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नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय के लिए आज एक अलग विशेष पिनकोड की घोषणा के बाद याचिकाओं और अन्य जरूरी पत्रों को जल्दी से जल्दी पहुंचाया जा सकेगा।
भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) पी. सदाशिवम ने उच्चतम न्यायालय के लिए विशेष पिनकोड 110201 के आवंटन पर प्रसन्नता व्यक्त की और डाक विभाग से देशभर के उच्च न्यायालयों को भी इसी तरह की सुविधा प्रदान करने पर विचार करने को कहा।
न्यायमूर्ति सदाशिवम ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि यह सुविधा उच्च न्यायालयों को भी प्राप्त होगी। आप पहले कोलकाता, मुंबई और चेन्नई जैसे महानगरों में स्थित उच्च न्यायालयों को यह सुविधा प्रदान करने के बारे में विचार कर सकते हैं।’ सीजेआई ने संचार और सूचना प्रौद्योगिकी तथा कानून मंत्री कपिल सिब्बल से पोस्ट कार्ड व्यवस्था को इस आधार पर बंद नहीं करने का सुझाव दिया कि ये अब भी गांवों में इस्तेमाल किये जाते हैं।
इस मौके पर सिब्बल ने कहा कि निकट भविष्य में देशभर के डाकघर को डिजिटल किया जाएगा और भारतीय रिजर्व बैंक ने सैद्धांतिक रूप से उन्हें बैंकों के रूप में काम करने की अनुमति दे दी है। उन्होंने कहा, ‘हालांकि बड़े निजी बैंकों ने इसका विरोध किया है।’ सिब्बल ने कहा कि बहुत अधिक डाक प्राप्त करने वाले यूपीएससी जैसे संस्थानों को विशेष पिनकोड देने पर विचार किया जा सकता है।
डाक विभाग ने पिनकोड प्रणाली शुरू होने के 41 वर्ष पूरे होने के मौके पर उच्चतम न्यायालय को विशेष पिनकोड प्रदान किया है। डाक विभाग की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि पिनकोड-110201 के साथ शीर्ष अदालत के लिए भेजे जाने वाली डाक भी बिना अड़चन के पहुंचेगी।