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नई दिल्ली : भाजपा सदस्यों ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के समक्ष प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को बुलाने के मुद्दे पर इसकी बैठक से बुधवार को वाकआउट किया और समिति से इस्तीफे की धमकी दी।
भाजपा सदस्य जसवंत सिंह, यशवंत सिन्हा, धमेर्ंद्र प्रधान और रविशंकर प्रसाद ने बैठक से वाकआउट किया जिसमें गवाही देने वाले लोगों के नामों को अंतिम रूप दिये जाने की उम्मीद थी। भाजपा नेताओं का कहना है कि 2जी मामले में निष्पक्ष जांच के लिए प्रधानमंत्री सिंह और चिदंबरम का समिति के समक्ष पेश होना जरूरी है।
वाकआउट के बाद यशवंत सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा कि जब हमने पिछले आठ सप्ताह से लंबित गवाहों की सूची को अंतिम रूप देने की मांग उठाई तो कांग्रेस के सदस्यों ने असभ्यस भाषा का इस्तेमाल किया, जिसके बाद हमने वाकआउट किया। आज हमने वाकआउट किया है और इस्तीफे के बारे में फैसला बाद में करेंगे।
उन्होंने कहा कि हमने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री चिदंबरम को बुलाने की मांग की थी। कांग्रेस के सदस्यों ने हम पर जेपीसी को कंगारू कोर्ट में बदलने का आरोप लगाया। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि निष्पक्ष जांच के लिए जरूरी है कि हम प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को बुलाएं। 30 सदस्यीय जेपीसी में भाजपा के छह सदस्य हैं। समिति में 20 सदस्य लोकसभा से और 10 राज्यसभा से हैं और अलग अलग दलों का प्रतिनिधित्व करते हैं। समिति के अध्यक्ष कांग्रेसी नेता पी सी चाको हैं। जेपीसी में कांग्रेस के 10 सदस्य हैं। (एजेंसी)