करीब एक दर्जन क्षेत्रों में एफडीआई सीमा बढ़ाने का फैसला किया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में हालांकि, नागर विमानन, हवाईअड्डा, मीडिया, बहु-ब्रांड खुदरा और पुरानी दवा कंपनियों में एफडीआई सीमा बढ़ाने पर कोई फैसला नहीं किया गया। सुधारों का यह दूसरा दौर 10 महीनों के भीतर आया है जब सरकार ने बहु-ब्रांड खुदरा एवं नागर विमानन जैसे क्षेत्रों में विदेशी निवेश के लिए द्वार खोले थे।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने यहां संवाददाताओं को बताया, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ कुछ महत्वपूर्ण विभागों के मंत्रियों की बैठक में खास-खास क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमों को उदार बनाने या उसकी सीमा बढ़ाने के बारे में सर्वसम्मति बनी। उन्होंने कहा कि जहां रक्षा क्षेत्र में एफडीआई सीमा 26 प्रतिशत पर बरकरार रखी गई है, वहीं इस क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी पर आधारित विनिर्माण के मामले में विदेशी निवेश सीमा बढ़ाने पर मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति में फैसला किया जा सकता है।
शर्मा ने कहा कि विवादास्पद बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा स्वत: स्वीकृत मार्ग से 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने का निर्णय किया गया है। स्वत: स्वीकृति मार्ग के तहत निवेश करने वाली कंपनियों को सरकार की पूर्व मंजूरी लेनी आवश्यक नहीं होती। इस क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाने संबंधी विधेयक राज्यसभा में लंबित है।
शर्मा ने कहा कि एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में स्वत: स्वीकृत मार्ग के जरिए 49 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति देने का निर्णय किया गया है। इससे अधिक एफडीआई प्रस्तावों पर विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) विचार करेगा।
मंगलवार को मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्रियों ने प्रधानमंत्री के सरकारी आवास पर बैठक की। बैठक में हिस्सा लेने वाले मंत्रियों में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, रक्षा मंत्री एके एंटनी, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा तथा दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल शामिल थे। उन्होंने कहा कि नागर विमानन क्षेत्र के अलावा हवाईअड्डों, मीडिया, पुरानी फार्मा कंपनियों व बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई में ढील देने पर कोई विचार नहीं किया गया। शर्मा ने कहा, एक कैबिनेट नोट तत्काल आगे बढ़ाया जाएगा और मंत्रिमंडल की अगली बैठक में इन निर्णयों को रखा जायेगा।
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल रिफाइनरियों, जिंस बाजारों, बिजली एक्सचेंजों, शेयर बाजारों व क्लियरिंग कारपोरेशनों के मामले में स्वत: स्वीकृत मार्ग के जरिए 49 प्रतिशत तक एफडीआई की अनुमति होगी, जबकि वर्तमान में एफआईपीबी से मंजूरी लेनी होती है।
आज किए गए निर्णय मायाराम समिति की सिफारिशों पर आधारित हैं। समिति ने करीब 20 क्षेत्रों में निवेश सीमा में ढील देने की सिफारिश की थी, लेकिन आज हुई बैठक में केवल 12 क्षेत्रों में निवेश सीमा के संबंध में निर्णय किया गया।
बेसिक एवं सेलुलर सेवाओं के मामले में एफडीआई सीमा मौजूदा 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दी गई। इसमें से 49 प्रतिशत तक एफडीआई की स्वत: स्वीकृत मार्ग से अनुमति होगी, जबकि बाकी निवेश के लिए एफआईपीबी की मंजूरी की दरकार होगी।
इसी तरह के नियम संपत्ति पुनर्गठन कंपनियों व चाय बागानों के लिए भी होंगे। कुरियर सेवाओं में स्वत: स्वीकृत मार्ग के तहत 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी गई है। इससे पहले, इतने ही निवेश के लिए एफआईपीबी की मंजूरी आवश्यक थी। साख सूचना फर्मों के मामले में 74 प्रतिशत एफडीआई की स्वत: स्वीकृत मार्ग के तहत अनुमति दी जाएगी।

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